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मंदसौर

‘जो 16 हजार करोड़ मंत्रीजी बचाने की बात कह रहे, वह किसानों को हक का है

‘जो 16 हजार करोड़ मंत्रीजी बचाने की बात कह रहे, वह किसानों को हक का है

मंदसौरAug 27, 2019 / 04:06 pm

Nilesh Trivedi

'जो 16 हजार करोड़ मंत्रीजी बचाने की बात कह रहे, वह किसानों को हक का है

‘जो 16 हजार करोड़ मंत्रीजी बचाने की बात कह रहे, वह किसानों को हक का है

मंदसौर.
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे निर्माण में प्रभावित हो रहे मंदसौर-रतलाम जिले के किसानों ने सोमवार को धरना दिया। गांधीचौराहें पर किसानों ने तीन घंटे धरना दिया। इसके बाद नारेबाजी करते हुए रैली निकाली। फिर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। किसानों ने खुलेरुप में यहां भाषण से लेकर ज्ञापन में चेतावनी दी कि जमीन का चार गुना मुआवजा नहीं मिला तो उग्र आंदोलन किया जाएगा। लेकिन कम मुआवजे में जमीन नहीं देंगे। उन्होंने वर्ष २०१७ में जिले में किसान आंदोलन से बड़ा आंदोलन करने की चेतावनी तक दे डाली। किसानों के धरना, रैली और ज्ञापन के दौरान बड़ी संख्या में पुलिसबल तैनात था। एक्सप्रेस प्रभावित किसानों की मांग जोर पकडऩे के साथ जिले की राजनीति भी गरमा गई है। किसानों की चेतावनी ने प्रशासन की भी चिंता बड़ा दी है। धरने में किसानों ने कहा कि लोकसभा में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने १६ हजार करेाड़ बचाने की जो बात की है। वह बचत नहीं किसानों को हक है। जो किसानों को मिलना चाहिए।

किसान बोले मालवा के6 हजार किसानों की जमीन चढ़ रही भेंट
धरना के दौरान किसान संगठनों के पदाधिकारियों ने संबोधित करते हुए कहा कि रतलाम, मंदसौर सहित मालवा क्षेत्र के ६ हजार किसानों की लाखों हैक्टेयर जमीन भेट चढ़ रही है। भाषणों में कहा कि एक्सप्रेस वे के निर्माण का वह विरोध नहीं कर रहे है। वह तो उनके परिवारों पर आए इस संकट से निपटने के लिए सड़कों पर उतरने को तैयार है। यदि चार गुना मुआवजा नहीं मिला तो कई परिवार सड़क पर आ जाएंगे। जितना मुआवजा दिया जा रहा है उससे किसान दूसरा रोजगार भी नहीं कर सकता और दूसरी जमीन भी नहीं खरीद सकता है। कृषि आधारित परिवारों की कृषि भूमि जो उपजाऊ है वही ओने-पौने दामों में छिन ली जाएगी तो किसानों के परिवार कहा जाएंगे। इसलिए चार गुना मुआवजे से कम किसान जमीन देने को किसान तैयार नहीं है।
किसानों के नाम पर फिर शुरु हुई राजनीति
जिले में एक बार फिर से किसानों के नाम पर राजनीति शुरु हो गई। वर्ष २०१७ में किसान आंदोलन में कांग्रेस ने भाजपा पर कई आरोप लगाए। उस समय भाजपा की सरकार थी, ऐसे में कांग्रेस ने इस मुद्दा बनाया। अब एक्सप्रेस वे में चार गुना मुआवजे के नाम पर फिर से जिले के किसान लामबंद हो रहे है। इसमें वह खुलकर विरोध में उतर आए और इसके लिए प्रदेश सरकार पर मुआवजे का गुणांक कम करने का आरोप भी मढ़ दिया। इस पर भाजपा नेताओं ने किसानों के इस आंदोलन को खुले रुप से समर्थन देना भी शुरु कर दिया। किसान संघर्ष संगठन के अध्यक्ष बने जावरा जनपद अध्यक्ष रामविलास धाकड़ भी भाजपा समर्थित है तो सोमवार के किसानों के इस धरने में गरोठ विधायक देवीलाल धाकड़ के साथ युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष सहित कई अन्य नेता भी पहुंचे।

ज्ञापन देने पहुंचे किसानों को भाजपा ने दिया समर्थन
मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम केसी ठाकुर को ज्ञापन सौंपा। इसमें किसानों ने मांग की है उन्हें चार गुना मुआवजा दिया जाए। इस दौरान तहसीलदार नारायण नंदेड़ा व अन्य मौजूद थे। ज्ञापन में बताया कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे ८ लेन में किसानों की जो भूमि अधिग्रहित हो रही है। उसका चार गुना मुआवजा मिलना चाहिए। मालवा क्षेत्र के ६ हजार किसान इसमें प्रभावित हो रहे है। इन्हें गुणांक एक के आधार पर मुआवजा दिया जा रहा है। जो गुणांक २ के हिसाब से दी जानी चाहिए। इससे चार गुना मुआवजा मिल जाएगा। कई किसानों के परिवार सिर्फ खेती पर आश्रित है और ऐसे ओने-पौने दामों में भूमि अधिग्रहित हो जाएगी तो कई परिवारों की आजीविका का साधन खत्म हो जाएगा। प्रदेश के किसानों के साथ अन्याय किया जा रहा है। इससे इन किसान परिवारों पर आया यह संकट टल सकें। किसान संघर्ष संगठन के अध्यक्ष रामविलास धाकड़, गरोठ विधायक देवीलाल धाकड़, मुकेश पाटीदार, मुकेश राठौर, भाजपा नेता अनिल कियावत, भारतीय जनता युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष हितेष शुक्ला ने भी किसानों के धरने को समर्थन दिया तो ज्ञापन देने के दौरान किसानों को समर्थन देने प्रदेश भाजपा महामंत्री बंशीलाल गुर्जर, भाजपा जिलाध्यक्ष राजेंद्र सुराणा भी पहुंचे थे।

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