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मंदसौर

जिले में मलेरिया की दस्तक, दो मरीज मलेरिया पॉजीटिव

जिले में मलेरिया की दस्तक, दो मरीज मलेरिया पॉजीटिव

मंदसौरJun 30, 2019 / 12:19 pm

Nilesh Trivedi

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जिले में मलेरिया की दस्तक, दो मरीज मलेरिया पॉजीटिव


मंदसौर.
जहां आसपास के जिलों में मलेरिया का मच्छर पनप ही नहीं पाया है। वहीं मंदसौर जिले में मलेरिया ने दस्तक दे दी है। यहां बारिश की शुरूआत से पहले ही जिले में मलेरिया से पीडि़त दो मरीज पाए गए हैं। चूकि मलेरिया के मच्छर का जीवन २१ दिन का होता है ओर वह करीब ३ किलोमीटर तक की दूरी तक उड़ सकता है। ऐसे में हर किसी को अपने आप को सुरक्षित रखने के पुख्ता इंतजाम करने होंगे। ताकि लार्वा मच्छर का रूप धारण ही नहीं कर सके।

७५ हजार मरीजों की बनी स्लाइड, मेलखेड़ा और धुंधडक़ा में पाया पीवी मलेरिया
जिले में अभी तक करीब ७५ हजार १०० मरीजों की जांच स्लाईड और आरडी किट से की गई है। जिसमें मेलखेड़ा और धूंधडक़ा दोनों गांवों में एक एक मरीज मलेरिया पॉजीटिव पाया गया है। जो चिंता का विषय है। हालांकि मलेरिया का मरीज नजर आते ही विभाग मैदान में कूद पड़ा और आसपास के क्षेत्र का सर्वे कर स्थिति पर पूर्ण नियंत्रण किया गया है। जिम्मेदारों की माने तो इन मरीजों को बाहर कहीं जाने पर मलेरिया हुआ था।

अब तीन दिन नहीं १५ मिनट में हो जाएगी मलेरिया की जांच
अब तक मलेरिया की जांच करने के लिए पहले मरीज की रक्तपट्टिका बनाकर उसे लेब में भेजा जाता था, जिसकी लेब में जांच होने के बाद रिपोर्ट आते आते करीब दो से तीन दिन लग जाते थे। ऐसे में जिस व्यक्ति को मादा एनोफिलिज मच्छर ने काटा है वह मरीज पूर्ण रूप से मलेरिया की जकड़ में आ जाता, तब जाकर उसका उपचार शुरू होता था। लेकिन अब मलेरिया को तुरंत जड़ से खत्म करने के लिए शासन ने रेपिड डायग्नोस्टिक (आरडी) किट गांव गांव में पहुंंचा दी है। जिससे मात्र १५ मिनट में मलेरिया की जांच हो जाती है। ऐसे में मलेरिया के मरीज चिन्हित होने पर उसका शीघ्र उपचार शुरू करने में कहीं दिक्कत नहीं आएगी। यह किट जहां माइक्रोस्कोप से जांच नहीं होती है उन सभी स्वास्थ्य केंद्रों सहित आशा ओर आंगनवाड़ी में उपलब्ध है, वहीं मलेरिया की दवाईयां भी उपलब्ध करा दी है।

संधारा ब्लॉक जिले का अति संवेदनशील क्षेत्र
जिले में संधारा ब्लॉक मलेरिया के लिए अति संवेदनशील क्षेत्रों में आता है। यहां मच्छर शीघ्र पनपने के कारण मलेरिया की चपेट में अधिक लोग आते हैं। इस कारण मलेरिया विभाग ने इस क्षेत्र में बारिश की शुरूआत से पहले ही डीडीटी का छिडक़ाव करवा दिया है। लार्वा सर्वे चल रहा है। इस अतिसंवेदनशील क्षेत्र में शासन द्वारा कुछ माह पूर्व मेडिकेटेड मच्छरदानियों का वितरण भी किया गया था।

जिले में छह साल के आंकड़ों पर एक नजर
वर्ष लक्ष्य रक्तपट्टिकाएं मलेरिया पॉजीटिव
२०१४ १७७७३० १४९८२३ २६४
२०१५ १८१२८५ १५९१२२ ३८९
२०१६ १८४९१० १६९०५२ ३४६
२०१७ १८८६०९ १७२४८१ २३३
२०१८ १५३१५०१ १९७६५५ ८६
२०१९ ८२५६० ७५१०० ०२
(२०१९ में आंकड़े १५ जून तक)

हर व्यक्ति सप्ताह में एक दिन मनाए सूखा दिवस
हर व्यक्ति को मलेरिया से बचाव के लिए सप्ताह में एक दिन सूखा दिवस मनाना चाहिए। इस दिन कूलर, मटका, पानी की टंकी आदि की सफाई करके उन्हें सूखाना चाहिए। ताकि मच्छर का लार्वा खत्म हो जाए, वहीं अपने आसपास के क्षेत्र में कहीं जल जमाव नजर आता है तो उस पानी की निकासी करने के साथ ही मिट्टी का तेल डाले ताकि मलेरिया का मच्छर पनप ही न सकें। मलेरिया और डेंगू की नि:शुल्क जांच होती है। इसलिए मरीज लक्षण नजर आने पर यहां वहां न भटकते हुए सीधे जिला चिकित्सालय पहुंचे। वर्षा काल में नपा के सहयोग से समय समय पर फोङ्क्षगग मशीन व स्प्रे करवाएंगे।
-प्रेमलता डाबी, जिला मलेरिया अधिकारी, मंदसौर

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