मंडला. जिला पंचायत उपाध्यक्ष शैलेष मिश्रा के प्रबंधन में जिले के विभिन्न क्षेत्रों में नेत्र शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। जहां नेत्र रोगियों को त्वरित उपचार के साथ ही गंभीर रूप से पीडि़त मरीजों का ऑपरेशन के लिए भी चयन किया जा रहा है। लेकिन जिस क्षेत्र में स्वास्थ्य व नेत्र शिविर का आयोजन किया जाना चाहिए वहां किसी का
ध्यान नहीं है। जानकारी के अनुसार, मोहगांव विकासखंड का बैगा बाहुल्य ग्राम धनगांव है जहां की लगभग 90 प्रतिशत आबादी विशेष जनजाति बैगा की है। गांव में एक दर्जन से अधिक लोग अंधेपन का शिकार हैं। कुछ परिवारों में अंधेपन की बीमारी जन्मजात से पाई जा रही है तो कुछ समय के साथ अपनी आंख की रोशनी खो रहे हैं। एक परिवार में पीढ़ी दर पीढ़ी एक ही परिवार के दो से तीन सदस्य अंधत्व के शिकार है।
जिले से मात्र 35 किलोमीटर की दूरी पर बसा गांव धनगांव शासन की योजनाओं का लाभ पाने को मोहताज़ है। उक्त गांव धनगांव सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते एवं विधायक रामप्यारे कुलस्ते के गृह निवास से लगा हुआ है। इसके बाद भी बहुत पिछड़ा व सुविधाविहीन है। अपनी आंखो की रोशनी खो चुके ग्राम धनगांव निवासी सुखीराम बैगा, तीतरी बाई, हिरोन्दी बाई, प्रकाश कुमार, सरस्वती बाई, बुधनी बाई, चेतराम बैगा आदि हैं। इनका कहना है कि आंख की रोशनी जाने के बाद प्रशासन से अनेक बार गुहार लगाई जा चुकी है ताकि जीवन यापन के लिए शासन की सुविधाओं का लाभ मिल सके। यहां तक की १०० फीसदी नेत्र खराब होने के बाद भी उन्हें निशक्त पेंशन नहीं दी जा रही है। पीडि़तों ने अपने स्तर पर सचिव, सरपंच से मदद के लिए अनेक बार गुहार लगा चुके हैं। पीडि़तों का कहना है कि बैगा वर्ग के लोगों को राष्ट्रीय मानव का दर्जा दिया गया है। जिनके उत्थान के लिए अलग से विभाग भी बनाया गया जिसमें करोड़ों रुपए का आवंटन भी पहुंचता है। लेकिन लाभ सिर्फ कागजों में ही दिखाई दे रहा है। जरूरतमंद लोग सुविधाओं के लिए तरसते नजर आ रहे हैं। लचर प्रशासनिक व्यवस्था का खामियाजा लोगों को उठाना पड़ रहा है।
जिला पंचायत उपाध्यक्ष शैलेष मिश्रा का कहना है कि व्यक्तिगत रूप से गांव में पहुंचकर पीडि़तों की जानकारी ली जाएगी। नेत्र रोग उपचार
योग होगा को उपचार कराया जाएगा। सभी जरूरत मंद व पात्र नेत्र रोगियों को शासन की योजनाओं का लाभ जल्द से जल्द दिलाया जाएगा।