इनका कहना है
यहां के लोग सड़क निर्माण के लिए काफी उत्साहित रहे। प्रयास शिक्षा समिति ने प्रोत्साहन स्वरूप कपड़ा आदि देकर श्रमदान के लिए प्रेरित किया है। अब मरम्मत के लिए भी राहत सामग्री दी जा रही है। ताकि गांव के लोग आत्मनिर्भर बन सकें।
उतरा पड़वार, अध्यक्ष प्रयास शिक्षा समिति सिझौरा
रास्ता बनने से काफी राहत मिली है। बोरिंग गाड़ी आने से पांच मोहल्ले में हैंडपंप स्थापित हो गए हैं। बच्चे पढ़ाई करने दूसरे गांव जा पा रहे हैं। वहीं अलग-अलग बसे मोहल्ले को जोडऩे के लिए भी ग्रामीणों ने श्रमदान कर कच्ची सड़क बनाई है।
अशोक पड़वार, समाज सेवी
प्रशासन से मांग की जा रही है कि मार्ग को पक्की सड़क में बदला जाए। ताकि स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सके और अन्य विकास कार्य भी हो सके। प्रयास शिक्षा समिति काम के बदले सामग्री दे रही है जिससे लोग उत्साह के साथ अपनी समस्या दूर कर पा रहे हैं।
नंदलाल उइके, स्थानीय निवासी