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अफसरशाही पर लगाम लगाने ई-ऑफिस की तैयारी

कल से अधिकारियों को मिलेगा प्रशिक्षण

मंडलाDec 09, 2019 / 10:48 am

Mangal Singh Thakur

सावधान! मोबाइल पर SMS या E-mail लिंक भेजकर, क्लिक करते ही खाते से उड़ा रहे रुपए

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मंडला. लालफीताशाही पर लगाम लगाने और कार्यालयीन काम काज में तेजी लाने के लिए प्रदेश सरकार की नई व्यवस्था इ-ऑफिस की तैयारियां जिले में लगभग पूरी हो चुकी है। सरकार की तय टाइम लाइन के अनुसार एनआईसी ने कलेक्ट्रेट सहित विभिन्न विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों को इ-ऑफिस सिस्टम का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
इ-ऑफिस के प्रभावी एवं सुगम क्रियान्वयन के लिए कलेक्टर डॉ जगदीश चन्द्र जटिया द्वारा अधिकारी कर्मचारियों को प्रशिक्षण के आदेश जारी किए गए हैं। प्रशिक्षण कार्यक्रम 9 दिसम्बर से 1 जनवरी 2020 के मध्य सम्पन्न होगा। एक दिवसीय यह प्रशिक्षण सुबह 11 बजे से 1.30 बजे के मध्य दिया जाएगा। इ-ऑफिस सिस्टम लागू होने के बाद कार्यालयों में कागजी नस्तियों का दौर लगभग खत्म हो जाएगा। इससे किसी भी डेस्क पर लंबित रहने वाली फाइल का पता भी आसानी से चल सकेगा और यह भी तुरंत पता चल सकेगा कि लेट-लतीफी किस स्तर पर हो रही है। प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद सभी शासकीय सेवकों की शासकीय इ-मेल आईडी बनाया जाएगा। माना जा रहा है कि अगर सब कुछ ठीक रहा तो नये साल स ेकलेक्ट्रेट में इ-ऑफिस सिस्टम लागू हो जाएगा।
प्रदेश सरकार ने इ-ऑफिस प्रणाली के लिये जिला मुख्यालयों में दिसंबर तक की टाइम लाइन तय की हुई है। जिसका अंतिम प्रशिक्षण में कलेक्ट्रेट के अधिकारियों और लिपिकीय स्टाफ के अलावा राजस्व, फूड और पीएचई के अमले को भी प्रशिक्षण दिया जाएगा। नई व्यवस्था से शासकीय कामकाज तेज गति से तो होगा ही साथ ही कागजों के नाम पर होने वाले स्टेशनरी व्यय के खर्च में भी काफी कमी आएगी। इस व्यवस्था के संबंध में बताया गया कि इसके तहत इ-फाइल प्रणाली, इ-भ्रमण प्रणाली, ज्ञान प्रबंधन प्रणाली, इ-सेवा पुस्तिका प्रणाली, मानव संसाधन प्रबंधन प्रणाली, सामूहिक कार्य व मैसेज सेवाए स्पैरो-वार्षिक गोपनीय चरित्रावली मूल्यांकन आदि शामिल होंगे।
इ-मेल से जाएगी फाइल
अभी जो नस्तियां डाक या प्यून के माध्यम से एक स्थान से दूसरे स्थान जाती हैं वे इ-ऑफिस प्रणाली में इ-मेल के माध्यम से जाएंगी। इसमें डाक और आवेदनों को स्कैन करके पूरा ब्यौरा रखा जाएगा। सिस्टम के अनुसार वरिष्ठ अधिकारियों के मौखिक निर्देश को भी इ-फाइल में लिखकर उसकी पुष्टि संबंधित अधिकारी से कराई जा सकेगी। इ-आफिस सिस्टम में अभी कुछ ऐसी नस्तियां और काम ऐसे भी होंगे जो पहले चरण में इ-ऑफिस से मुक्त होंगे। इसके तहत भारत सरकार के साथ किए जाने वाले पत्र-व्यवहार जिसमें मैन्युअल फाइल जरूरी हो शामिल है। इसके अलावा राष्ट्रपति भवन, राजभवन, लोकायुक्त कार्यालय, विधानसभा सचिवालय, ईओडब्ल्यू या अन्य ऐसे कार्यालय व आयोग, जिनसे इ-ऑफिस से पत्र व्यवहार संभव नहीं है वहां पूर्ववत व्यवस्था ही लागू रहेगी। इसके अलावा न्यायालयीन कार्य व प्रकरण को भी इ-ऑफिस सिस्टम से बाहर रखा गया है।
यह होगा फायदा
एनआईसी की माने तो इ-ऑफिस सिस्टम लागू होने के बाद समय की बचत तो होगी ही साथ ही कागज का उपयोग घटेगा। मानव श्रम की बचत होगी। सबसे बड़ी बात कामकाज में तेजी आएगी और कोई भी फाइलें छिपाई और गायब नहीं की जा सकेंगी और हर फाइल को आसानी से ढूंढ़ा और पता किया जा सकेगा।

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