scriptजिले के लाखों उपभोक्ता चावल कोटे से वंचित | Millions of consumers deprived of rice quota in the district | Patrika News
मंडला

जिले के लाखों उपभोक्ता चावल कोटे से वंचित

सितंबर कोटे के चावल के लिए भी तरस रहे जरूरतमंद

मंडलाSep 23, 2020 / 09:51 pm

Mangal Singh Thakur

Millions of consumers deprived of rice quota in the district

Millions of consumers deprived of rice quota in the district

मंडला. जिले के गोदामों में हजारों टन अमानक स्तर का चावल भंडारण का मामला उजागर होने के बाद खाद्य आपूर्ति विभाग की सार्वजनिक वितरण प्रणाली-पीडीएस पूरी तरह से अव्यवस्थित हो चुकी है। गोदामों में भंडार किया गया चावल ही पीडीएस प्रणाली के जरिए जिले के लाखों उपभोक्ताओं तक पहुंचाया जाता है लेकिन केंद्र सरकार की टीम के रिपोर्ट में भंडारित चावल के अमानक स्तर के पाए जाने के बाद जिले के सभी गोदामों में भंडारित किए गए चावल के पीडीएस वितरण पर रोक लगा दी गई है। एक ओर सभी गोदामों के चावल की पुन: सैंपलिंग करके भेजी गई है और दूसरी ओर गोदामों में रखे गए चावल के पीडीएस वितरण पर रोक लगा दी गई है। यही कारण है कि जिले की शासकीय उचित मूल्य दुकानों को न ही सितंबर कोटे का चावल जारी हो सका और न ही अक्टूबर के कोटे के जारी होने की कोई संभावन है। यानि जिले के लाखों उपभोक्ताओं को अगले महीने भी चावल के लिए तरसना पड़ सकता है।
अभी और रिपोर्ट आनी बाकी
मप्र वेयर हाउस कॉर्पोरेशन के मंडला स्थित गोदामों में चावल का भंडारण किया गया है। जिले के कटंगी-सेमरखापा स्थित संगम वेयरहाउस में सर्वाधिक मात्रा में 1,02,267.88 क्ंिवटल चावल का स्टॉक किया गया है। इसके अलावा बम्होरी स्थित श्रीराम वेयरहाउस में 46236.50 क्विंटल चावल, मोहनटोला स्थित कमला वेयरहाउस में 3095.00 क्विंटल चावल एवं नांदिया स्थित आर्यन वेयरहाउस में 22.50 क्विंटल चावल का संग्रहण किया गया है। नान एवं एफसीआई के अधिकारियों ने संगम वेयर हाउस के अलावा तीन अन्य वेयरहाउस के चावल की सैंपलिंग की और उसे जांच के लिए भिजवाया। जिनमें से अभी कुछ गोदामों की ही रिपोर्ट भेजी गई है, विभागीय अधिकारियों का कहना है कि पूरी रिपोर्ट आने के बाद ही चावल को पीडीएस प्रणाली के लिए वितरित किया जा सकेगा।
केंद्र सरकार की टीम के औचक निरीक्षण और उसके बाद अन्य विभागीय टीम की जांच के बाद जिले के 14 राइस मिलर्स को चेतावनी दी गई थी कि वे गोदामों में रखे चावल को पुन: अपग्रेडिंग करके वापस उपलब्ध कराएं। मप्र वेयर हाउस कार्पोरेशन के गोदाम प्रभारी डीएस अर्गल के अनुसार, रिपोर्ट के मुताबिक कटंगी स्थित गोदाम में 231 मीट्रिक टन चावल को अपगे्रड करके राइस मिलर्स द्वारा उपलब्ध करा दिया गया है। जब तक इस चावल की पुन: सैंपलिंग नहीं होगी और उच्च अधिकारियों द्वारा इसे उपभोक्ताओं को वितरण करने योग्य नहीं बताया जाएगा तब तक इसे पीडीएस के लिए जारी नहीं किया जा सकेगा।
दूसरी ओर गोदामों रखे चावल की फ्यूमिगेशन के जरिए नमी से उपचार भी जारी है। दरअसल संगम वेयर हाउस के गोदामों को सीज किए जाने के बाद यहां नमी में बेतहाशा बढ़ोत्तरी हो गई। इससे चावल में कीड़े पडऩे की आशंका कई गुना बढ़ गई। इसलिए इस चावल के उपचार की आवश्यकता पड़ी। गोदाम प्रभारी अर्गल का कहना है कि फ्यूमिगेशन की प्रक्रिया लगातार जारी है। अब तक कटंगी स्थित दोनो गोदामों में भंडारित चावल का उपचार किया जा चुका है।
नहीं बंटेगा चावल
आदिवासी बहुल्य जिले में लोगों के भोजन का सबसे प्रमुख हिस्सा चावल ही है। जिले में 2.26 लाख परिवारों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के जरिए 522 राशन दुकानों से चावल उपलब्ध कराया जाता है। इन 2.26 लाख परिवारों की सदस्य संख्या 9.38 लाख से भी अधिक है। और ये सभी सदस्य चावल खाने को तरस गए हैं। सितंबर के महीने के चावल का कोटा राशन दुकानों को उपलब्ध नहीं होने से उपभोक्ता निराश होकर वापस लौट रहे हैं। उन्हें चावल का वितरण कब से होगा? इस प्रश्न का जवाब जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी के पास नहीं। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि रिपोर्ट आने के बाद मानकता के आधार पर चावल वितरण पर लगी रोक को हटाया जाएगा।

Home / Mandla / जिले के लाखों उपभोक्ता चावल कोटे से वंचित

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो