रात के सफर में लगेज पड़ रहा भारी
रात के समय कई बसें भोपाल, इंदौर, अहमदाबाद, उज्जैन, रतलाम, नीमच से लेकर दिल्ली और अन्य कई शहरों की और आवाजाही शहर से करती है। कई कंपनियों की बसें आती-जाती है। लेकिन रात के यात्रियों के इन बसों के सफर में लगेज का सामान मुसीबत बना हुआ है। सबसे बड़ी समस्या लगेज चढ़ाने और उतारने में लगने वाले समय के कारण इन बसों में सफर करने वाले यात्री अपने गंतव्य तक देरी से पहुंच रहे है। ऐसे में उनकी रात खराब हो जाती है तो आराम का सफर भी परेशानियों भरा होता है।
लोडिंग वाहनों की कमाई बस संचालक की जेब में
यात्री बसों के लगेज और पार्सल के सामान के परिवहन के कारण लोडिंग का काम करने वाले व्यवासायीक वाहनों की कमाई कम हो गई है। जो सामान लोडिंग वाहनों से जाना चाहिए। वह इन दिनों यात्री बसों से आ और जा रहा है। इस कारण लोडिंग वाहन चालको की कमाई सीधे-सीधे यात्री बस संचालको की जेब में जा रही है। इसमें विडबंना तो यह हैकि वाणिज्यकर और आरटीओ दोनों ही विभाग कभी इस पर कार्रवाई नहीं करते और न हीं इसे कभी रोकने की कोशिश। हाईवे से आने-जाने वाली इन बसों को पुलिस तो कभी रोकती भी नहीं।
समय-समय पर होती हैचैकिंग
विभाग इंदौर के निर्देश पर समय-समय पर चैङ्क्षकग करता है। इसके अलावा वर्तमान में सभी व्यवस्था ई वे बिल की हो गई है। साथ ही कई वस्तुएं ऐसी होती है जिन पर टैक्स नहीं लगता है। -इंद्रपालसिंह ठाकुर, वाणिज्यकर अधिकारी, मंदसौर
करते है चालानी कार्रवाई
ओवरलोडिंग यात्री बसों को लेकर लगातार चालानी कार्रवाईकी जाती है। लंबी दूरी की बसें रात के समय निकलती है। इस कारण इन पर कम कार्रवाई हो पाती है। -ज्ञानेंद्र वैश्य, आरटीओ