अभियोजन मीडिया प्रभारी नितेश कृष्णन के बताया की गांव माल्याखेरखेडा निवासी रामकन्याबाई के द्वारा अपने पति रमेश पिता भंवरलाल गायरी को आपसी विवाद के चलते घर आने नहीं देती है और गावं में ही बने घर पर अपने पुत्र हेमंत के साथ रहती थी। 6 मार्च18 को रात के करीब 1 बजे आरोपी रमेश गायरी नाहरगढ अपने घर आया ओर दरवाज खटखटाया तो रामकन्याबाई ओर उसके पुत्र हेमंत की नींद खुल गई। रामकन्या ने घर का दरवाजा खोला गया तो रमेश गायरी घर में अंदर घुस गया और अंदर से दरवाजा लगा दिया ओर रामकन्याबाई को धक्का देकर नीचे गिरा दिया और घर में रखी कुल्हाड़ी से रामकन्याबाई की गर्दन पर कई बार वार किए।
सभी गवाह हो गए थे पक्षद्रोही फिर डीएनए से हुई सजा
प्रकरण में सभी चश्मदीद व महत्वपूर्ण गवाह पक्षद्रोही होकर अभियोजन का समर्थन नहीं किया था किंतु अपराध को प्रमाणित करने में मृत महिला के हाथों से मानव बाल जप्त किए गए थे। जिनका डीएनए परीक्षण कर मिलान आरोपी के डीएनए से करवाया गया जिससे प्रकरण में माननीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश महोदय श्रीमान् तारकेश्वर सिंह सा0 मदंसौर के द्वारा ने दोषसिद्धि का निर्णय पारित करते हुए आरोपी रमेश पिता भंवरलाल गायरी निवासी माल्याखेरखेडा, नाहरगढ को पत्नी की हत्या करने का दोषी पाते हुए धारा 302 भादवि में आजीवन कारावास एवं 2000 रूपये जुर्माने से दंडित किया गया। प्रकरण में अभियोजन का संचालन उप संचालक अभियोजन बापुसिंह ठाकुर के द्वारा किया गया।