जुर्माने के साथ सजा का प्रावधान
मिठाइयों अन्य खाद्य पदार्थों के मिस ब्रांडेड पाए जाने पर अधिक से अधिक दो लाख रुपए तक का जुर्माने करने का प्रावधान है। इसमें खाद्य पदार्थ मिठाइयों के दूसरे ब्रांड का लेबल लगाने जैसे मामले है। सब स्टैंडर्ड या मिस ब्रांडेड मिलने पर कोर्ट केस डालने का प्रावधान है। इसके साथ ही सजा का भी प्रावधान है। वहीं सब स्टैंडर्ड पाए जाने पर पांच लाख रुपए का जुर्माना लगाया जा सकता है। सब स्टैंडर्ड में खाद्य पदार्थों में विभिन्ना तत्वों की जो मात्रा अंकित होती है उनमें कमी पाई जाती है। सरकार ने मिठाइयों पर निर्माण तिथि एवं एक्सपायर डेट भी लिखने का प्रावधान मिठाइयों के लिए किया है। जांच के दौरान अधिकारी नियमो के पालन की हिदायत भी दे रहे हैं।
57 प्रकरण में एक लाख का जुर्माना
खाद्य एवं औषधि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार विभाग ने पिछले छह माह में 75 प्रकरण बनाए हैं। जिसमें 17 की सैंपल की रिपोर्ट अमानक आए है और एक सैंपल असुरक्षित पाया गया है। पापड़ी, पान मसाला, खोवा पेड़ा एवं खोवा के सौंपल अमानक पाए गए हैं। 16 प्रकरण में एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है।
इनका कहना
दुकानों से सैंपल लेकर जांच के लिए भोपाल लैब में भेजा जाता है। लैब से जांच रिपोर्ट में आने में समय लगता है। जिले में मोबाइल वैन नहीं है। वहीं मोबाइल वैन की जांच रिपोर्ट प्रामाणिक नहीं मानी जाती।
वंदना जैन, निरीक्षक, खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग