video प्रधानमंत्री आवास योजना में कमीशनखोरी रोकने का यह अपनाया तरीका…..पढ़़े यहां
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मंदसौर.
प्रधानमंत्री आवास योजना में नाम जुड़वाने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में लाखों रूपए की ठगी का मामला सामने आया था। इसके अलावा आवास स्वीकृत कराने की शिकायतें भी हुई थी। जिसको लेकर पहली बार जिला पंचायत द्वारा दिवार लेखन का सहारा लिया गया। जिसमें ग्राम पंचायतों में दिवारों पर ऐसे लोग जो रूपयों की मांग करते है। उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई और एफआईआर दर्ज करवाने की जानकारी लिखी गई है। अधिकारियों की माने तो इस प्रयोग के बाद शिकायत का ग्राफ तेजी से गिरा है।
एक दो नहीं बल्कि हजारों ग्रामीणों ने की थी शिकायतेंं
कुछ समय पहले आवास दिलवाने और प्रधानमंत्री आवास योजना की सूची में नाम जुड़वाने के लिए एक दो नहीं बल्कि दो से ढाई हजार ग्रामीणों से रूपए लिए गए थे। जिसकी शिकायत कलेक्टर को जनसुनवाई में की गई थी। इसके बाद वहां से शिकायतें जिला पंचायत पहुंची। इनमें सबसे अधिक वे ग्रामीण थे। जिनका सूची में नाम नहीं है। और वे नाम जुड़वाना चाहते है।
सूची में नाम फिर लिए रूपए, हुई शिकायत
जिला पंचायत से मिली जानकारी के अनुसार जिन लेागेंा के नाम सूची में है। उन हितग्राहियों से भी दलालों ने १५ से २० हजार रूपए लिए गए थे। इस तरह की करीब १० से १५ शिकायतें हुई थी। जबकि इस योजना मेंं किसी को रूपए देने की आवश्यकता ही नहीं थी। जिनके नाम है उनके स्वत: ही राशि पास होगी और उनके मकान बनने की स्थिति भी समय-समय संबंधित अधिकारियों द्वारा ली जाएगी।
दिवारों पर लिखवा कर दी जानकारी
प्रधानमंत्री आवास योजना का वर्तमान सामाजिक-आर्थिक जनगणना सूची २०११ के अनुसार लाभ दिया जा रहा है। बार-बार सूचना प्राप्त हो रही है कि आवास सूची में नाम जुड़वाने के लिए कतिपय व्यक्तियों द्वारा राशि की मांग की जा रही है। प्रधानमंत्री आवास के लाभ के लिए सर्वे सूची में नाम जुड़वाने की जनपद स्तर, जिलास्तर, शासन स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। यदि किसी व्यक्ति के द्वारा नाम जुड़वाने या आवास स्वीकृत करवाने के या आवास स्वीकृत करवाने के लिए राशि की मांग की जाती है। नजदीकी पुलिस थाना या जिला पंचायत मेंं इसकी शिकायत करें।
इनका कहना….
प्रधानमंत्री आवास योजना में नाम जुड़वाने व आवास स्वीकृत करवाने को लेकर ग्रामीणोंसे रूपयोंं की मांग की शिकायत बड़ी संख्या में मिली थी। उसके बाद जिले की सभी जनपद पंचायत क्षेत्रों में हमने दिवार लेखन करवाया है। इसके परिणाम अच्छे आए है। पहला ग्रामीणों को पूरी जानकारी हो गई है और दूसरी शिकायतों का ग्राफ बहुत अधिक कम हो गया है। अब शिकायतें नहीं के बराबर आती है।
आदित्य ङ्क्षसह, जिला पंचायत सीईओ।
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