30 बेड के अस्पताल में नहीं होती मरीजों की भर्ती
मंडला•Aug 24, 2019 / 04:51 pm•
Mangal Singh Thakur
IPD system will soon start in Ayurvedic hospital
मंडला. आदिवासी जिले में भर्राशाही और लापरवाही का उदाहरण बने शासकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय में व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के प्रयास शुरु कर दिए गए हैं। 30 बिस्तरों के इस अस्पताल में आज तक मरीजों को भर्ती किए जाने की व्यवस्था नहीं रही, यहां अब तक सिर्फ ओपीडी व्यवस्था उपलब्ध है। इस मुद्दे को पत्रिका ने 2 अगस्त के अंक में प्रमुखता से उठाया था। जिस पर आयुष विभाग ने मामले को संज्ञान में लिया और अब आयुर्वेदिक चिकित्सालय में आईपीडी की व्यवस्था शुरु कर दी गई है।
गौरतलब है कि इस चिकित्सालय में 30 बेड स्वीकृत हैं लेकिन यहां एक भी बेड उपलब्ध नहीं। यही कारण है कि इस चिकित्सालय में आने वाले किसी भी गरीब और गंभीर रूप से बीमार मरीज को भर्ती नहीं किया जाता, बल्कि जिला अस्पताल रेफर किया जा रहा है। शासकीय आयुवेॢदक चिकित्सालय में सबसे अधिक संख्या उन मरीजों की है जो गरीब और निर्धन वर्ग के हंै। ऐसे मरीजों की संख्या भी अधिक होती है जिनकी बीमारी का सही एवं पूर्ण उपचार तभी हो सकता है जब उन्हें अस्पताल में भर्ती किया जाए और चिकित्सकों की सतत निगरानी में रखा जाए लेकिन मरीज को भर्ती इसलिए नहीं किया जा रहा क्योंकि अस्पताल के सभी बेड कबाड़ का रूप ले चुके हैं।
दुरुस्त होने लगी व्यवस्था
मामला संज्ञान में आने पर जिला आयुष अधिकारी डॉ पीडी गुप्ता ने आयुर्वेदिक चिकित्सालय का निरीक्षण किया और वहां पाई गई अव्यवस्थाओं के कारण उपस्थित चिकित्सकों को फटकार भी लगाई। आरएमओ डॉ सुशील शिववंशी को व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के निर्र्देश दिए गए। डॉ शिववंशी का कहना है कि चिकित्सालय के जिस हॉल में कबाड़ भरा रखा था। उसे अलग करने के लिए शासन को पत्र लिखा जा चुका है। कबाड़ को अलग करने की प्रक्रिया जारी है। इसके अलावा हॉल को व्यवस्थित कर बेड की व्यवस्था की जा रही है। चिकित्सालय के पूरे कबाड़ को अलग करने के बाद आईपीडी व्यवस्था शुरु की जाएगी।