जिले में मल्हारगढ़ क्षेत्र में स्थित गाडगिल व रेतम बैराज के साथ मंदसौर के काला भाटा बैराज के कई गेट खोलना पड़े। इधर जलस्रोतों में पानी की आवक बढऩे के साथ लगातार हो रही बारिश में किसानों में सोयाबीन नुकसानी को लेकर निराशा है तो अगली फसल इस बारिश से बेहतर होने की उम्मीद भी बंधी है।
जिले सहित अंचल में शुक्रवार की रात 10 बजे से बारिश का दौर शुरु हुआ। जो शनिवार दिनभर के बाद रातभर भी जारी रहा और रविवार सुबह तक अनवरत बारिश का दौर चल रहा था। ***** में लगी सावन सी बारिश की झड़ी ने बारिश की खेंच को दूर कर दिया है और तेज गर्मी से परेशान लोगों को राहत दी है। अब जिले में औसत बारिश का आंकड़ा पार कर गया है। बारिश के कारण खेतों में खड़ी फसल को कम नुकसान है तो खेतों में कटी फसल को सबसे अधिक नुकसान बताया जा रहा है। खेतों में कटी हुई फसल के लिए जहां किसान को दो गुना मेहनत करना है। वहीं पकी सोयाबीन की फसल के मौसम साफ होने के बाद तेज गर्मी से गिरने की भी चिंता अभी से सताने लगी है। जिले में दो लाख 40 हजार हैक्टेयर में सोयाबीन और 40 हजार हैक्टेयर में उड़द की फसल की बुआई की गई है। गांधीसागर में पानी का इन फ्लो अभी शुरु नहीं हुआ है।
जिले सहित अंचल में शुक्रवार की रात 10 बजे से बारिश का दौर शुरु हुआ। जो शनिवार दिनभर के बाद रातभर भी जारी रहा और रविवार सुबह तक अनवरत बारिश का दौर चल रहा था। ***** में लगी सावन सी बारिश की झड़ी ने बारिश की खेंच को दूर कर दिया है और तेज गर्मी से परेशान लोगों को राहत दी है। अब जिले में औसत बारिश का आंकड़ा पार कर गया है। बारिश के कारण खेतों में खड़ी फसल को कम नुकसान है तो खेतों में कटी फसल को सबसे अधिक नुकसान बताया जा रहा है। खेतों में कटी हुई फसल के लिए जहां किसान को दो गुना मेहनत करना है। वहीं पकी सोयाबीन की फसल के मौसम साफ होने के बाद तेज गर्मी से गिरने की भी चिंता अभी से सताने लगी है। जिले में दो लाख 40 हजार हैक्टेयर में सोयाबीन और 40 हजार हैक्टेयर में उड़द की फसल की बुआई की गई है। गांधीसागर में पानी का इन फ्लो अभी शुरु नहीं हुआ है।
सुबह तक अनवरत बारिश का दौर चल रहा था। ***** में लगी सावन सी बारिश की झड़ी ने बारिश की खेंच को दूर कर दिया है और तेज गर्मी से परेशान लोगों को राहत दी है। अब जिले में औसत बारिश का आंकड़ा पार कर गया है। बारिश के कारण खेतों में खड़ी फसल को कम नुकसान है तो खेतों में कटी फसल को सबसे अधिक नुकसान बताया जा रहा है। खेतों में कटी हुई फसल के लिए जहां किसान को दो गुना मेहनत करना है।