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मंदसौर

पत्नी के साथ धरने पर बैठा पीडि़त, दिनभर में कोई नहीं पहुंचा परिवार के पास

पत्नी के साथ धरने पर बैठा पीडि़त, दिनभर में कोई नहीं पहुंचा परिवार के पास

मंदसौरAug 20, 2019 / 09:34 pm

Nilesh Trivedi

patrika

पत्नी के साथ धरने पर बैठा पीडि़त, दिनभर में कोई नहीं पहुंचा परिवार के पास

मंदसौर.
पहले खेत पर आए और बोला की १३० किलो डोडाचुरा पकड़ाया है। तुम्हारा नाम बता रहे है। तोड़ करना है तो ढाई लाख रुपए दे दो। थाने लाकर मुझे लॉकअप में बंद कर दिया। तीसरे दिन मुझे न्यायालय में पेश कर जेल भेजा। मैं १७ दिन जेल में रहा। फर्जी तरीके से मेरा नाम प्रकरण में जोड़ दिया। न्यायालय से मैं बरी हुआ है। पर केस नहीं बनाने और छोडऩे के लिए पुलिस ने ढाई लाख रुपए परिवार को धमकाकर लिए फिर भी केस बनाया। आरक्षक ने घर से मेरी बाईक उठाई और उसे छोडऩे के लिए १० हजार मांगे। इस तरह दो लाख ६० हजार रुपए पुलिस ने अवैध रुप से धमकाकर वसूल लिए। यह कहना है जिले के अफजलपुर थाना के गांव गांगाखेड़ी निवासी नरेंद्र पाटीदार का। तो दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई और दिए रुपए वापस लेने की मांग को लेकर आजाद चौक में धरने पर परिवार सहित बैठा। दिनभर के धरने के बाद रात तक परिवार के पास विभाग का कोई अधिकारी-कर्मचारी समझाने नहीं पहुंचा।
मुख्यमंत्री से लेकर डीजीपी व मानव अधिकार आयोग तक भेजी शिकायत
पीडि़त युवक पत्नी व पड़ोसी को साथ लेकर सोमवार को आजाद चौक में धरने पर बैठा। युवक का कहना है कि पुलिस ने उसके परिवार से २ लाख ६० हजार रुपए भी डरा-धमकाकर लिए और फर्जी प्रकरण भी बनाया। और मुझे जेल भेज दिया। मामले में कोर्ट ने बरी किया है। अब टीआई व आरक्षको पर कार्रवाई और पुलिस को दिए रुपए वापस लेने के लिए वह सड़क पर उतरा है। इस मामले में पीडि़त ने डीजीपी से लेकर आईजी व डीआईजी, एसपी से लेकर मुख्यमंत्री व मानव अधिकार आयोग को भी शिकायत की है। फरियादी दिनभर अनशन पर बैठा रहा। मामले में अफजलपुर पुलिस पर पीडि़त ने कई सवाल खड़े किए है।
यह है पूरा मामला
नरेंद्र ने बताया कि १७ नवंबर-२०१८ को अफजलपुर पुलिस के पांच आरक्षक सिविल डे्रस में शाम को जब वह खेत पर था। तब उसके पास आए और उसे थाने लाए। और लॉकअप में बंद कर दिया। फिर १९ को पेश किया और वहां से जेल भेज दिया। इसी दौरान टीआई व अन्य ने मिलकर परिवार को फोन लगाकर छोडऩे के लिए ढाई लाख रुपए मांगे। परिवार को धमकाकर पैसे भी ले लिए। और फर्जी प्रकरण में नाम भी छोड़ दिया। मामले में कोर्ट ने बरी किया है। फिर वह टीआई के पास पहुंचा और पूछा की पैसे भी लिए और प्रकरण बनाकर मुझे फंसाया। तो वह बहाने-बाजी करने लगे और अलग-अलग जगह रुपया देने की बात कहने लगे। इसके बाद २६ जनवरी-२०१९ को उसने मामले की शिकायत की। इसके बाद से अब तक वह न्याय और दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर हर जगह शिकायत कर फरियाद कर रहा है। मुख्यमंत्री, मानवअधिकार आयोग, आईजी, डीआईजी, एसपी से लेकर हर जगह शिकायत कर। पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद उसे यह रास्ता अपनाना पड़ा और दोषी पर कार्रवाई और पुलिस को दिए रुपए वापस लेने के लिए उसने धरना व अनशन शुरु किया है। उसके साथ पत्नी स्नेहलता व तेजराम भी धरने पर बैठे है। टीआई लालसिंह परमार, आरक्षक समरथ, शैलेंद्र के नाम उसने शिकायत में बताए है। इनके साथ तीन अन्य के होने की बात भी कही है।
टीआई का फोन बंद
इस पूरे मामले में टीआई परमार से संपर्क किया तो उनका मोबाईल नंबर स्वीच ऑफ आ रहा है तो थाने पर वह एक्सीटेंड हो जाने के कारण सीख पर चल रहे है। इसलिए नहीं है।
जांच चल रही है
जो धरने पर बैठा है। वह युवक एनडीपीएस के मामले में जेल गया था। बाकी उसने जो शिकायत की है। उस मामले की जांच चल रही है। -हितेश चौधरी, एसपी

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