खाने से लेकर ठंडा पानी पीने और छाया की तलाश में भटक रहे किसान
मंडी में उपज की नीलामी के लिए कई दिनों तक किसानों को इंतजार करना पड़ रहा है। यहां तक की प्रांगण में प्रवेश के लिए २४ घंटे से लेकर ४० घंटें तक का इंतजार करना पड़ रहा है। ऐसे में खाने से लेकर ठंडा पानी पीने और ४२ डिग्री के तापमान में छाया की तलाश में इधर-उधर भटकना पड़ रहा है। इतना ही नहीं किराए से ट्रैक्टर या लोडिंग वाहन में उपज लाने वाले किसानों को आर्थिक भार भी वहन करना पड़ रहा है। तो खुले आसमान के नीचे रात भी मजबुरी में बिताना पड़ रही है।
दो दिन का अवकाश, ११ तक मिलेगा लहसुन को प्रवेश
मंडी सचिव ओपी शर्माने बताया कि १३ अप्रैल को माह का दूसरा शनिवार और रामनवमी और १४ अप्रैल को रविवार होने के कारण दो दिन का मंडी में अवकाश रहेगा। इन दो दिनों में मंडी में उपज का क्रय-विक्रय नहीं हो सकेगा। इसके साथ ही मंडी में लहसुन की इन दिनों हो रही अत्यधिक आवक के कारण लहसुन का 11 अप्रैल रात 8 बजे तक ही प्रवेश दिया जाएगा।इसके बाद मंडी में लहसुन का एंट्री नहीं मिलेगी। 11 के बाद लहसुन को सीधे १५ अप्रैल को ही प्रांगण में एंट्री दी जाएगी।
लहसुन ३० हजार से अधिक तो गेंंहू ११ हजार से अधिक
मंडी में पिछले एक माह से उपज की बंपर आवक हो रही है। आवक के कारण यहां की व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। एक और आवक अधिक हो रही है। वहीं दूसरी और मंडी में लगातार अवकाश भी आ रहे है।इसी कारण मंडी खुलने के बाद व्यवस्था जब तक सुचारु हो नहीं पाती तब तक फिर अवकाश आ जाते है। इसी कारण यह स्थिति बनी हुई है।मंगलवार को मंडी में लहसुन की ३० हजार और गेंंहू की ११ हजार बोरी की आवक हुई। तो इसके साथ सोयाबीन २५००, चना १५००, सरसो १००० के साथ अन्य जिंसों को मिलाकर ५० हजार बोरी की आवक हुई।जितनी प्रांगण के अंदर आवक हुई। उससे तीन गुना उपज लिए किसान प्रांगण के बाहर कईघंटों से अपनी बारी का इंतजार कर रहे है।
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