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मंदसौर

चेंबर में डॉक्टर नहीं, बाहर मरीजों की लगी लाईन, 10 बजे बाद यहां पहुंचते है डॉक्टर

चेंबर में डॉक्टर नहीं, बाहर मरीजों की लगी लाईन, 10 बजे बाद यहां पहुंचते है डॉक्टर

मंदसौरApr 12, 2019 / 12:19 pm

Nilesh Trivedi

patrika

चेंबर में डॉक्टर नहीं, बाहर मरीजों की लगी लाईन, १10 बजे बाद यहां पहुंचते है डॉक्टर

मंदसौर.
इन दिनों जिला अस्पताल पैरामेडिलक स्टॉफ और नर्सिंग स्टॉफ के भरोसे चल रहा है। डॉक्टरो की कमी के कारण यहां आने वाले मरीजों को परेशान होना पड़ रहा है। पहले तो डॉक्टर कम है और जो हैवह भी समय पर नहीं पहुंच रहे है। इसी कारण खाली पड़े डॉक्टरो के चैंबर और उनके बाहर मरीजों की लगी लाईन के नजारें यहा दिख रहे है। आलम तो यह हैकि जनरल ओपीडी में भी समय पर डॉक्टर नहीं मिल रहे है। पर्ची बनाने के बाद मरीजों को सिर्फ रुकने और इंतजार करने के लिए कहा जा रहा है। पत्रिका ने गुरुवार को सुबह ८ बजे से १० बजे के बीच ओपीडी से लेकर पर्ची काउंटर और इमरजेंसी से लेकर वार्डों में पहुंचकर पड़ताल की।

वार्डों में चालू, पंखे और लाईट, तो वाटर कूलर चालू, लेकिन पानी ठंडा नहीं
अस्पताल में सर्जिकल से लेकर प्रसूति के अलावा अन्य सभी वार्डो में जब पहुंचकर देखा तो वार्डो में स्थिति ठीक थी। गर्मी के दौर में वार्डो में पंखों से लेकर कूलर और लाईटें भी चालू थी। इतना ही नहीं यहां सफाई भी सुबह के समय हो रही थी। हालांकि इन वार्डो में अभी मरीजों की संख्या भी कम है। इसलिए अधिकांश वार्डो में पंलग खाली ही पड़े थे। वहीं परिसर में वॉटर कूलर तो जगह-जगह लगे हुए है।
लेकिन किसी में पानी खत्म तो किसी भी ठंडा पानी नहीं। इसके कारण गर्मी में अस्पताल में ठंडे पानी के लिए लोगों को परेशान होना पड़ रहा है तो इन वाटर कूलर के आसपास गंदगी भी जमा थी। इसी कारण गंदगी के बीच पानी पीने से लेकर संकोच करते हुए केवल पानी देख निकल रहे थे।

हर कक्ष में दिखा सिर्फ नर्सिंग स्टॉफ
जिला चिकित्सालय की ओपीडी में पर्ची बनाने का काउंटर हो या दवा वितरण का। या फिर इंजेक्शन रुम से लेकर डे्रसिंग हो। या चिकित्सकंों के कक्ष हो। यहां पर हर जगह पैरामेडिलक स्टॉफ से लेकर नर्सिंग स्टॉफ ही सुबह के समय नजर आया। इमरजेंसी में जरुर कुछ अन्य लोग थे। लेकिन वहां मरीज नहीं थे। मानों पूरे अस्पताल में कोई जवाबदार तो है ही नहीं। जो भी मरीजों को सलाह या उपचार मिल रहा है। वह नर्सिंग स्टॉफ से ही मिल रहा है। १० बजे बाद करीब १०.१५ बजे तक जनरल ओपीडी में दो डॉक्टर पहुंचे। इसके अलावा ओपीडी में जो कुर्सिया खाली पड़ी थी। उनके बारें में पूछा तो वहां मरीजों से चर्चा कर रहे मौजूद स्वास्थ्यकर्मियों का यही कहना था कि नहीं पता। साहब। यहां कब कोन आता है और कोन जाता है।

नाईट ड्युटी की, इसलिए दिन में सोनोग्रॉफी बंद
अस्पताल में सोनोग्रॉफी कक्ष के बाहर कुछ लोग इंतजार कर है। वहीं कक्ष के बाहर एक पेपर चस्पा था। इस पर लिखा था डॉक्टर साहब नाईट ड्युटी करके गए है। इसलिए आज सोनोग्रॉफी नहीं होगी। रात में डॉक्टर की ड्युटी के कारण दिन में आने वाले मरीजों की सोनोग्रॉफी नहीं करने का संदेश भी स्पष्ट रुप से यहां लगाया गया।

इनका कहना…
ओपीडी में डयूटी डॉक्टर को रहना चाहिए। मैं इस मामले को दिखवाता हूं।
-डॉ अधीर मिश्रा, सीएमएचओ।
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