मंडलाPublished: Nov 25, 2021 09:21:05 pm
Mangal Singh Thakur
गायों के उपचार के लिये विकासखण्ड स्तर पर होगी एम्बुलेंस
Promotion of cows is necessary for world conservation: Akhileshwaranan
मंडला. समूचे जगत के संरक्षण के लिये गौवंश का संवद्र्धन आवश्यक है। यह बात वैज्ञानिक दृष्टि से भी प्रमाणित है, इसीलिये इसे विश्व की माता कहा गया है। देसी गाय धार्मिक, सामाजिक, आर्थिक एवं पर्यावरण की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। विहिप कार्यालय प्रांगण में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ये बातें मप्र गौ संवद्र्धन बोर्ड के अध्यक्ष महामण्डलेश्वर स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरी महाराज ने कहीं। विश्व हिन्दू परिषद द्वारा गौपालक सम्मेलन आयोजित किया गया था। सम्मेलन में राज्यसभा सांसद सम्पतिया उइके, प्रांत संगठन मंत्री सुरेन्द्र सिंह, प्रांत मंत्री ललित पारधी, राष्ट्रीय स्वयं सेवक के प्रांत गौ रक्षा प्रमुख राजकुमार, प्रांत सह गौ रक्षा प्रमुख राजेश तिवारी, विभाग संगठन मंत्री अवधेश सिंह, मातृशक्ति प्रांत सह संयोजिका वंदना अवस्थी, विहिप जिला अध्यक्ष विभोर अग्रवाल सहित अन्य कार्यकर्ता तथा बड़ी संख्या में गौपालक उपस्थित रहे। गौपालक सम्मेलन का प्रारंभ गौ पूजा से किया गया। कार्यक्रम के प्रारंभ में प्रांत सह गौरक्षा प्रमुख राजेश तिवारी ने प्रतिवेदन प्रस्तुुत किया।
स्वामी अखिलेश्वरानंद महाराज ने कहा कि गाय का दूध अमृत तुल्य होता है। गाय का स्वरूप व्यापक है, सभी प्राणियों में इसके उपकार है। गौ वंश की रक्षा के संकल्प में सम्पूर्ण जगत की रक्षा का भाव निहित होता है। रासायनिक खादों के दुष्प्रभाव के कारण पंजाब सहित अनेक स्थानों में अधिक जमीन के उर्वरा शक्ति कम होती जा रही है। रसायनिक खादों की उपज खाने से लोगों के स्वास्थ्य पर भी विपरीत प्रभाव पड़ रहा है, ऐसी खादों के उपयोग से अनेक गंभीर बीमारियां होती है।
आत्मनिर्भर बनाने की आवश्कता
स्वामी अखिलेश्वरानंद ने कहा कि गौ पालक जब लापरवाह होते हैं तब गाय सड़कों पर मिलती है। गौ संरक्षण के लिये गौ शालाएं समाधान नहीं है। ऐसा वातावरण तैयार किया जाना चाहिये कि कोई भी व्यक्ति अपनी गाय को गौशाला न भेजे। दूध, गौमूत्र एवं गोबर पर आधारित उत्पादों के माध्यम से गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने प्रत्येक व्यक्ति से कम से कम एक रोटी या 10 रूपये प्रतिदिन गौ ग्रास के लिये निकालने का आव्हान किया। चरनोई भूमि के संबंध में कहा कि म.प्र. चरनोई भूमि संरक्षण मिशन के माध्यम से चरनोई भूमि को संरक्षित करने का प्रयास किया जा रहा है। चरनोई भूमि में किये गये अतिक्रमण हटाये जायेंगे। इस संबंध में आवश्यक जानकारी संकलित की जा रही है। गाय का निवाला छीनने वालों को बख्शा नहीं जायेगा। उन्होंने अपने संबोधन में म.प्र. गौ संवद्र्धन बोर्ड द्वारा किये जा रहे कार्यों की भी जानकारी दी।
गायों के उपचार के लिये एम्बुलेंस
स्वामी ने कहा कि गौ संर्वद्धन बोर्ड तथा प्रदेश सरकार द्वारा गायों के उपचार के लिये जल्द ही विकासखण्ड स्तर पर एम्बुलेंस की व्यवस्था की जा रही है। गौ सेवकों द्वारा किये जा रहे कार्य अनुकरणीय हैं। उन्हें समाज तथा सरकार द्वारा समुचित सम्मान मिलना चाहिये। गौ सेवकों के सम्मान के लिये उन्होंने अपने 3 माह का वेतन समर्पित करने की बात कही। सम्मेलन को संबोधित करते हुये प्रांत संगठन मंत्री सुरेन्द्र सिंह ने कहा कि देश के उत्थान के लिये गाय की महती उपयोगिता है। उन्होंने अनेक उदाहरणों के माध्यम से गौमूत्र चिकित्सा पद्धति को प्रोत्साहित करने की बात कही। प्रांत मंत्री ललित पारधी ने देसी गाय के दूध, मूत्र एवं गोबर के गुणों की चर्चा करते हुये गौ आधारित खेती एवं व्यवसाय को आवश्यक बताया। राष्ट्रीय स्वयं सेवक के प्रांत गौ रक्षा प्रमुख राजकुमार ने कहा कि असाध्य बीमारियों में भी पंचगव्य चिकित्सा पद्धति वरदान साबित होती है। किसानों से नरवाई न जलाने तथा खेतों में गोबर खाद का उपयोग करने का आग्रह किया।