फसलें खड़ी है और प्रवेश वर्जित के लगा दिए बोर्ड
धाकड़ ने बताया कि जावरा ब्लॉक में बोर्ड लगाना शुरु कर दिए है। अभी किसानों की फसलें खेतों में खड़ी है। और राजमार्ग के बोर्ड लगा दिए और प्रवेश वर्जित की बात लिखी जा रही है। फसलें खड़ी होने के अलावा भी अभी मुआवजे की राशि किसानों को मिली नहीं और न हीं भूमिका अधिग्रहण हुआ है। यह किसानों के साथ अत्याचार है। कोई जवाबदार किसानों की बात रखने आगे नहीं आया। विडबंना यह है कि किसी राजनीतिक दल या किसी नेता का सहयोग किसानों को इसमें नहीं मिल रहा। उन्होंने कहा कि गांवों में गाईड लाईन शहरों की अपेक्षा कम होती है। जितनी राशि भूमि के बदले दी जा रही है। उससे वह अन्य रोजगार या जमीन नहीं खरीद सकेंगे। ऐसी स्थिति में किसानों के परिवारों की आजीविका ही प्रभावित हो जाएगी। किसानों को अन्नदाता और भगवान कहने वाली सरकारें और इनमें बैठे नुमाईंदे इस बात को नहीं समझ रहे। वर्तमान में एक्सप्रेस निर्माण में प्रदेश सरकार द्वारा गुणांक १ के हिसाब से दिए जा रहे मुआवजे के कारण परिवारों को संकट के बादल छा गए है। ऐसे में वह हर स्तर पर चार गुना मुआवजे की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन करेंगे। केंद्र सरकार ने २०१३ में इसका प्रावधान कर रखा है, लेकिन राज्य ने अपने अधिकार का उपयोग कर इसमें संशोधन कर कम किया है। इससे यह स्थिति बन रही है।
26 को गांधी चौराहे पर देंगे धरना
किसान संघर्ष समिति द्वारा २६ अगस्त को गांधी चौराहें पर धरना दिया जाएगा। सुबह १० बजे से शाम ५ बजे तक धरना देने के बाद किसान मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपेगे। इसमें चार गुना मुआवजे की मांग रखी जाएगी। धरने के दौरान प्रभावित किसान इसमें शामिल होंगे। रतलाम-मंदसौर जिले के एक्सप्रेस वे की जद में आने वाले किसान धरना प्रदर्शन में शामिल रहेंगे।