बेहतर नहीं काम तो कैसे मिलेगा इनाम
बेहतर नहीं काम तो कैसे मिलेगा इनाम
मंदसौर.
वनविभाग में अधिकारी एवं कर्मचारी वन प्राणियों की रक्षा और संरक्षण के लिए उत्कृष्ट कार्य करे, इसके लिए सरकार ने कई तरह की योजनाएं चला रखी हैं। बावजूद अभी तक एक भी अधिकारी एवं कर्मचारी को जिले में इन योजनाओं के अंतर्गत पुरस्कार नहीं दिए गए। जबकि इन योजनाओं को शुरू किए हुए दस साल हो गए हैं। जब विभागीय अधिकारियों से इसके बारे में पूछा तो उन्होंने हाल में दो अधिकारियों और कर्मचारियों के नाम प्रस्तावित करने का कहकर इतिश्री कर ली।
यह है योजनाएं
१.
योजना-शहीद अमृता देवी विश्नोई पुरस्कार
पुरुस्कार-प्रथम पुरुस्कार १ लाख, द्वितीय ५० हजार एवं प्रशस्ति पत्र
यह करो तो मिले पुरुस्कार-प्रत्येक वर्ष वन प्राणियों की रक्षा में किए गए विशिष्ट कार्य।
किस को मिलता-संस्था, संयुक्त वन प्रबंध समिति, शासकीय एवं अशासकीय व्यक्ति
२.
योजना- बसामन मामा स्मृति वन एवं वन्य प्राणी संरक्षण पुरस्कार
पुरस्कार- प्रथम दो लाख, एक लाख द्वितीय एवं तृतीय पचास हजार रुपए
यह करो तो मिले पुरुस्कार- वन प्राणी संरक्षण के क्षेत्र में प्रदर्शित की गई शूरवीरता तथा निजी भूमि में वृक्षारोपण के लिए प्रोत्साहित के लिए।
किस को मिलता- शासकीय कर्मचारियों और अधिकारियों, संस्था।
सालों से एक भी नहीं आया उत्कृष्ट
शहीद अमृता देवी विश्नोई पुरस्कार की योजना सन् २००१ में शुरू की गई थी। वहीं बसामन मामा स्मृति वन एवं वन्य प्राणी संरक्षण पुरस्कार योजना २००९ में शुरु की गई थी। दोनों योजनाओं में एक योजना को १४ और दूसरी योजना को पांच साल से अधिक समय शुरू किए हुआ। लेकिन इन दोनों योजनाओं में एक भी विभागीय अधिकारी एवं कर्मचारी को पुरुस्कार नहीं मिला।
प्रचार प्रसार में कमी
यह दोनों योजनाएं विभागीय अधिकारी एवं कर्मचारी के लिए तो है ही लेकिन इसके साथ ही संस्थाओं और अन्य व्यक्तियों के लिए भी हैं। लेकिन अभी तक इन देानों योजनाओं की जानकारी आम आदमी को नहीं है। इसका सबसे प्रमुख कारण है इन योजनाओं का प्रचार प्रसार सही नहीं करना।
इनका कहना ….
एक भी प्रकरण इन योजनाओं के तहत नहीं आया है। बेहतर कार्य करने के लिए सभी कृत संकल्पित है।
मयंक चांदनीवाल, डीएफओ7