scriptएम्बुलेंस के माध्यम से तस्करी पर रहेगी अब पेनी निगाह | mandsaur latest news | Patrika News
मंदसौर

एम्बुलेंस के माध्यम से तस्करी पर रहेगी अब पेनी निगाह

विधायक यशपालसिंह सिसौदिया ने सदन में उठाया एम्बुलेंस से तस्करी का मामला
 

मंदसौरMar 08, 2018 / 08:46 pm

harinath dwivedi

patrika

विधायक यशपालसिंह सिसौदिया

गृह, स्वास्थ्य और परिवहन विभाग की बनेगी संयुक्त टीम, एम्बुलेंस चालन के लिए बनेगी नीति, गृहमंत्री भुपेन्द्रसिंह ने विधायक सिसौदिया की मांग पर की घोषणा
मंदसौर । मंदसौर, रतलाम और नीमच जिले में पिछले कुछ समय से एम्बुलेंस की तादाद अचानक से बड़ी है ऐसे में निश्चित रूप से शंका होती है कि एम्बुलेंस का उपयोग तस्करी में लोग कर रहे है यह बात साबित भी हुई है । एम्बुलेंस के माध्यम से तस्करी होना पाया गया है और पुलिस ने इसे पकड़ा भी है इसलिए मध्यप्रदेश सरकार ने यह निश्चय किया है कि तीनों जिलों में सारी एम्बुलेंस का सत्यापन होगा इस बात की जांच कराई जाएगी कि एम्बुलेंस का वास्तविक उपयोग क्या हो रहा है जिलें में कितनी एम्बुलेंस की आवश्यकता है कितनी चल रही है और किसके माध्यम से चल रही है । इसके अलावा बॉर्डर के थानो पर एम्बुलेंस का औचक निरीक्षण भी करवाया जाएगा।ताकि एम्बुलेंस के माध्यम से तस्करी नहीं हो सके इसके लिए एक ज्वाईंट कमेटी बनाई जाएगी। जिसमें गृह, स्वास्थ्य और परिवहन विभाग सम्मिलित होगा । एक ऐसी नीति बनाई जाएगी ताकि एम्बुलेंस का अपराध में उपयोग ना होने पाए समिति के रिर्पोर्ट के आधार परएक ठोस कार्ययोजना बनेगी और नियम के रूप में लागू होगी। इस संबंध में शीघ्र ही तीनों विभागों की एक संयुक्त मीटिंग की जाएगी है।
यह महत्वपूर्ण निर्णय विधायक यशपालसिंह सिसौदिया के प्रस्ताव पर मध्यप्रदेश विधानसभा में हुआ। जिसमें मध्यप्रदेश के गृहमंत्री भुपेन्द्रसिंह ने घोषणा की । विधायक यशपालसिंह सिसौदिया ने ध्यानाकर्षण के माध्यम से मंदसौर और समीप के जिलों में एम्बुलेंस के माध्यम से हो रही तस्करी को लेकर चिंता जाहिर करते हुए सवाल उठाया था । सिसौदिया ने सदन में इस सवाल पर चर्चा करते हुए कहा कि मंदसौर और समीप के जिलों में तस्कर तस्करी के लिए नित नए तरीके अपनाते है। लगभग तीन दशक पहले शनिदेव की प्रतिमा अफीम से बनाकर उस पर प्लास्टिक का लेप लगाकर तस्करी की जाती थी। मंदसौर से रतलाम होकर मुम्बई तक इस तरीके से तस्करी का माल पहुंच जाता था। तस्कर इन तरीकों में गरीब लोगों का इस्तेमाल करते है बरसों पहले बस स्टेण्ड से रेलवे स्टेशन की तरफ एक सुरदास महिला जो भिक्षा वृत्ति करती थी उसे माध्यम बनाकर तस्करी कराने का मामला भी प्रकाश में आया था। करीब दो दशक पहले तात्कालिक पुलिस अधीक्षक पन्नालाल ने सार्वजनिक रूप से पत्रकारवार्ता में इस बात को स्वीकार करते हुए कहा था कि मंदसौर जिलें का हर चौथा व्यक्ति कहीं ना कहीं किसी ना किसी रूप में तस्करों से जुड़ा हुआ है या तस्करों के साथ उसका उठना-बैठना होता है। जिलें में तस्करी के मामलें में गंभीर है एम्बुलेंस के माध्यम से तस्करी का नया प्रयोग सामने आया है। सिसौदिया ने कहा कि एम्बुलेंस होने के कारण सहानुभूति के आधार पर ए मानव अधिकार के नाम पर टोल पर उसे नहीं रोका जाता हर व्यक्ति को लगता है कि एम्बुलेंस में कोई बिमार होगा। इसलिए तत्काल उसे रास्ता भी दे दिया जाता है। लेकिन मंदसौर रतलाम और नीमच जिले में मादक पदार्थो की जो तस्करी हो रही है उसमें कुकुरमुत्तों की तरह रोज बढ़ती जा रही एम्बुलेंस भी शामिल है । अगर जिला चिकित्सालय के अंदर दो एम्बुलेंस मौजुद है तो अस्पताल की बाउंड्री के बाहर 15 एम्बुलेंस की खड़ी रहती है। जबकि मंदसौर के प्रमुख नीजि बड़े अस्पतालों में भी उनकी अपनी एम्बुलेंस है बावजूद इसके टेक्सी स्टेण्ड पर टेम्पो टे्रेक्स, बोलेरो, मारूति वेन एम्बुलेंस के रूप में खड़ी हुई दिख जाती है। ऐसे में इन्हें परमिट देने की आवश्यकता क्या है । इस पर नियंत्रण लगना चाहिए ।
सिसौदिया ने 29 मार्च 2015 की घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि नीमच जिलें के केसरपुरा के पास एक एम्बुलेंस की ट्रक कंटेनर से टक्कर हो गई थी। इस घटना में उसमें सवार सभी लोगों की जलकर मौत हो गई थी उस गाड़ी में भी डोडाचुरा था। मंदसौर, नीमच और रतलाम जिले मादक पदार्थो के लिए कुख्यात है। यहां एम्बुलेंस के माध्यम से डोडाचुरा और अफीम परिवहन का मामला जो सामने आ रहा है। उसके बाद यह सुनिश्चित होना चाहिए कि इन तीनों जिलों में कितने अस्पताल है और कितनों को एम्बुलेंस की आवश्यकता है। क्या लोग रोज अपने मरीज को लेकर गुजरात और राजस्थान जाते है इसके बारे में एक नीति बननी चाहिए और इन एम्बुलेंस पर नियंत्रण होना चाहिए। सिसौदिया ने सदन में मांग करते हुए कहा कि इन वाहनों का रजिस्ट्रेशन और वाहन चलाने वाले चालकों का सत्यापन करने के लिए स्वास्थ्य विभाग, परिवहन विभाग, पुलिस और पुलिस का नारकोटिक्स विभाग मिलकर एक टीम बनाएंं और एक नीति बनाकर कारगर और ठोस प्रावधान किए जाएं इसके अलावा तकनीक का युग है इसलिए इन वाहनों में जीपीएस सिस्टम भी जोड़ा जाए ताकि एम्बुलेंस के माध्यम से हो रहे अपराधों को रोकने में मदद मिले ।

बने ठोस नीति
सिसौदिया के प्रस्ताव पर मनासा विधायक कैलाश चावला, जावद विधायक ओमप्रकाश सकलेचा, जावरा विधायक राजेन्द्र पाण्डे, नीमच विधायक दिलीपसिंह परिहार ने भी समर्थन किया और कहा कि एम्बुलेंस पर नीति बनने के साथ-साथ डोडाचुरा को नष्ट करने की दिशा में भी ठोस पहल नीति बननी चाहिए ।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो