हर शिवालय में सुबह से होते रहे अभिषेक
मंडला•Aug 13, 2019 / 06:07 pm•
Mangal Singh Thakur
Shiva devotees gathered in the worship of the last Sawan Som
मंडला. 12 अगस्त को श्रावण मास का अंतिम सोमवार पड़ा। इस दिन शुक्ल पक्ष का प्रदोष व्रत होने के कारण सावन सोम की महिमा और अधिक बढ़ गई और सुबह से ही शिवालयों में शिवभक्तों की भीड़ उमड़ती रही जो कल रात तक भी जारी रही। इस बारे में ज्योतिषाचार्य पंडित राकेश शास्त्री ने बताया कि दरअसल श्रावण माह में सोम प्रदोष का होना भगवान शिव की प्रसन्नता का प्रतीक है और सोम प्रदोष में शिव आराधना करने से निर्धन को धन, नि:सन्तान को सन्तान की प्राप्ति होती है। यही कारण है कि सुबह से शिवभक्तों ने तरह तरह के अभिषेक से भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने का प्रयास किया। पंडित विजयानंद का कहना है कि श्रावण मास का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है कि शुक्ल और कृष्ण दोनों पक्ष का प्रदोष व्रत सोमवार को ही पड़ा। गौरतलब है कि इस वर्ष श्रावण मास में चार सोमवार पड़े थे, जिसमें दूसरे सोमवार को सोम प्रदोष, तीसरे सोमवार को नाग पंचमी और अंतिम सोमवार को भी सोम प्रदोष पड़ा है।
सोम प्रदोष व्रत का लाभ
पंडित लक्ष्मीकांत द्विवेदी का कहना है कि सावन सोमवार का व्रत रहने से जातक को संतान सुख, धन, निरोगी काया और मनोवांछित जीवन साथी प्राप्त होता है। इसके अलावा दाम्पत्य जीवन के दोष और अकाल मृत्यु से भी मुक्ति मिलती है। सोम प्रदोष व्रत से निर्धनता समाप्त होती है और संतान सुख का वरदान भगवान शिव से प्राप्त होता है।
कल भक्तों ने भगवान शिव को श्वेत पुष्प, अक्षत, भांग, धतूरा, सफेद चंदन, गाय का दूध, धूप आदि अर्पित कर आरती की और प्रसाद वितरण के साथ मंदिरों के बाहर बैठे जरुरतमंदों को दान देकर पुण्यलाभ लिया।