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मंदसौर

दूध, दही, ज्यूस और कोलड्रिंग्स नहीं उतरे गुणवत्ता पर खरे

दूध, दही, ज्यूस और कोलड्रिंग्स नहीं उतरे गुणवत्ता पर खरे

मंदसौरJun 30, 2019 / 12:34 pm

Nilesh Trivedi

patrika

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मंदसौर.
आसमान छूती महंगाई में जिन खाद्य प्रदार्थों को उपभोक्ता महंगे दाम चुकाकर खरीद रहे हैं। वे अपनी गुणवत्ता पर खरे नहीं उतर रहे हैं। स्वास्थ्य से समझोता नहीं करते हुए उपभोक्ता ऐसी खाद्य सामग्रियां विश्वसनीय दुकानों से खरीदने में विश्वास रखते हैं। लेकिन स्टेट फूड लेबोरेट्री ने प्रतिष्ठित दुकानों की भी पोल खोल कर रख दी है। क्योंकि सभी मोटी कमाई करने के चक्कर में उपभोक्ताओं को चूना लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। खाद्य विभाग ने पिछले दिनों लिए खाद्य सामग्री के नमूने की जांच के बाद आई रिपोर्ट में यह चौकाने वाला खुलासा हुआ है। ऐसे में जिलेवासियों की सेहत के साथ खाद्य सामग्री बेच रहे लोग सीधे तौर पर खिलवाड़ कर रहे है।
जिले में लिए ४९ सेम्पल, आधा दर्जन से अधिक फेल
खाद्य एवं औषधि प्रशासन द्वारा जिले में जनवरी से लेकर अब तक करीब ४९ नमूनें जांच के लिए स्टेट फूड लेबोरेट्री भेजे गए। जहां से करीब आधा दर्जन से अधिक नमूने अवमानक और मिथ्याछाप पाए गए। आश्चर्य की बात तो यह है कि इन नमूनों में अधिकतर वह सामग्री है जो आम उपभोक्ता के लिए दैनिक उपयोग में आती है।
यह नमूने पाए गए मिथ्याछाप व अवमानक
-श्रीराम डेयरी दलोदा- यहां से दूध का नमूना लिया गया, जो स्टेट फूड लेबोरेट्री से अवमानक पाया गया, जिसे संबंधित दुकानदार द्वारा आपत्ति लेने पर सेंट्रल फूड लेब भेजा गया, जहां यह सेम्पल पास हो गया।
-निराली -यहां से फरवरी माह में दही का नमूना लिया गया था, जो अवमानक पाया गया, इस केस को एडीएम कोर्ट में पेश किया गया था, जहां से संबंधित को १० हजार रुपए का जुर्मना लगाया गया।
-माहेश्वरी एजेंसी पिपल्या मंडी-यहां से गुलाब गोल्ड मूंगफली के तेल का सेम्पल २७ मार्च को लिया गया था, जो स्टेट फूड लेबोरेट्री की जांच में मिथ्याछाप निकला।
शिवशाही ज्यूस सेंटर-यहां से खाद्य एवं औषधि प्रशासन द्वारा आम के रस का सेम्पल लिया था। जिसमें अखाद्य रंग होने की पुष्टि हुई है। यह स्वास्थ्य के लिए असुरक्षित है। इसमें दुकानदार द्वारा आपत्ति लेने पर अब यह सेम्पल सेंट्रल लेब मेसूर भेजा जाएगा।
मस्ताना चाय सीतामऊ- यहां से गर्मी के दौरान कोल्ड्रिंग्स का सेम्पल लिया गया था। जो मिथ्याछाप निकला, यानि बोतल के ऊपर लिखे जो दावे किए गए थे, वे कोल्ड्रिंग्स में नहीं नजर आए।
त्रिनेत्र इंटरप्राईजेस-यहां से २५ अप्रैल को चोकोबार आईसक्रीम का सेम्पल लिया गया था। जो मिथ्याछाप निकला है। इस आईसक्रीम को बच्चे बढ़े चाव से खाते हैं। लेकिन अफसोस वह भी मिथ्याछाप है।
मकवाना किराना-यहां से १४ मई को खड़े धनिए का सेम्पल लिया गया था, जो अवमानक पाया गया, इसमें धनिया डेमेज मिला।

इन दुकानों के हुए सेम्पल पास, लेकिन बिना लायसेंस कर रहे धंधा
जिले में किसी भी प्रकार की खाद्य सामग्री का व्यापार करने वाले व्यापारी को खाद्य एवं औषधि प्रशासन से नियमानुसार लायसेंस व रजिस्टे्रशन करवाना अनिवार्य होता है। जिसके तहत सालाना १२ लाख रुपए से अधिक का टर्न ओवर करने वाले दुकानदार या व्यापारी को लायसेंस लेना पड़ता है। वहीं १२ लाख से कम का टर्न ओवर करने वाले को रजिस्ट्रेशन करवाना होता है। जिले में अभी तक करीब ४५० लायसेंस व ६ हजार रजिस्ट्रेशन हैं। जो काफी कम है।
जिसका मुख्य कारण व्यापारियों की रूचि का अभाव है।
जिले में पिछले दिनों तवा रेस्टोरेंट से सेम्पल लिया गया था वह तो पास हो गया, लेकिन उनके पास लायसेंस नहीं था, जिस पर करीब ७ हजार रुपए के जुर्माने की कार्रवाई की गई। वहीं परमानंद राठौर के यहां से मावा, आनोखीलाल राठौर के यहां से सोयाबीन तेल, विश्वपति सोड़ा के यहां से आईसकेंडी, हीरा सोड़ा , मधुबन मधुशाला, रेकवार मधुशाला, भाना टी स्टॉल आदि के यहां से लिए गए सेम्पल तो पास हो गए। लेकिन किसी के पास भी लायसेंस या रजिस्ट्रेशन नहीं मिला, इस संबंध में नियमानुसार कार्रवाई प्रचलित है।
नियमानुसार चल रही कार्रवाई
इस साल लिए गए ४९ सेम्पल में से ३८ की रिपोर्ट आ चुकी है। जिसमें से करीब ८ सेम्पल अवमानक व मिथ्याछाप निकले हैं। जिन पर नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है।
-कमलेश जमरा, खाद्य सुरक्षा अधिकारी, मंदसौर

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