अतिशेष शिक्षकों को हटाने के बजाय जिले भर में चल रहा गड़बड़झाला
मंडला•Oct 19, 2021 / 09:32 pm•
Mangal Singh Thakur
Government order canceling posting by temporary order
मंडला. आदिवासी बहुल्य जिले की शिक्षा व्यवस्था बेपटरी हो गई है। शैक्षणिक सत्र का अधिकांश समय बीत चुका है। फिर भी जिले के दर्जनों शासकीय विद्यालयोंं में पढ़ाई अब तक शुरू नहीं हो पाई है। इस वजह से जिले के हजारों विद्यार्थियों का भविष्य संकट में है। अक्टूबर का महीना भी बीतने को है ऐसे में कब पढ़ाई शुरू होगी और कब पाठ्यक्रम पूर्ण होगा? यही चिंता जिले के छात्र-छात्राओं को खाए जा रही है। दरअसल शैक्षणिक सत्र शुरू होने के बाद जिले में अन्य जिलों से जिन शिक्षकों को स्थानांतरित करके भेजा गया उनमें से अधिकांश शिक्षकों को स्कूलों में नियुक्त नहीं किया जा रहा है। दूसरी ओर जिन विद्यालयों में एक भी शिक्षक नहीं है वहां भी किसी शिक्षक की पदस्थापना करने में विभाग कोई रुचि ही नहीं ले रहा है। शासकीय विद्यालयों का संचालन शुरू होने के ढाई महीनों बाद भी शिक्षक विहीन विद्यालयो में पदस्थ किए जाने वाले शिक्षकों की सूची अब तक तैयार नहीं हो पाई है। जिन शासकीय विद्यालयों में अतिशेष शिक्षक वर्षों से जमे हुए हैं, उनमें से अधिकांश अब भी वहीं हैं। उन्हें अब तक नहीं हटाया गया है। मात्र कुछ शिक्षकों को यहां-वहां कर खानापूर्ति की जा रही है। जनजातीय कार्य विभाग विभाग और शिक्षा विभाग की मनमानी ने जिले के छात्र-छात्राओं के भविष्य को अंधकारमय कर दिया है।
आदेश पर लगा रखी रोक
शिक्षा विभाग और जनजातीय कार्य विभाग ने शासकीय आदेश पर अस्थाई रोक लगा रखी है। इसके लिए सिलसिलेवार तरीका अपनाया जा रहा है। विभागीय सूत्रों के मुताबिक, पहले अतिशेष शिक्षकों को हटाने के लिए उन्हें शासकीय पत्र जारी किया जा रहा है। अधिकांश शिक्षक शहरी क्षेत्र से अन्यत्र जाना नहीं चाहते। वे किसी न किसी कारण को आधार बताकर बीईओ कार्यालय, मंडला में अपनी नवीन पदस्थापना को रुकवाने के लिए आवेदन दे रहे हैं। उनके आवेदन को स्वीकृत कर बीईओ कार्यालय से अस्थाई आदेश जारी किया जा रहा है और उनकी नवीन पदस्थापना को आगामी आदेश के लिए रोका जा रहा है। यह सिलसिला अतिशेष शिक्षकों और शिक्षक विहीन स्कूलों की सूची जारी होने के बाद 9 अगस्त 2021 से शुरू हुआ है जो अब तक जारी है। जिले भर में मात्र 25-30 शिक्षकों को स्थानांतरित कर शेष स्थानों पर यथास्थिति को बनाए रखा गया है। विभागीय सूत्रों के मुताबिक, इससे एक ओर जिला प्रशासन और प्रदेश शासन की आंखों में धूल झोंकी जा रही है और दूसरी ओर नवीन पदस्थापना के कुछ आदेश जारी कर शासन के आदेशों का पालन करना बताया जा रहा है।
आदेश पर बीईओ के हस्ताक्षर
गौरतलब है कि जिले भर में जितने अतिशेष शिक्षकों की यहां से वहां पदस्थापना की गई है और उनमें से जिन शिक्षकों के आवेदन पर स्वीकृति की मोहर लगाकर उनकी नवीन पदस्थापना को अस्थाई तौर पर निरस्त किया जा रहा है। उन आवेदनो में बीईओ-मंडला शैलेंद्र मालवीय के हस्ताक्षर हैं। बताया जा रहा है कि नवीन सूची के अनुसार, नई पदस्थापना के लिए बीईओ मंडला मालवीय को प्रभारी बनाया गया है। उनकी पदस्थापना को रुकवाने का दायित्व भी मालवीय पर सौंपा गया है।
फैक्ट फाइल:
जिले में अतिशेष शिक्षक 218
जिले में शिक्षकविहीन स्कूल 220
जिले में स्थानांतरित नए शिक्षक 205