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मंडला

नर्मदा तट में रहा भक्तों का जमावड़ा, पूरे दिन लगाई आस्था की डुबकी

दिन भर चला भंडारा, पुलिस प्रशासन का सख्त पहरा

मंडलाJan 15, 2021 / 10:59 am

Mangal Singh Thakur

नर्मदा तट में रहा भक्तों का जमावड़ा, पूरे दिन लगाई आस्था की डुबकी

नर्मदा तट में रहा भक्तों का जमावड़ा, पूरे दिन लगाई आस्था की डुबकी

मंडला. मकर-संक्रांति का विशेष पुण्यकाल 14 जनवरी को सुबह 8.13 बजे से रहा। सुबह से ही नर्मदा घाटों पर भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। सबसे अधिक संख्या में लोग उपनगरीय क्षेत्र महाराजपुर स्थित त्रिवेणी संगम में पहुंचे। मान्यताओं के अनुसार, इस संगम में मां नर्मदा-बंजर और अदृश्य रूप से मां सरस्वती का संगम होता है। इसलिए ज्यादातर भक्तगण इसी स्थान पर नर्मदा स्नान करने पहुंचे। शहर के एक अन्य घाट रपटा पर भी सैकड़ों लोगों ने आस्था की डुबकी लगाई। नगर का सबसे विशाल घाट होने और यहां नर्मदा की गहराई कम होने के कारण ज्यादातर लोग इसी घाट में स्नान करना पसंद करते हैं। घाट के एक छोर से दूसरे छोर और नर्मदा पर बने बैराज तक कतार लगाकर लोग स्नान कर पुण्य लाभ लेते रहे।

इसके अलावा रपटा घाट के दूसरी ओर कुंभ स्थल घाट पर भी भक्तगण सपरिवार पहुंचकर नर्मदा स्नान और पूजन अर्चना की। चूंकि इस स्थल पर चौपहिया वाहन घाट की सीढिय़ों तक पहुंच सकते हैं। यही कारण है कि ज्यादातर चौपहिया वाहनों में सवार परिवार इसी घाट पर पुण्य लाभ और धार्मिक अनुष्ठानों के लिए पहुंचे। बैराज में चलकर नर्मदा पार करने पर पुलिस प्रशासन ने रोक लगा दी। ताकि किसी प्रकार की दुर्घटना ना हो।


संंगम घाट में कापू में किया स्नान
संगम घाट पर बाढ़ के दौरान आई मिट्टी-कापू और सिल्ट के अत्यधिक मात्रा में जमाव होने के कारण नर्मदा नदी का पानी घाट से बहुत दूर रह गया है। कठोर हो चुकी मिट्टी पर आने जाने से कोई परेशानी न होने के कारण इस बार संगम घाट की सीढिय़ों पर भीड़ का दबाव बेहद कम रहा। सारी की सारी भीड़ सिल्ट की मिट्टी और दूर तक फैल चुके कछारी क्षेत्र में इक_ा होती रही। इसके अलावा नगरपालिका द्वारा संगम के पूरे क्षेत्र को व्यवस्थित कर दिया गया है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए टेंट लगाए गए वहीं गहराई दर्शाने के लिए सीमा निर्धारित की गई है। श्रद्धालुओं को बार-बार गहरे पानी में ना जाने की अपील की जाती रही। यहां पुलिस व्यवस्था चाक-चौबंद रही।


जरूरत मंदो को बांटे निशुल्क कपड़े
सनातन धर्मोत्सव समिति के तत्वावधान में महाराजपुर संगम घाट में वस्त्रों का वितरण किया गया। जो कि शुक्रवार को भी जारी रहेगा। समिति बंटी ठाकुर, सुधीर कांसकार ने बताया कि निशुल्क वस्त्र वितरण के लिए अन्य संगठनों के पदाधिकारियों का भी सहयोग रहा। नागरिकों ने अपने घर में रखे अनुपयोगी कपड़े को धूलकर व प्रेस करके समिति के सदस्यों को दिया है। वहीं कुछ लोगों ने बाजार से नए कपड़े खरीद कर लोगों को वितरित किए। जहां जरूरतमंद लोंगो ने अपने पंसद के कपड़े निशुल्क पाकर खुश नजर आए।
रपटा घाट में आशीष चौरसिया एवं मित्रों के द्वारा निरंतर छ: वर्षों से मकरसंक्रांति पर दूर दराज से स्नान करने वाले श्रद्धालुओं को सुबह 4 बजे से चाय प्रसादी बांटी गई। सुबह की ठंड के बीच गर्मागर्म चाय प्रसाद रूप में पाकर श्रद्धालु खुश नजर आए।


मकर संक्रांति के पावन पर्व पर अपने कुनबे के साथ पहुंचे दर्जनों परिवारों ने यहां धार्मिक अनुष्ठान भी किए और फिर यही भोजन पकाकर पिकनिक का मजा भी लिया। चाहे शहरी हों या ग्रामीण इलाकों से आए हुए लोग। ज्यादातर लोग अपने साथ रसोई का पूरा सामान लेकर पहुंचे। इसके अलावा बहुत से सामाजिक संगठनों ने यहां भंडारे का आयोजन किया। सुबह से शुरु हुआ भंडारा कार्यक्रम देर शाम तक चलता रहा। जो अपने साथ रसोई की सामग्री लेकर नहीं आए थे। वे भी नर्मदा स्नान, पूजन आदि के बाद यहां भंडारे का भरपेट प्रसाद पाकर अपने घरों को रवाना हुए। समाजिक व धार्मिक संगठनों ने धार्मिक अनुष्ठान किए।


सुबह से रात तक लोंगो का आना जाना लगा रहा। उपनगरी क्षेत्र में महाराजपुर और मंडला को जोडऩे वाले बड़े पुल में बार-बार जाम की स्थिति निर्मित हुई। हालांकि यातायात पुलिस कर्मी मुस्तैदी के साथ अपनी ड्यूटी निभाते नजर आए और जाम से लोगों को राहत दिलाई। यातायात व्यवस्था संभालने के लिए पुलिस ने ट्राफिक मित्र का भी सहारा लिया। जहां इनर वॉइस ग्रप के सदस्य व अन्य युवाओं के द्वारा यातायात व्यवस्था को संभालने में मदद की गई। रपटा घाट पर दूर दूर तक बेरीकेट्स लगाकर वाहनों की पार्किंग व्यवस्था दुरुस्त की गई।


संकेतिक रूप से भरा मेला
वर्षों से चली आ रही परंपरा को निभाते हुए जिले के विभिन्न क्षेत्रों में संक्राति का मेला भरा। महाराजपुर में मुक्तिधाम के सामने मैदान में संकेतिक रूप से मेले का आयोजन किया गया। जहां बच्चों के झूले, खिलौने, सौर्दंय सामग्री, गर्म कपड़े आदि की दूकानें लगाई गई। लोगों ने स्नान के बाद मेले का अनांद भी उठाया। इसके साथ ही मोहगांव विकासखंड के देवगांव संगम, पिंडरई के समीपी ग्राम पिपरिया सालीबाड़ा के कुदैयादहार माता के मंदिर प्रंगाण, बिछिया के समीपी ग्राम दानीटोला शंकर घाट एवं खैराती में मेले का आयोजन किया गया। वहीं नारायणगंज के कुंभा घाट में भी मेले के जैसा नाजारा देखने को मिला।

अंजनियां. दर्शनीय स्थल सीतारपटन में मकर संक्रांति के अवसर पर लोगों नें सुरपन नदी में डुबकी लगाई तथा मेले का लुफ्त उठाया। इस दौरान विभिन्न क्षेत्रों से आए लोगों नें अपनें अपने समूह में भोजन बनाकर खाया। सीतारपटन सहित अन्य पिकनिक स्पॉटों में भीड़ अधिक रही। श्री त्यागी जी महाराज मंदिर सीतारटन में 24 घंटे की रामधुन का आयोजन भी क्षेत्रीय युवाओं द्वारा किया गया है। जिसका समापन 15 जनवरी को होगा। समापन अवसर पर भंडारा भी आयोजित किया गया है।


नैनपुर. नगर के समीप सिद्ध घाट, थावर बांध, बीजे गांव बांध, गंगा संगम, घुघरा घाट, डूढी डेम, बेगा बाबा एवं अनादि आश्रम, दलदली माता स्थल, छोटी व बड़ी खेरमाई मंदिर के अलावा अन्य धार्मिक स्थलों में लोगों ने मकर संक्रांति की खुशियां मनाई। जहां सुबह से देर शाम तक गंगा मां व नर्मदा जी के पावन जल से स्नान करने वाले भक्तों माताओं बहनों व श्रद्धालु जनों का आवागमन होता रहा। इस वर्ष महंगाई की मार से खानपान की सामग्री खरीदना कष्टदायक साबित हुआ। बाजार हाट में तिल गुड़ शक्कर व सूखे मेवा के बढ़ते दामों से लोगों को तिली व सूजी के स्वादिष्ट लड्डुओं का स्वाद व आनंद से वंचित कर दिया है। खुले बाजार में गुण 50 से 60 रुपए किलो, शक्कर 45 से 55 रुपए किलो, ज्वार की लाई के अलावा सूखे मेवा के दाम भी आसमान छूते रहे।


नर्मदा घाटों में पहुंचे लोग
निवास. मकर संक्रांति में पवित्र नदी में स्नान और दान का बहुत बड़ा महत्व है। विकासखंड निवास के फड़की, बालपुर सिवनी, बसगढ़ी स्थित नर्मदा घाटों में नर्मदा भक्तों ने हजारों की संख्या में डुबकी लगाई और भिक्षुओं को गुड़ और तिल का दान किया। प्रात: काल से ही नर्मदा तटों पर लोगों पहुंचना शुरु हो गया था जो सायंकाल तक चलता रहा। कुछ स्नान पूजन के लिए पहुंचे थे को कुछ लोग सपरिवार गक्कड़ भर्ता से पिकनिक मनाने पहुंचे थे तो कुछ श्रध्दालु छोटे बच्चों का मुंडन कराने इन घाटों में पहुंचे थे। कडड़़ाती ठंड ने भी इन नर्मदा भक्तों को नहीं रोक पाई और प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी नर्मदा तटों पर जमकर भीड़ देखी गई। जिसे नियंत्रित करने में सुबह से तैनात पुलिस प्रशासन को काफी मशक्कत करनी पड़ी। इसी तरह निवास क्षेत्र का लोकप्रिय पर्यटक स्थल घुघरा जलप्रपात में मकर संक्रांति पर प्रतिवर्ष भरने वाला मेला भी ग्रामीणों के अच्छे खासे जमावड़े के बीच संपन्न हुआ। यहां पिकनिक मनाने के लिए युवा वर्ग अधिक दिखा। मेले में गुब्बारे, मिष्ठान, सौदर्य प्रसाधन, पूजन सामग्री, चाट फुल्की आदि दुकाने सुबह से ही सज गईं थीं।

स्टेडियम में आज होगी पंतग बाजी
क्रिकेट एसोशियेशन व सेव स्टेडियम ग्रुप के संयुक्त तत्वाधान में मकर संक्रांति के उपलक्ष्य में पतंग महोत्सव का आयोजन स्थानीय महात्मा गांधी स्टेडियम ग्राउंड मंडला में किया जाएगा। आज 15 जनवरी को दोपहर 12 से 4 तक पंतगबाजी होगी। पतंग महोत्सव में चाइना के किसी भी सामान मांझा आदि का इस्तेमाल पर पूर्णं रोक लगाई गई है। पेंच ढील देकर ही लड़ाए जाएंगे। खींच खेंच काट प्रतिबंध है। पुरस्कार की श्रेणी में सबसे सुंदर पतंग, सबसे दूरी वाली पतंग और सबसे ज्यादा पेंच काटने वाली पतंग को पुरस्कृत किया जाएगा। सभी खेल प्रेमियों एवं स्थानीय नगर वासियों से समिति ने अपील की है कि महात्मा गांधी स्टेडियम पहुंचकर पतंग बाजो का उत्साहवर्धन करें। आयोजन के दौरान कोरोना गाइडलाइन का पालन किया जाएगा।

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