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मंडला

श्रमदान कर बनाई सड़क अब मरम्मत की जिम्मेदारी भी उठाई

तीन साल पहले पहाड़ काट बनी सड़क अब तक नहीं हो सकी पक्की

मंडलाAug 07, 2020 / 08:14 pm

Mangal Singh Thakur

श्रमदान कर बनाई सड़क अब मरम्मत की जिम्मेदारी भी उठाई

श्रमदान कर बनाई सड़क अब मरम्मत की जिम्मेदारी भी उठाई

मंडला. ग्रामीणों ने ठाना तो पहाड़ी काटकर चार किलोमीटर की सड़क बन गई। सड़क बनी तो पानी भी पहुंचा और अब विकास कार्य भी होने लगे हैं। यहां तक की सड़क की मरम्मत की जिम्मेदारी भी ग्रामीणों ने ही उठा रखी है। जानकारी के अनुसार घुघरी विकास खंड के अंतर्गत परसवाह ग्राम पंचायत के पोषक ग्राम बहरा टोला पहाड़ के ऊपर ग्राम कठैडीह से 4 किलोमीटर ऊंचाई पर बसा है। यहां आदिवासी वर्ग के लोग निवासरत हैं। पहुंच मार्ग न होने के कारण पहले यह ग्राम शासकीय योजनाओं से कोषों दूर रहा और आज भी अधूरा ही है।
3 वर्ष पूर्व सामाजिक संस्था प्रयास शिक्षा समिति का इस गांव से संपर्क हुआ। तब यह समस्या संस्था के संज्ञान में आई। प्रयास शिक्षा समिति गांव की समस्या हाल कराने काम के बदले कपड़े, खाद्यान लोगों को देकर प्रोत्साहित करती है। इसी प्रेरणा से प्रेरित होकर गांव के लोगों द्वारा श्रमदान से पहुंच मार्ग का बीड़ा उठाया गया और लोग इस कार्य में लग गए एवं लोगों के अथक प्रयास व मेहनत से कठैडीह से बहरा टोला तक पहुंच मार्ग निर्माण करने में सफल हुए। इसे बनाने मे लोगों को 1 वर्ष का समय लगा। एक वर्ष बाद यह बात जनप्रतिनिधियों के संज्ञान में आई ओर ग्राम पंचायत ने मनरेगा के तहत इसे ग्रेवल मार्ग बनाने का कार्य किया। लेकिन ये मदद न काफी ही रही। पहली बरसात में ही सड़क जगह जगह से बह गई है। सड़क में गड्ढे हो गए हैं। जिसे गांव के लोगों द्वारा नि:स्वार्थ भाव से मरम्मत कर आवागमन लायक बनाया जा रहा है। ग्रामीणों द्वारा समय समय पर सड़क बहने व टूटफूट होने पर इस मार्ग की मरम्मत की जाती है। इस कार्य में सामाजिक संस्था प्रयास शिक्षा समिति लोगों को मार्गदर्शन व कार्य के प्रति प्रेरित कर रही है।
ग्रामीणों ने बताया कि सड़क निर्माण से गांव का विकास होने लगा है। पहले ग्रामीण झिरिया का पानी पीते थे। सड़क बनाने के बाद बोरिंग के लिए वाहन गांव तक पहुंच गया और गांव में नलजल योजना शुरू हो गई। लेकिन कच्चा मार्ग होने के कारण एम्बुलेंस, डायल 100 जैसे छोटे वाहनो के पहुंचने में परेशानी हो रही है। मार्ग के पक्के निर्माण हो जाने से काफी राहत मिलेगी। पक्की सड़क बन जाएगी तो लोग सुविधा और शासकीय योजनाओं का लाभ उठा सकेंगे। मार्ग निर्माण के पूर्व लोगों को पढ़ाई, बाजार व अन्य कार्य के लिए लगभग 5 किलोमीटर पहाड़ी रास्ते से पगडंडी के सहारे गांव के बाहर जाते थे। अब पैदल आने जाने में दूरी भी कम हुई है और रास्ता भी असान हुआ है।

इनका कहना है
यहां के लोग सड़क निर्माण के लिए काफी उत्साहित रहे। प्रयास शिक्षा समिति ने प्रोत्साहन स्वरूप कपड़ा आदि देकर श्रमदान के लिए प्रेरित किया है। अब मरम्मत के लिए भी राहत सामग्री दी जा रही है। ताकि गांव के लोग आत्मनिर्भर बन सकें।
उतरा पड़वार, अध्यक्ष प्रयास शिक्षा समिति सिझौरा


रास्ता बनने से काफी राहत मिली है। बोरिंग गाड़ी आने से पांच मोहल्ले में हैंडपंप स्थापित हो गए हैं। बच्चे पढ़ाई करने दूसरे गांव जा पा रहे हैं। वहीं अलग-अलग बसे मोहल्ले को जोडऩे के लिए भी ग्रामीणों ने श्रमदान कर कच्ची सड़क बनाई है।
अशोक पड़वार, समाज सेवी


प्रशासन से मांग की जा रही है कि मार्ग को पक्की सड़क में बदला जाए। ताकि स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सके और अन्य विकास कार्य भी हो सके। प्रयास शिक्षा समिति काम के बदले सामग्री दे रही है जिससे लोग उत्साह के साथ अपनी समस्या दूर कर पा रहे हैं।
नंदलाल उइके, स्थानीय निवासी

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