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मंदसौर

किसी सांसद-विधायक ने नहीं उठाई किसानों की आवाज, राशि मिली नहीं, भूमिअधिग्रहण हुई नहीं और प्रवेश वर्जित के लगा दिए बोर्ड

किसी सांसद-विधायक ने नहीं उठाई किसानों की आवाज, राशि मिली नहीं, भूमिअधिग्रहण हुई नहीं और प्रवेश वर्जित के लगा दिए बोर्ड

मंदसौरAug 26, 2019 / 11:42 am

Nilesh Trivedi

किसी सांसद-विधायक ने नहीं उठाई किसानों की आवाज, राशि मिली नहीं, भूमिअधिग्रहण हुई नहीं और प्रवेश वर्जित के लगा दिए बोर्ड

किसी सांसद-विधायक ने नहीं उठाई किसानों की आवाज, राशि मिली नहीं, भूमिअधिग्रहण हुई नहीं और प्रवेश वर्जित के लगा दिए बोर्ड


मंदसौर.
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे की जद में आने वाले किसान अब चार गुना मुआवजे की मांग को लेकर लामबंद हो गए है। रतलाम-मंदसौर जिले के किसान एकजुट होकर चार गुना मुआवजे की मांग को लेकर सड़को पर उतरने को तैयार हो रहे है। शनिवार को निजी होटल में प्रेसवार्ता के दौरान एक्सप्रेस वे प्रभावित किसानों को मुआवजे की मांग को लेकर बनाए गए किसान संघर्ष संगठन ने प्रेसवार्ता की। इसमें कहा कि किसी सांसद-विधायक ने लोकसभा व विधानसभा में किसानों की इस मांग को लेकर आवाज नहीं उठाई।
यहां के सांसद तो लोकसभा में एक्सप्रेस वे को लेकर धन्यवाद दे रहे है, लेकिन किसानों की मुआवजे की मांग के लिए वह आवाज नहीं उठा सकें। अब जब चार गुना मुआवजा नहीं मिला तो उग्र आंदोलन करेंगे। केंद्र सरकार ने बाजार मूल्य से ४ गुना मुआवजा दिए जाने का फार्मूला तय कर रखा है, लेकिन प्रदेश सरकार ने गुणांक को दो की बजाए एक कर दिया। इसके चलते यह स्थिति बनी। यह बात किसान संघर्ष संगठन के अध्यक्ष रामविलास धाकड़ ने कही। उन्होंने कहा कि किसानों की मांगों को दबाया गया तो अब २०१७ से भी अधिक उग्र आंदोलन करेंगे।

फसलें खड़ी है और प्रवेश वर्जित के लगा दिए बोर्ड
धाकड़ ने बताया कि जावरा ब्लॉक में बोर्ड लगाना शुरु कर दिए है। अभी किसानों की फसलें खेतों में खड़ी है। और राजमार्ग के बोर्ड लगा दिए और प्रवेश वर्जित की बात लिखी जा रही है। फसलें खड़ी होने के अलावा भी अभी मुआवजे की राशि किसानों को मिली नहीं और न हीं भूमिका अधिग्रहण हुआ है। यह किसानों के साथ अत्याचार है। कोई जवाबदार किसानों की बात रखने आगे नहीं आया। विडबंना यह है कि किसी राजनीतिक दल या किसी नेता का सहयोग किसानों को इसमें नहीं मिल रहा। उन्होंने कहा कि गांवों में गाईड लाईन शहरों की अपेक्षा कम होती है। जितनी राशि भूमि के बदले दी जा रही है। उससे वह अन्य रोजगार या जमीन नहीं खरीद सकेंगे। ऐसी स्थिति में किसानों के परिवारों की आजीविका ही प्रभावित हो जाएगी। किसानों को अन्नदाता और भगवान कहने वाली सरकारें और इनमें बैठे नुमाईंदे इस बात को नहीं समझ रहे। वर्तमान में एक्सप्रेस निर्माण में प्रदेश सरकार द्वारा गुणांक १ के हिसाब से दिए जा रहे मुआवजे के कारण परिवारों को संकट के बादल छा गए है। ऐसे में वह हर स्तर पर चार गुना मुआवजे की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन करेंगे। केंद्र सरकार ने २०१३ में इसका प्रावधान कर रखा है, लेकिन राज्य ने अपने अधिकार का उपयोग कर इसमें संशोधन कर कम किया है। इससे यह स्थिति बन रही है।

26 को गांधी चौराहे पर देंगे धरना
किसान संघर्ष समिति द्वारा २६ अगस्त को गांधी चौराहें पर धरना दिया जाएगा। सुबह १० बजे से शाम ५ बजे तक धरना देने के बाद किसान मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपेगे। इसमें चार गुना मुआवजे की मांग रखी जाएगी। धरने के दौरान प्रभावित किसान इसमें शामिल होंगे। रतलाम-मंदसौर जिले के एक्सप्रेस वे की जद में आने वाले किसान धरना प्रदर्शन में शामिल रहेंगे।

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