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मंदसौर

स्ट्रीट लाईट को ठेके पर देने की योजना पर जमी धुल

स्ट्रीट लाईट को ठेके पर देने की योजना पर जमी धुल

मंदसौरMay 11, 2019 / 02:58 pm

Nilesh Trivedi

मंदसौर.
शहरीय क्षेत्रों में प्रकाश व्यवस्था को निकायों से लेकर ठेके पर देने की योजना में डेढ़ साल से अधिक लंबा समय बीतने के बाद भी कदम नहीं बढ़ पाए है। शासन ने निकायों से प्रकाश व्यवस्था के नाम पर खर्च हो रही राशि की जानकारी तो मंगवा ली थी, लेकिन इस व्यवस्था को ठेके पर देकर क्लस्टर योजना के तहत लागू करने का काम शुरु नहीं हो पाया। दो जिलों में नपा व परिषदों की प्रकाश व्यवस्था ठेके पर देकर इसकी मॉनीटरिंग निकायों को सौंपने की योजना थी, लेकिन अब तक कुछ हुआ नहीं। और नपा के सूत्रों की मानें तो शासन ने प्रदेश के दूसरे शहरों में इस प्रयोग को शुरु किया था। लेकिन वहां सफलता नहीं मिलने के बाद इस आगे लागू नहीं किया गया।

अकेले मंदसौर में हर माह होते हैलाखों खर्च
शहर में प्रकाश व्यवस्था के नाम पर अकेले मंदसौर में लाखों रुपए खर्च होते है। १८ लाख के करीब बिजली के बिलों का भुगतान तो ५० लाख रुपए नपा की विद्युत शाखा को शहर की प्रकाश व्यवस्था के मेटनेंस के लिए चाहिए। तो साल दर साल प्रकाश व्यवस्था में इजाफा हो रहा वो अलग। वर्तमान में शहर के उद्यानों, चौराहों व आम रास्तों पर प्रकाश व्यवस्था में करीब १० हजार से अधिक पोल अकेले शहर में लगे है तो नीमच के अलावा १९ नगर परिषदों में भी अलग खर्च और बिजली के पोल है। हर माह लाखों रुपए की लागत इस व्यवस्था पर लगने के कारण शासन ने इसे ठेके पर देकर क्लस्टर में लागू करने की योजना शुरु की थी। लेकिन यहां अब तक योजना साकार नहीं हो पाई है। इसके अलावा कॉलोनियां बढऩे के साथ प्रकाश व्यवस्था भी बढ़ती जा रही है।

निकायों को होगा सीधा लाभ
लाईटिंग की व्यवस्था ठेके पर देने से शासन और निकाय दोनेां को लाभ होगा। वर्तमान में इस व्यवस्था में लाखों रुपए का व्यय हो रहा हैऔर लगातार इसका विस्तार होने से मांग और खपत दोनों बढ़ रही है। इसी कारण निकायों का अमला और पैसा इसमें बढ़ी मात्रा में लगता है।
व्यवस्था ठेके पर दी जाने के कारण कंपनी ही यह व्यवस्था देखेगी और शासन उसे इसका भुगतान करेंगा और मेंटनेंस भी कंपनी को ही करना है। शासन स्तर से ही इसकी टैंडर से लेकर ठेका देने की पूरी प्रक्रिया होना है। इनकी मॉनीटरिंग निकायों को करना इसमें शामिल है। निकाय को लाभ के कारण यह लागू की थी, लेकिन धीमी गति के कारण यह व्यवस्था अब तक लागू नहीं हो पाई है।

दो जिलों के 21 निकायों के लिए यह थी योजना
डेढ़ साल पहले से चली आ रही योजना में मंदसौर और नीमच जिले की निकायों की सडक़ बत्ती की व्यवस्था शासन ने ठेके पर देने के लिए पहल शुरु की थी। इसमें सभी निकायों से प्रकाश व्यवस्था के नाम पर हो रहे व्यय की जानकारी और प्रकाश व्यवस्था की स्थिति मांगी थी। मंदसौर-नीमच जिले में दो नगर पालिकाओं के साथ १९ नगर परिषद है। जिनकी प्रकाश व्यवस्था इस योजना में ठेके पर जाना थी और इन २१ निकायों का क्लस्टर मंदसौर बनना था।

चुनाव बाद होगा
इस योजना में अभी कुछ भी नहीं हुआ है। चुनाव के बाद इस मामले में कुछ होगा। -बीबी गुप्ता, उपयंत्री, नपा


फेक्ट फाईल
मंदसौर नपा की प्रकाश व्यवस्था
सालभर में लाईटिंग के मेटनेंस पर खर्च- करीब 50 लाख
मासिक बिजली के बिलों का भुगतान – करीब 18 लाख
शहर में स्ट्रीट लाईट बगीचे व सडक़ में मिलाकर- 10 हजार से अधिक
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