खेती की उन्नत तकनीकों की दी जानकारी
मंडला•Jan 26, 2021 / 07:08 pm•
Mangal Singh Thakur
Farmers of the divisional headquarters reached this tribal district to learn farming
मंडला. खेती को लाभ का धंधा बनाने और किसानों को खेती के उन्नत तरीके सिखाने के लिए न केवल जिले के किसानों को अन्य जिलों में प्रशिक्षण के लिए भेजा जा रहा है बल्कि अन्य जिले के किसानों को भी मुख्यालय स्थित कृषि विज्ञान केंद्र बुलवाया जा रहा है। शहडोल जिला के सहायक संचालक उद्यानिकी से किसानों का दल शैक्षणिक भ्रमण के लिए विज्ञान केंद्र पहुंचा। केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ विशाल मेश्राम ने केंद्र में आधुनिक तकनीकी से स्थपित की गई विभिन्न इकाईयों की जानकारी किसानों को दी।
पशुपालन में गिर एवं फ्रिजवॉल गाय, बकरी पालन में जमनापारी नस्ल, मुर्गीपालन में कड़कनाथ, नर्मदा निधि, गिनी फॉल, बत्तख पालन और खरगोश पालन के बारे में बारीकियां बताईं। इसके अलावा चारा उत्पादन इकाइयों को स्थापित करने की तकनीक बताई। चारा के लिए बरसीम, हायब्रिड नैपियर, पैराघ्रास, हायड्रोपोनिक्स चारा उत्पादन की जानकारी दी। आयस्टर एवं बटन मशरूम उत्पादन इकाई, रूफवाटर हार्वेस्टिंग, गोबर गैस प्रदर्शन इकाई, अमरुद उत्पादन इकाई, पुष्प वाटिका, गृह वाटिका, पोषण वाटिका, सब्जी उत्पादन संग्रहालय, गेंहू, चना, सरसों एवं अलसी फसल संग्रहालय दिखाया गया।
जैविक खाद उत्पादन किस तरह किया जाता है, इसकी जानकारी देने के लिए किसानों को केंचुआ खाद सह वर्मीवाश उत्पादन इकाई, जेर खाद, सींग खाद, मटका खाद, नाडेप खाद, मछली खाद, घन जीवामृत एवं सूक्ष्म पोषक तत्व, जैविक कीट के बारे में विस्तार से बताया और रोगनाशक उत्पादन इकाई में ब्रह्ममास्त्र, नीमास्त्र, अग्निअस्त्र, सोटासत्र, वेस्ट डिकम्पोजर मल्टिप्लिकेशन इकाई, अजोला उत्पादन इकाई, क्विनोवा फसल उत्पादन इकाई, ड्रमस्टिक उत्पादन इकाई, आदि के बारे में बताया। टमाटर उत्पादन, बहुस्तरीय फसल उत्पादन एवं समन्वित कृषि प्रणाली में ड्रिप सिंचाई पद्धति अत्यधिक प्रभावशील हो रही है। इसके बारे में जानकारी दी। किसानों को जानकारी उपलब्ध कराने में डॉ मेश्राम के साथ डॉ आरपी अहिरवार, डॉ प्रणय भारती, निलकमल पन्द्रे एवं केतकी धूमकेती शामिल रहे। दल में शामिल किसानों की समस्याओं का त्वरित निदान किया।