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मंदसौर

5 करोड़ के सहस्त्रशिवलिंग मंदिर का कछुआ चाल से चल रहा काम

5 करोड़ के सहस्त्रशिवलिंग मंदिर का कछुआ चाल से चल रहा काम

मंदसौरMay 01, 2019 / 11:27 am

Nilesh Trivedi

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5 करोड़ के सहस्त्रशिवलिंग मंदिर का कछुआ चाल से चल रहा काम


मंदसौर.
भगवान पशुपतिनाथ मंदिर के समीप निर्माणाधीन सहस्त्रशिविलिंग मंदिर का कछुआ चाल से काम चल रहा है। एक साल में मंदिर बनकर तैयार होना है। लेकिन अभी आधा काम भी नहीं हो पाया है। अब ऐसे में डेढ़ माह बाद फिर मानसून आने वाला है तो काम समय पर कैसे पूरा होगा।शुरु से चली आ रही लेटलतीफी के कारण काम में प्रगति नहीं आ पाई है।
ऐसे में मंगलवार को दोपहर में जब तहसीलदार नारायण नंदेड़ा अमले के साथ पहुंचे तो उन्होंने यहां मौजूद निर्माण कंपनी के इंजीनियर व ठेकेदार को मजदूर बढ़ाते हुए काम में तेजी लाने और समय पर काम पूरा करने के निर्देश दिए। इसके अलावा निर्माण के दौरान जो खामियां आई। उन्हें सुधारने के निर्देश दिए।

5 करोड़ में बन रहा मंदिर
जानकारी के अनुसार सहस्त्रशिविलिंग मंदिर ५ करोड़ की लागत से बन रहा है। इसमें भगवान शिव के एक हजार एक नाम के साथ शिवलिंग होंगे। जो अष्टमुखी भगवान पशुपतिनाथ मंदिर के समीप एक और दर्शनीय स्थल बनेगा। इसका शुभारंभ करने के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान मंदसौर आए थे और उन्होंने ३० मई- २०१८ में इसका भूमिपूजन किया था। लेकिन तब से लेकर अब तक धीमी चाल तो कभी काम बंद होने से लेकर कभी डीपीआर से लेकर अलग-अलग मुद्दो के कारण यह सुर्खियों में बना हुआ है। अब धीमी गति से हो रहे निर्माण के कारण समय-सीमा में काम पूरा होने को लेकर सवाल खड़े होने लगे है।

मजदूर बढ़ाकर काम में गति लाने के दिए निर्देश
तहसीलदार नांदेड़ा ने बताया कि मंदिर निर्माण की जानकारी लेने के लिए गया था। यहां निर्माण से जुड़े मामले की जानकारी ली। साथ काम में सुधार के साथ ही अन्य निर्देश दिए। यहां पर मानसून को देखते हुए मजदूर बढ़ाते हुए काम में गति लाते हुए समय-सीमा तक काम पूरा करने के निर्देश दिए। प्रबंध समिति के राहुल रुनवाल ने बताया कि निरीक्षण के दौरान निर्माण से जुड़ी सामान्य जानकारी ली और निर्माण को लेकर निर्देश दिए है।

इधर प्रंबध समिति के रुनवाल को लेकर कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
पार्षद प्रतिनिधि शैलेंद्र गिरी गोस्वामी ने मंगलवार को कलेक्टर धनराजू एस को ज्ञापन सौंपा।इसमें उन्होंने शासकीय भूमि जो पशुपतिनाथ अतिथि उपहार ग्रह धर्मशाला के लिए पूरे से आवंटित हुई थी। उस पर मंदिर प्रबंधक समिति के राहुल रूनवाल द्वारा मिलीभगत कर अतिक्रमण करवाने का आरोप लगाया है। गोस्वामी ने कलेक्टर को बताया कि सर्वे नंबर 3121 की भूमि पर धर्मशाला की बाउंड्री बनाते समय समीप के किसानों द्वारा तत्कालीन कलेक्टर स्वतंत्रकुमार सिंह के सामने आपित्त ली थी।
उस समय किसानों को आने-जाने के लिए किसानों को जमीन देने की बात कही थी, लेकिन अब ऐसा नहीं हो रहा है। लंबाई-चौड़ाई पूर्व से पश्चिम 140 फीट वर्तमान में धर्मशाला की बाउंड्री 100 फीट पर बनी हुई है। 40 फीट खुली भूमि समीप के किसान रहवासियों के आवाजाही के लिए छोड़ी गई थी। लेकिन अब अवैध रुप से इस जमीन पर अतिक्रमण किया जा रहा है। इससे आने-जाने वाले लोगों को रास्ता नहीं मिल सकेगा। इससे किसानों में भी आक्रोश है। गोस्वामी ने मांग की कि तत्काल राजस्व अधिकारियों को मौके पर भेजकर पंचनामा बनाते हुए अवैध कब्जाधारियों के विरूद्ध कार्रवाई की जाए। इस मामले में प्रबंध समिति के रुनवाल ने बताया कि गोस्वामी अपने निजी स्वार्थ के चलते शिकायत कर रहे है। आरोप गलत है।

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