शोपीस बनी एक्स-रे मशीन, एम्बुलेंस भी गायब
नीम हकीम से उपचार बना मजबूरी
शोपीस बनी एक्स-रे मशीन, एम्बुलेंस भी गायब
मवई. जिला मुख्यालय से सबसे अधिक दूरी में स्थित मवई ब्लॉक स्वास्थ्य सुविधाओं को मोहताज है। आदिवासी बहुल्य क्षेत्र होने के बाद भी शासन यहां सुविधा उपलब्ध नहीं करा पा रही है। स्वास्थ सेवा के लिए एक मात्र साधन सामुदायिक स्वस्थ केंद्र मवई में भी अव्यवस्थाएं हावी हैं। लोगों को छोटी-छोटी बीमारी पर भी जिला मुख्यालय का रुख करना पड़ता है। 50 से 60 लोग प्रतिदिन मवई स्वास्थ केंद्र आते है फिर भी मवई स्वास्थ केंद्र की सेवा व व्यवस्था नहीं सुधर रही है। एक पर्ची बनवाने के लिए लोगो को घंटो इंतजार करते बैठे रहना पड़ता है। वैसे तो मवई मुख्यालय स्थित हर शासकीय दफ्तर लापरवाही व अव्यवस्था की भेंट चढ़ा है। जिसे देखने सुनने वाला कोई भी नहीं है। यहां तक की स्वास्थ विभाग की सेवाएं भी लोगों को संतोष जनक नहीं मिल पा रही हैं। शासकीय योजनाओं के तहत मिलने वाली राशि भी प्रसुताओं व हितग्राहियों को नहीं मिलती है। राशि के विषय में पूछने पर एक ही जवाब मिलता है अभी अकाउंटेंट नहीं आया और अकाउंटेंट की लापरवाही से लोगों का भुगतान अटका हुआ है। इस और किसी भी जिम्मेदार अधिकारी द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है। प्रदेश शासन के द्वारा चलाई जा रही जननी सुरक्षा योजना जिसके तहत प्रसव के उपरांत मिलने वाली राशि का भुगतान भी समय पर नहीं हो रहा है। स्थानीय निवासी गोपाल पंद्रे ने बताया कुछ माह पूर्व उसकी पत्नी का प्रसव स्वास्थ केंद्र मवई में हुआ था लेकिन महीनों बीतने के बाद भी आजतक प्रोत्साहन राशि का भुगतान नहीं किया गया। लोगो की माने तो अकाउंटेंट महीने में 2-3 बार ही मिल पाते है नहीं तो अक्सर दफ्तर से नदारत रहते है इतने संवेदनशील विभाग में ये हाल है कि कर्मचारी नदारत रहते है तो बाकी अन्य शासकीय दफ्तर की बात ही अलग है। उच्च अधिकारी व स्थानीय बीएमओ कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं बना रहे ना ही कोई कार्यवाही कर रहे।
सरकार द्वारा निशुल्क एम्बुलेंस का संचालन किया जा रहा है जिसे भी एम्बुलेंस की आवश्यकता हो सीधे 108 में कॉल कर लाभ ले सकते है। लेकिन कुछ माह से मवई मुख्यालय में स्थित 108 एम्बुलेंस को हटा दिया गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अन्य क्षेत्रों में अनेकों शासकीय-अशासकीय एम्बुलेंस व निजी साधन होते है लेकिन मवई क्षेत्र में तो एक मात्र एम्बुलेंस 108 थी उसे भी बंद कर दिया गया है। ग्रामीण एवं पिछड़ा क्षेत्र होने की वजह से अन्य कोई व्यवस्था नहीं बन पा रही है। कभी कोई सड़क दुर्घटना हो जाए तो घंटो साधन ढूडऩे में ही निकल जाते है। उपजार में देरी के कारण लोगों को जान भी गंवानी पड़ रही है। पूर्व में किसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त मरीजों को स्वास्थ केंद्र मवई द्वारा मंडला रेफर किया जाता था तो 108 की सहायता से समय पर पहुंचा दिया जाता था लेकिन यह सुविधा भी लोगों से छीन ली गई है।
प्रतिदिन इलाज के दौरान निकालने वाले कचरे की उचित व्यवस्था स्वास्थ विभाग नहीं कर रहे प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में बॉटल, सीरिंज, निडिल या इंजेक्शन के उपयोग के बाद ऐसे ही स्वास्थ केंद्र के पीछे खुले में फैंक दिया जाता है। जिसे कभी मवेशियों के द्वारा खा लिया जाता है। वहीं संक्रमण फैलने का खतरा भी बना रहता है। इससे ग्रामीणों में रोष फैल रहा है।
कलेक्टर से शिकायत फिर भी समस्या बरकारार
6 माह पूर्व जब कलेक्टर मंडला ने मवई का दौर किया था। तब भी क्षेत्र के युवाओं ने कलेक्टर सूफिया फारूकी वली से 108 एम्बुलेंस की दुर्दशा व स्वास्थ्य केन्द्र की अव्यवस्था के बारे में जानकारी दी थी। उस समय जो एम्बुलेंस थी वह बहुत पुरानी थी जो कभी भी बंद हो जाती थी। जिससे मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ता था। जिसके बाद कलेक्टर ने नए वाहन की व्यवस्था करवाने का आश्वासन दिया था। लेकिन अब तक नई एम्बूलेंस नहीं मिल सकी है। वहीं पूरानी एम्बूलेंस को भी मवई से हटा दिया गया है।
कबाड़ में तब्दील एक्स-रे मशीन
लाखो की लागत से खरीदे गई एक्स रे मशीन मुख्यालय मवई में रखे रखे कबाड़ में परिवर्तित होने लगी है। लेकिन कभी कोई जिम्मेदार अधिकारी ने इस और ध्यान नहीं दिया है। जब से मशीन पहुंची है तब से जस की तस पड़ी हुई है। लोगों को अवश्यकता पडऩे पर जिला मुख्यालय जाना पड़ रहा है। जिससे लोगो का समय वा पैसा अधिक खर्च हो रहा है। इसकी जानकारी कुछ माह पूर्व कलेक्टर को भी दी गई थी फिर भी आज तक किसी प्रकार की कोई कार्यवाही कलेक्टर के द्वारा नहीं की गई। सिर्फ कलेक्टर ने मवई बीएमओ को इसकी व्यवस्था बना कर जल्द चालू करने को कहा गया था। बीएमओ ने भी कलेक्टर की बातो को गंभीरता से नहीं लिया है। 6 माह बीत गए कोई कारवाही नहीं की गई।
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