हजारों क्ंिवटल चावल की अपगे्रेडिंग में लेटलतीफी
मंडला•Oct 06, 2020 / 09:47 pm•
Mangal Singh Thakur
Non-standard rice in preparation for consumption again
मंडला. कोरोना संकट में जिले की नागरिक आपूर्ति निगम ने राइस मिलर्स के साथ मिलीभगत करके हजारों टन घटिया चावल राशन दुकानों के जरिए हितग्राहियों में खपा दिया था। जिले के वेयर हाउस में केेंद्र शासन की टीम की दबिश के बाद यह खुलासा हुआ और जिले के सभी चावल गोदामों के साथ साथ 14 राइस मिलर्स को भी सीज कर दिया गया। जांच प्रक्रिया के दौरान गोदामों और राइस मिलर्स को दोबारा खोला गया ताकि गोदामों में भंडार किए गए हजारों मीट्रिक टन चावल को राइस मिलर्स के जरिए अपग्रेड कराया जा सके ताकि उन्हें शासकीय उचित मूल्य की दुकानों से पीडीएस प्रणाली के जरिए वितरित किया जा सके।
शासन द्वारा जारी की गई गाइडलाइन और चेतावनी के अनुसार, चावल की अपग्रेडिंग के लिए राइस मिलर्स को एक सप्ताह का समय दिया गया था। इस बात को गुजरे हुए तीन सप्ताह बीत चुके हैं लेकिन अभी भी अमानक स्तर के चावल के भंडारण में से मात्र आधे का ही उठाव राइस मिलर्स के द्वारा किया गया है और उसमें से भी मात्र आधी मात्रा की अपगे्रडिंग की गई है। गौरतलब है कि जिले भर की गोदामों से 13 हजार 855 मीट्रिक टन चावल की सैंपलिंग 90 नमूनों के जरिए की गई थी। रिपोर्ट में 6528 मीट्रिक टन चावल को मानक स्तर का बताया गया और शेष 7327 मीट्रिक टन चावल अमानक स्तर का पाया गया। इस अमानक चावल में से अब तक राइस मिलर्स ने अपग्रेडिंग के लिए मात्र 3924 मीट्रिक टन चावल का ही उठाव किया है और उसमें से मात्र 1985 मीट्रिक टन चावल की अपग्रेडिंग की गई है। सूत्रों के मुताबिक, राइस मिलर्स के द्वारा अमानक चावल का धीमा उठाव और अपग्रेडिंग की धीमी प्रक्रिया के जरिए एक बार फिर अमानक स्तर के चावल को राशन दुकानों के जरिए हितग्राहियों में खपाने की तैयारी चल रही है क्योंकि यदि अमानक पाए गए पूरे चावल अपग्रेडिंक कराई गई तो इससे राइस मिलर्स को जमकर नुकसान होगा। उनके नुकसान को बचाने की चोरी छिपे कवायद जिले में फिर से शुरू कर दी गई है।
ऐसे हुआ खुलासा
केंद्र सरकार की टीम ने जुलाई महीने में जिले के कटंगी-सेमरखापा स्थित संगम वेयर हाउस के 61 में से 10 स्टेग के चावल का सैंपल लिया था। रिपोर्र्ट में खुलासा हुआ कि इस वेयरहाउस में स्टॉक किया गया चावल मुर्गीदाने के समान बदतर हालत में था जिसे सार्वजनिक वितरण प्रणाली के जरिए जिले के सैकड़ोंं शासकीय उचित मूल्य की दुकानों के जरिए बांटे जाने की तैयारी थी। केंद्र सरकार के टीम की रिपोर्ट में खुलासा होते ही प्रदेश शासन के निर्देश पर जिला प्रशासन हरकत में आया और सबसे पहले ईओडब्ल्यू की टीम की उपस्थिति में संगम वेयर हाउस के गोदामों में स्टॉक किए गए पूरे 61 स्टेग चावल के नमूने लिए गए। इसके बाद जिले के अन्य वेयर हाउस में संग्रहित लगभग 29 स्टेग चावल के सैंपल लेकर जांच के लिए भिजवाए गए हैं। जिले के सभी वेयर हाउस में संग्रहित लगभग 14 हजार मीट्रिक टन चावल की गुणवत्ता की जांच कराई गई।
तो खपा देते 7 हजार मीट्रिक टन घटिया चावल
आदिवासी बहुल्य जिले में पीडीएस-सार्वजनिक वितरण प्रणाली के जरिए लगभग 7 हजार 300 मीट्रिक टन अमानक चावल खपाने की तैयारी थी। यह बात पूरी तरह स्पष्ट हुई जब जिले भर के गोदामों में भंडारित चावल के लिए गए सैंपल से यह बात सामने आई है कि गोदामों में 7 हजार 327 मीट्रिक टन चावल अमानक स्तर का है और शेष 6 हजार 528 मीट्रिक टन चावल को ही शासकीय उचित मूल्य दुकानों के जरिए हितग्राहियों को वितरित किया जा सकता है। जिले भर से कुल 13 हजार 855 मीट्रिक टन चावल का सैंपल 90 स्टेग के जरिए लिया गया था। प्रत्येक स्टेग से 1 सैंपल लिया गया था। इसतरह कुल 90 सैंपल जांच के लिए भिजवाए गए थे। जानकारी के मुताबिक, इनमें से 39 सैंपल पास किए और शेष 51 सैंपल को फेल कर दिया गया है। एक स्टेग में लगभग 1500 क्ंिवटल चावल भंडारण किया जाता है।
इन मिलर्स के साथ हेरफेर
नागरिक आपूर्ति निगम के अकाउंट अधिकारी मनोज श्रीवास्तव ने जिले के जिन 14 राइस मिलर्स के साथ मिलकर इस घोटालेबाजी को अंजाम दिया। उन मिलर्स में माँ अन्नपूर्णा फूड इंडस्ट्रीज अंजनिया, बालाजी राईस इंडस्ट्रीज अमगवां पदमी, श्री फूड इंडस्ट्रीज भपसा, माँ राईस इंडस्ट्रीज कुड़वन, ओम शांति राईस इंडस्ट्रीज खड़देवरा, अमित राईस इंडस्ट्रीज कौरगांव, ओम श्री राईस इंडस्ट्रीज कौरगांव, सिद्ध बाबा राईस मिल मोहनटोला, जय मां भवानी राईस मिल मोहनटोला, मां शारदा राईस मिल मोहनटोला, मां बम्लेश्वरी राईस मिल ग्वारा, मां रेवा फूड इंडस्ट्रीज पौंड़ी महाराजपुर, कान्हा राईस मिल कटंगी एवं शशांक राईस इंडस्ट्रीज खैरी मंडला शामिल हैं।
फैक्ट फाइल:
13,855 मीट्रिक टन चावल की सैंपलिंग
6528 मीट्रिक टन चावल मानक
7327 मीट्रिक टन चावल अमानक
3924 मीट्रिक टन चावल का उठाव
1985 मीट्रिक टन चावल की अपग्रेङ्क्षडग