जिला ओडीएफ पर 6 हजार लोगेां ने ‘शौचालयों में शौच करने से की तौबाÓ
जिला ओडीएफ पर 6 हजार लोगेां ने ‘शौचालयों में शौच करने से की तौबाÓ
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मंदसौर.
किसी शौचालय में कंडे रखे हुए तो किसी शौचालय में पत्थर रखे हुए है। तो किसी में बाल्टी से लेकर अन्य सामान भरे हुए है। तो किसी को उपयोग नहीं करने के कारण दरवाजे से लेकर पूरा जीर्णशीर्ण हो गया। यह हालत एक या दो शौचालयों के नहीं है। बल्कि कई शौचालयों के है। यह हाल तब है जब जिला पंचायत को जिले की सभी पांचों जनपद पंचायतें ओडीएफ का सर्टिफिकेट मिल चुका है। ग्रामीण स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत अधिकारियों ने प्रोत्साहन राशि देकर शौचालय तो बनवा दिए लेकिन उनमें शौच करने के लिए सोच का पैदा नहीं कर पाए। जिसके कारण लाखों रूपए के शौचालय आज की स्थिति में काम नहीं आ रहे है।
छह हजार २९१ नहीं कर रहे शौचालयों का उपयोग
जिले की सभी ४४० ग्राम पंचायतों को ओडीएफ घोषित कर दिया गया। उसके बाद दिसबंर २०१८ में फिर से स्वच्छाग्राहियों को मैदान में भेजा तो सामने आया कि जिले में पांच जनपद पंचायत क्षेत्र में १ लाख ७8 हजार ८९३ शौचालय है। इसमें से एक लाख ७२ हजार ६४९ लोगों के घरों में शौचालय है। लेकिन इनमें से छ हजार २९१ परिवार शौचालयों का उपयोग नहीं कर रहे है। और करीब छह हजार २९१ शौचालय नहीं बने है। उसके बाद फिर से इस मिशन के अंतर्गत एलओबी यानि लेफ्ट ऑउट बेसलाइन बेनिफिटस को लेकर काम किया गया।
सर्वे में आया सामने आदतन तो किसी में जागरुकता की कमी
ग्रामीण स्वच्छ भारत मिशन के प्रभारी ने बताया कि छह हजार २९१ लोग शौचालय का उपयोग नहीं कर रहे है। इसके मुख्य कारणों में आदत नहीं होने के कारण, जागरुकता नहीं होने के कारण, शौचालयों में शौच करने की मानसिकता नहीं, इसके अलावा किसी शौचालय में कंडे तो किसी शोचालय में अन्य सामान रखे हुए है। जिसके कारण भी उपयोग में नहीं आ रहे है।
करवाई मुनादी और शौचालय भी बनवाएं
एलओबी के अंतगत स्वच्छाग्राहियों ने गांव-गांव जाकर मुनादी करवाई। शौचालय के उपयोग को लेकर रैलियां भी निकाली। और उसके बाद छ हजार २९१ शौचालय ओर बनवाएं। उसके बाद फिर अभी केओ-२ सर्वे करवाया गया। जिसमें सामने आया कि एक घर एक परिसर वाले शौचालयों में परिवारों ने अपने-अपने शौचालय की आवश्यकता बताई। जिस पर दो हजार ६५५ शौचालय बनाने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है।
इनका कहना…
जिले में छह हजार २९१ शौचालय उपयोगविहिन है। और अभी दो हजार ६५५ शौचालय बनाने के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। उपयोगविहिन करने में कई तरह के कारण है। जिसमें मानसिकता, जागरुकता, आदत, बाहर रहना सहित अन्य है। शौचालय का उपयोग करने के लिए सभी को लगातार जागरुक किया जा रहा है।
प्रकाश गिरासे, ग्रामीण स्वच्छ भारत मिशन प्रभारी, जिला पंचायत
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