जिले में हो रहा १५ फीसदी लाइनलॉस, नहीं पड़ता बिजली शेडूयल पर फर्क
जिले में हो रहा १५ फीसदी लाइनलॉस, नहीं पड़ता बिजली शेडूयल पर फर्क
मंदसौर.
जिले में हर उपभोक्ता को विद्युत विभाग द्वारा जितनी बिजली सप्लाय की जा रही है। उतनी उपभोक्ताओं तक नहीं पहुंच रही है। इस बात को कही ना कही मध्यप्रदेश विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारी भी मान रहे है। उदाहरण के तौर पर यदि एक उपभोक्ता को १०० यूनिट बिजली दी जा रही है तो उसके पास ९८ या ९९.५ यूनिट ही बिजली पहुंचती है। एक प्रतिशत यूनिट लाइनलॉस में चली जाती है। जिले में करीब १४ से १५ फीसदी लाइन लॉस हो रहा है। जो गत वर्ष की तुलना में थोड़ा कम है।
विद्युत चोरी से लेकर तकनीकि समस्या से
विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारियों के मुताबिक लाइनलास कई कारणों से होता है। इसमें एक विद्युत चोरी मुख्य कारणों में से एक है। जिसको रोकने के लिए विभाग की टीमें काम करती है। तो कई बार पुराने ट्रांसफार्मर के कारण लाइन लॉस होता है। तो ट्रांसफार्मर में आईल से भी लॉस होने की संभावना बढ़ती है। और एक सामान्य कारण यह भी है कि विद्युत लाइन में जब करंट बहता तो कुछ उसमें भी लाइनलॉस होता है।
शहर में कुछ कम हुआ लाइनलॉस
शहरी विद्युत वितरण केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार गत वर्ष करीब १३.५ फीसदी का लाइन लॉस था। जो इस वर्ष करीब १२.५ फीसदी पर आ गया है। अधिकारियों की माने तो १२ और १३.५ फीसदी के बीच ही शहर का लाइन लॉस रहता है। वहीं पूरे जिले का लाइनलॉस करीब १४ फीसदी है। जो गत वर्ष से मामूली कम है। विद्युत वितरण कंपनी से मिली जानकारी के अनुसार जो भी उपकरण विभाग द्वारा मंगवाएं जाते है। वह पांच से १० दिनों के भीतर ही मिल जाता है। अभी एबी स्वीच की डिमांड हाल ही में ही भेजी है।
इनका कहना…..
जिले में करीब १४ फीसदी लाइनलॉस है। तकनीकि कारणों सहित अन्य कारणों से लाइनलॉस होता है।
सुरेंद्र सूर्यवंशी, ईई विद्युत वितरण कंपनी।
शहर का करीब १२.५ फीसदी लाइनलॉस है। जो गत वर्ष से कुछ कम हुआ है। इससे प्रतिदिन के शेडूयल पर फर्क नहीं पड़ता है।
विक्रांत ठाकुर, एई विद्युत वितरण कंपनी।
Home / Mandsaur / जिले में हो रहा १५ फीसदी लाइनलॉस, नहीं पड़ता बिजली शेडूयल पर फर्क