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रायपुर घटना के बाद एनटीसीए सख्त: अब बाघों के नजदीक ज्यादा देर नहीं रुक सकेंगे टूरिस्ट

रायपुर घटना के बाद एनटीसीए सख्त: अब बाघों के नजदीक ज्यादा देर नहीं रुक सकेंगे टूरिस्ट

मंडलाFeb 18, 2020 / 09:30 pm

ajay gupta

NTCA strict after Raipur incident: Tourists will not be able to stay n

रायपुर घटना के बाद एनटीसीए सख्त: अब बाघों के नजदीक ज्यादा देर नहीं रुक सकेंगे टूरिस्ट

मंडला। देश के किसी भी टाइगर रिजर्व में पर्यटन को लेकर निर्धारित गाईडलाइन का पालन नहीं हो रहा है। एनटीसीए- नेशनल टाइगर कंसर्वेशन अथॉरिटी ने हाल ही में गाईड लाइन का पालन कराने को लेकर एडवाइजरी जारी की है। जानकारी के अनुसार, यह एडवाइजरी देश के अन्य टाइगर रिजर्व की तरह कान्हा टाइगर रिजर्व को भी भेजी गई है। संभवत: इसलिए आशंका जताई जा रही है कि कान्हा टाइगर रिजर्व में वन्य प्राणियों को देखना अब और मुश्किल हो सकता है। जानकारी के अनुसार, टाइगर रिजर्व में पर्यटन संबंधी गाईडलाइन के पालन के लिए एनटीसीए ने एक एडवाइजरी जारी की है। जिसमें पार्क के अंदर सफारी के दौरान जिप्सियों के बीच 500 मीटर यानी आधा किलो मीटर का गैप रखने को कहा गया है। 2012 में जारी गाईडलाइन के अनुसार पर्यटकों की अधिकतम संख्या निर्धारित की गई है जिसमें सफारी के दौरान लगातार चल रहे वाहनों के बीच कम से कम 500 मीटर की दूरी बना के रखनी है। लेकिन पार्क सूत्रों के अनुसार, इस नियम का पालन ठीक से नहीं किया जा रहा है। जिसके कारण वन्य प्राणियों की साइट के दौरान भीड़ जमा हो जाती है। इससे एक जिप्सी में निर्धारित पर्यटकों की संख्या का कोई मतलब नहीं रह जाता। माना जा रहा है कि इससे वन्यप्राणियों के रहवास में फर्क पड़ता है। वन जीवन पर इंसानी दखल बढ़ जाता है।
एनटीसीए ने इस गाईड लाइन का पालन सख्ती से कराए जाने की सलाह दी है। जिसमें कहा गया है कि जंगल के अंदर चलने वाले सभी पर्यटकों के वाहनों के बीच 500 मीटर की दूरी होना सुनिश्चित किया जाए। साथ ही यह सुनिश्चित हो कि वन्यप्राणियों के पास भीड़-भाड़ न हो।
सैलानियों में निराशा
इस आदेश को लेकर वन्यप्राणी प्रेमियों में निराशा झलक रही है तो दूसरी ओर वन्यप्रेमियों में संतुष्टि। वन्यप्रेमियों का मानना है कि इससे टाईगर सहित वन्यप्राणी ज्यादा आजादी के साथ विचरण कर पाएंगे। टाइगर साइट पर मेला भी नहीं लगेगा और न ही वन जीवों का एकांत भंग होगा।
गौरतलब है कि कई बार एक ही स्पॉट में जिप्सियों की रैली लगने से टाइगर का रास्ता भी जाम हो जाता है। इस गाइडलाइन के बारे में सैलानियों का मानना है कि इससे टाइगर रिजर्व में पर्यटन समाप्त हो जाएगा। पर्यटकों को वन जीवों को देखने की आजादी नहीं रहेगी। टाइगर साइट वैसे ही मुश्किल होती है, अब तो यह और भी मुश्किल हो जाएगा। पर्यटन को पहले ही बहुत सीमित कर दिया गया। जंगल में पर्यटकों की आवाजाही से जानवरों की सुरक्षा में मदद भी मिलती है। कई बार जानवरों की सुरक्षा से जुड़ी जानकारी यही पर्यटक पार्क प्रबंधन को देते है।

देश के सभी टाइगर रिजर्व की तरह कान्हा टाइगर रिजर्व को एनटीसीए ने गाइडलाइन भेजी है। इसके परिपालन में प्रयास शुरु किए जा चुके हैं। गाइडलाइन का पूरा पालन होगा।
एल कृष्णमूर्ति, फील्ड डायरेक्टर, कान्हा टाइगर रिजर्व, मंडला।

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