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मंडला

शिक्षक बने अभिभावक, दूर कर रहे बेसहारा भाई-बहिन की समस्या

बेसहारों के सहारा बने शिक्षक दिलीप मरावी, पढ़ाई लिखाई के साथ भरण पोषण की उठाई जिम्मेदारी

मंडलाJul 06, 2020 / 10:48 am

Mangal Singh Thakur

शिक्षक बने अभिभावक, दूर कर रहे बेसहारा भाई-बहिन की समस्या

शिक्षक बने अभिभावक, दूर कर रहे बेसहारा भाई-बहिन की समस्या

मंडला. कोरोना महामारी ने जहां पूरी दुनिया को नुकासन पहुंचाया है वहीं दो बेसहारा बच्चों को सौगात दी है। क्योंकि कोरोना संक्रमण के दौरान ही बच्चों को ऐसे शिक्षक मिले जो उनके लिए अभिभावक बन कर समाने आए हैं। तत्काल आर्थिक मदद करने के साथ ही अजीवन मदद करने का आश्वासन भी शिक्षक ने दिया है। शिक्षक अपने परिवार के साथ मिलकर बच्चों की छोटी-छोटी समस्याएं भी दूर करने का प्रयास कर रहे हैं। जानकारी के अनुसार नारायणगंज विकासखंड के अंतर्गत ग्राम पंचायत मालधा में एक झोपड़ी में मातृ-पितृ हीन बेसहारा तेरह वर्षीय बालक रामा आर्मो व सोलह वर्षीय बालिका सुदामा आर्मो रह रही थी। जिनकी माता शांति बाई और पिता छोटे लाल का स्वर्गवास हो चुका है। दो माह पूर्व कोरोना महामारी के लॉक डाउन के चलते जरूरतमंद परिवारों को अनाज वितरण करते आदिवासी जनजातीय, अधिकारी कर्मचारी संगठन के अधिकारी कर्मचारी ग्राम मलधा पहुंचे थे तब बच्चों से मुलाकात हुई थी। इन बच्चों की दयनीय स्थिति, उनके उजड़े छप्पर को देखकर सभी का मन मानवीय वेदना से कराह उठा। इसी दौरान आकास की टीम के मीडिया प्रभारी शिक्षक दिलीप मरावी के द्वारा पूरी टीम व गांव के सभी ग्रामीण जनों के समक्ष इन बच्चों को आजीवन के लिए गोद लेने का संकल्प लिया गया। शिक्षक दिलीप मरावी ने बच्चों की शिक्षा व अन्य जरूरतों की जिम्मेदारी ली। शिक्षक ने तत्काल 14 सौ रुपये का आर्थिक सहयोग दिया। अब शिक्षक ने अपनी पत्नी दीप्ति मरावी के साथ दोनो बच्चों की छोटी-छोटी समस्या दूर करने में जुटे हुए हैं। हाल ही बच्चों के घर का छप्पर की मरम्मत कराई। इसके लिए उन्हें पुतला मझगांव से खपरा, मलगा सहित अन्य सामग्री बुलानी पड़ी। वहीं बच्चों को खाद्यान व किराना सामग्री भी दी।
दिलीप मरावी का कहना है कि हमारी पूरी कोशिश होगी बच्चों के जीवन में खुशियां दे सकें। उन्हें अच्छी शिक्षा दिला सकें। यह भी कोशिश होगी माता-पिता की कमी महसूस न हो। सुदामा आर्मो कक्षा 11वीं व रामा आर्मो 8वी में पढ़ाई करेंगे।
बताया गया कि शिक्षक दिलीप मरावी शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बबलिया में पदस्थ हैं। वे स्काउट शिक्षक भी हैं। ट्रायबल वेलफेयर टीचर्स एसोसिएशन के कोरोना संक्रमण से बचाव हेतु जागरूकता एवं जरूरतमंदों की सहायता अभियान में भी शामिल रहे हैं।

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