स्क्रब टाइफस बुखार के चार संदिग्ध मिले, स्वाइन फ्लू की रिपोर्ट आई
स्क्रब टाइफस बुखार के चार संदिग्ध मिले, स्वाइन फ्लू की रिपोर्ट आई
मंदसौर.
जिले में फिर से जानलेवा बुखार स्क्रब टाइफस के चार संदिग्ध मरीज सामने आए है। इन चारों के जांच भोपाल एम्स कॉलेज भेजी गई है। वहीं मंगलवार को स्वाइन फ्लू की एक और तीन डेंगू के संदिग्ध मरीजों की जांच रिपोर्ट आई। चारों रिपोर्ट नेगेटिव आई है लेकिन समय से पहले इस बार स्क्रब टाइफस के संदिग्ध मरीजों के सामने आने से स्वास्थ्य अधिकारियों के सिर पर चिंता की लकीरें खींच गई है।
आईडीएसपी यूनिट से मिली जानकारी के अनुसार चार स्क्रब टाइफस के संदिग्ध मरीजों की जांच एम्स मेडिकल कॉलेज भेजी है। जो दो से तीन दिन में आएगी। वहीं एक स्वाइन फ्लू के संदिग्ध मरीज की रिपोर्ट आई है। जो नेगेटिव है। डॉ सौरभ मंडवारिया ने बताया कि तीन संदिग्ध डेंगू के मरीजों की जांच की गई। जिसमें नेगेटिव आया है।
क्या है स्क्रप टाइपस
स्क्रप टाइफस एक बुखार है। यह जंगली घास में रहने वाले कीड़ों में पलने वाले पिस्सु की वजह से फैलता है। जहां पर मवेशियों को विचरण होता है। जो रिकेटसिया द्वारा उत्पन्न रोगों का समूह है। इस समूह में सू-सू गामोशी नामक कीटाणु के संक्रमण से यह बुखार होता है। इसकी जांच इंदौर या अन्य बड़े शहरों में होती है।
स्क्रप टाइफस के लक्षण
आईडीएसपी यूनिट से मिली जानकारी के अनुसार स्क्रप टाइफस बुखार के लक्षण सिरदर्द होना। सर्दी लगना, बुखार, शरीर में दर्द तथा पांचवे दिन के बीच शरीर पर लाल दाने निकलने जैसे लक्षण होते है। इसमें बुखार सात से लेकर १२ दिन तक रहता है। बेहोशी और ह्दय संबंधी समस्या सामने आती है। गहरे लाल रंग के ये दाने दो से लेकर पांच मिलीमीटर तक के होते है। यह रोग कम उम्र के लोगों के लिए खतरनाक नहीं होता है। लेकिन ४० वर्ष से ऊपर की आयु के पचास प्रतिशत रोगी एवं ६० वर्ष से ऊपर के मरीज के लिए यह बहुत खतरनाक होता है।
बुखार का उपाय बचाव
यह रोग ज्यादातर कीड़ों के माध्यम से फैलता है। इसलिए सबसे जरूरी है कि आस-पास झाडिय़ां और जंगली घास ना पनपे। घर के पास मवेशी बंधते है तो वहंा पर साफ सफाई रखे। मवेशियों का समय-समय पर पशु चिकित्सकों से परीक्षण करवाएं। कीड़ों को नष्ट करवाएं।
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