scriptविलुप्त हुए भाईबहिन पर पड़ा नाम | Name given to the extinct brother and sister | Patrika News
मंडला

विलुप्त हुए भाईबहिन पर पड़ा नाम

मवई क्षेत्र की पहचान है भाईबहिन नाला

मंडलाNov 29, 2020 / 10:39 am

Mangal Singh Thakur

विलुप्त हुए भाईबहिन पर पड़ा नाम

विलुप्त हुए भाईबहिन पर पड़ा नाम

संवाददाता- हरीश बिंझिया
पोषक ग्राम- भाईबहिन नाला
ग्राम पंचायत- खलौड़ी
जनसंख्या 600
विकासखंड- मवई
तहसील – बिछिया
मंडला. जिले के मवई विकासखंड क्षेत्र का सबसे पवित्र स्थलों में गिना जाता है भाईबहिन नाला संगम स्थल। यह संगम स्थल के कारण ही भाईबहिन नाला गांव की भी महत्ता है। मवई के खलौड़ी ग्राम पंचायत का पोषक ग्राम भाईबहिन नाला के नाम से एक रोचक कहानी जुड़ी हुई है।
गांव के बुजुर्ग नंदलाल का कहना है कि उन्होंने अपने दादा और उनके मित्रमंडली से सुना था कि क्षेत्र में कई वर्षों से एक पीपल का वृक्ष रहा और नजदीक ही हनुमान मंदिर है जो स्थानीय लोगों के लिए आस्था का केंद्र है। क्षेत्र का नाम भाई बहन नाला इसीलिए पड़ा क्योंकि लोधा बर्रा के जंगल में बस्ती में गौठान था जिसमें 2 बच्चे लोधा बर्रा से गायब हुए और दोनों भाई बहन आकर जिस स्थान पर मिले वह दो नदियों का संगम स्थल था इस संगम स्थल पर आकर दोनों भाई बहन मिले। उसी दिन से भाई-बहन नाला का संगम स्थल और गांव का नाम भाई बहन नाला पड़ा।
गांव के युवा हरीश और उनके साथियों ने बताया कि भाई नदी में पानी हमेशा कम रहता है और इसकी गहराई कम है। भाई नदी की चौड़ाई ज्यादा है और पानी का स्रोत कम है। बहन नदी में पानी का बहाव तेज रहता है और गहराई ज्यादा है। इस नदी की चौड़ाई कम है भीषण गर्मी में भी इस नदी का पानी नहीं सूखता।

बहन नदी राय जल्ला कटंगी पहाड़ी स्थित एक कुंड से निकलती है भाई नदी का स्रोत लोधा बर्रा पहाड़ से है। जामी के जंगल के अंदर पहाड़ से होते हुए यह बहता है। भाई नदी का विस्तार जामी गांव, रोल, करौंदा टोला, इंद्री, भीम डूंगरी, मुरकुटा होते हुए भाई बहन नाले में आकर मिलती है। बहन नदी राय जल्ला कटंगी, हुईटोला, खम्हार टोला, छिंदपुरी चंदगांव, खमरिया, खलारी, सालीवाडा, केकरा माल होते हुए भाईबहन नाला में समाहित होती है।

Home / Mandla / विलुप्त हुए भाईबहिन पर पड़ा नाम

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो