नारायणगंज . ग्राम चुटका के ग्रामीणों के साथ आदिवासी महापंचायत गढ़ा मंडला प्रतिनिधि व दिल्ली से पहुंचे गुरदीप सप्पल को चुटका संघर्ष समिति के सचिव नवरत्न दुबे और चुटका संघर्ष महिला समिति मीरा बाई मरावी व ग्रामीणों द्वारा वास्तु स्थिति बताई गई। ग्रामीणों ने बताया कि सरकार किस प्रकार से आदिवासीयों के जमीन को सस्ते दामों में लेकर अधिग्रहित करने का
काम कर रही है। साथ ही ग्रामीण क्षेत्र को बर्बाद करने की साजिश भी सरकार की स्पष्ट दिखाई दे रही है। कुछ समय पूर्व सरकार द्वारा जनसुनवाई का कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें धारा 144 लगा कर चारों तरफ छावनी बना दी गई ग्रामीणों को वहां तक पहुंचने तक नहीं दिया गया सरकार बर्बरता और तानाशाह रवैया के साथ मनमानी करने पर उतारू है। ग्रामीणों की पूरी बात दिल्ली से पहुंचे गुरदीप सिंह ने सुना। उन्होंने ग्रामीणों को बताया कि पुनस्र्थापित करने का कहीं नियम नहीं है एक बार विस्थापित होने के बाद फिर से विस्थापित किया जा रहा है जो वास्तव में गलत है आदिवासियों के साथ
मध्य प्रदेश की सरकार लगातार इस प्रकार का रुख अपना रही है। वर्तमान में मनावर में भी अल्ट्राटेक सीमेंट फैक्ट्री के लिए आदिवासियों के जमीन को सस्ते दामों में लेकर अधिगृहीत किया गया है और यहां भी वैसे ही करने का प्रयास कर रही है। पांचवी अनुसूची क्षेत्र होने के बावजूद भी शासन-प्रशासन आदिवासी बाहुल्य जिला मंडला के आदिवासियों के जल, जंगल, जमीन, जमीर व उनके जीवन के साथ बर्बरता पूर्वक खिलवाड़ कर रही है। यहां बसे आदिवासियों का पूर्व में विस्थापन किया जा चुका है। जिस कारण इनके रीति रिवाज धर्म संस्कृति का बिखराव हुआ है जिस सबका सामाजिक दुष्प्रभाव उनके सामाजिक जीवन में पड़ता स्पष्ट दिखाई दे रहा है। आदिवासी महापंचायत गढ़ा मंडला प्रतिनिधियों के साथ बैठक के दौरान यह सब बातें ग्रामीणों द्वारा बताई गई। बातया गया कि देश के अंदर एकमात्र चुटका ही सरकार को परियोजना स्थापित करने के लिए आखिर क्यों दिखाई दे रहा है, हम्हें पुन: विस्थापन का दर्द क्यों देना चाह रही है, जबकि एक बार पहले भी विस्थापित होकर ग्रामीणों ने बहुत कुछ खोया है। बरगी विस्थापन के दौरान भी मुआवजा पैकेज आदि में सरकार द्वारा आदिवासियों के साथ छलावा ही किया गया था। बैठक में बताया गया कि पुलिस प्रशासन के माध्यम से लगातार ग्रामीणों को डरा, धमका कर उनके ऊपर दबाव बनाना आम बात है। बैठक में बताया गया कि परियोजना स्थापित करने परियोजना को पर्यावरणीय स्वीकृति व पूर्ण स्वीकृति नहीं मिली है। इसके बाद भी लोगों को इनके द्वारा मुआवजा बांटा जा रहा है। साथ ही परियोजना स्थापना कार्य शुरू करने की फिराक में भी लगे हुए हैं। आदिवासी महापंचायत के प्रतिनिधि डॉ अशोक मर्सकोले संयोजक आदिवासी महापंचायत, भूपेंद्र वरकडे संयोजक आदिवासी महापंचायत व उपाध्यक्ष जनपद पंचायत नारायणगंज, नारायण पट्टा पूर्व विधायक बिछिया द्वारा ग्रामीणों की लड़ाई में हर स्तर पर सहयोग करने की बात कही गई। बताया गया कि महापंचायत पदाधिकारियों द्वारा पांचवी अनुसूची क्षेत्र में संविधान विरोधी सरकार की नीतियों के विरोध में और लगातार आदिवासियों के साथ शोषण दमनकारी व्यवहार के विरोध में आगामी समय गढ़ा मंडला में प्रदेश स्तरीय महापंचायत का आयोजन कर लोगों को संवैधानिक जानकारी पांचवी अनुसूची अंतर्गत अधिकारों आदि की देकर जन जागरूकता का कार्य करेगी। सरकार द्वारा आदिवासियों के जल जंगल जमीन संस्कृति आदि का बिखराव करने के विरोध में सरकार के खिलाफ उग्र आंदोलन करने की चेतावनी दी गई। इस दौरान संतूलाल मरावी सदस्य आदिवासी महापंचायत, राजेंद्र पट्टा नेशनल जयस कार्यकर्ता, कमलेश तिलगाम नेशनल जयस कार्यकर्ता, जय परतेती अधिवक्ता व सदस्य महापंचायत, बबलू सोयाम, झुन्नी सोयाम, राजू मरावी, जगदीश परस्ते, डुमारी लाल वरकड़े, अजय वरकड़े, संजू परते, गिरवर वरकड़े, हनुमत कुंजाम सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे।
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