लोगों को जहां पर्याप्त पानी का इंतजार है तो नगरों को जलापूर्ति की योजनाओं की मंजूरियों तो जहां मंजूरी है वहां पूरी होने का इंतजार है। नगरीय क्षेत्रों में कई क्षेत्र ऐसे है जो नलकूपों से लेकर टैंकरों के भरोसे है। पत्रिका ने मंदसौर सहित पूरे जिले में निकाय क्षेत्रों में सप्लाई को लेकर खबर तैयार की। अधिकांश जगहों पर जुगाड़ तो जैसे-तैसे जलापूर्ति का काम किया जा रहा है।
दो दशक से ही यही है व्यवस्था
मंदसौर शहर में करीब दो दशक से यहीं व्यवस्था है। एक दिन छोडक़र ही सप्लाई की जाती है। कहने को तो रामघाट के साथ कालाभाटा बैराज भी है, लेकिन गर्मीतो ठीक बारिश के दिनों में भी एक दिन छोडक़र ही सप्लाईकिया जाता है। शहर मे २५ हजार से ज्यादा नल कलेक्शन है, लेकिन उनके लिए प्रतिदिन सप्लाई एक सपना बना हुआ है। शीतऋतु तक तो एक दिन छोडक़र स्थाई बन चुकी व्यवस्था के तहत सप्लाई होती है, लेकिन बाद में गर्मी तक नपा जैसे-तैसे पानी को सहेज-सहेज कर गर्मी का समय निकालती है। तो अधिग्रहण से लेकर अन्य तैयारियां भी करना पड़ती है। इस बार भी यहीं हालात है।
चंबल योजना ने बिगाड़ी नपा की प्लानिंग
मंदसौर से जलसंकट का स्थाई हल के लिए ५५ करोड़ की चंबल योजना बनी, लेकिन यह अब तक अधूरी पड़ी है। नपा की जलापूर्ति की प्लानिंग को चंबल की अधूरी योजना में बिगाड़ दिया है। मंदसौर को चंबल के पानी का अब भी इंतजार है, लेकिन अधूरे काम के कारण इस बार यह संभव नहीं हो सका। जिस दिन योजना पूरी हुई और चंबल का पानी मंदसौर आया तो नपा शहर को प्रतिदिन पानी देने की स्थिति में आ जाएगी। लेकिन इसके लिए चंबल प्रोजेक्ट की वर्तमान स्थिति को देखते हुए ६ से ८ माह का समय और लग सकता है।
यहां एक दिन छोडक़र होती है पानी की सप्लाई
नगरी नगर पंचायत सीएमओ शोभाराम परमार ने बताया कि वर्तमान में एक दिन छोडक़र पानी सप्लाई किया जा रहा है। दो कुएं परिषद के है तो ३ कुओं का अधिग्रहण किया है। इसके अलावा तीन और नलकूप अभी लगाए है। इनसे जलापूर्ति की जा रही है। पिपलियामंडी नगर परिषद सीएमओ नाहरसिंह यादव ने बताया कि काका गाडगिल सागर से पानी नगर में पहुंच रहा है। वर्तमान में एक दिन छोडक़र जलापूर्ति की जा रही है। वर्तमान में जलसंकट जैसी स्थिति नहीं है। सीतामऊ में एक दिन छोडक़र सप्लाई की जाती है। यहां पर नगर परिषद के बाद अपने स्रोत है। नलकूप से पानी एकत्रित कर एक दिन छोडक़र शुरु से चली आ रही व्यवस्था के अनुरुप वर्तमान में भी सप्लाई किया जा रहा है। गरोठ नगर में भी जलसंकट गहराया हुआ है। यहां भी गर्मी के साथ शुरु हुआ जलसंकट का दौर चल रहा है। पिछले कई दिनों से एक दिन छोडक़र ही सप्लाईकी जा रही है।
यहां प्रतिदिन होती है सप्लाई
नारायणगढ़ नगर परिषद सीएमओ बाबूलाल कुशवाह ने बताया कि रेतम बैराज के अलावा दो स्रोत और परिषद के पास है। ऐसे में यहां जलसंकट जैसी स्थिति नहीं है। वर्तमान में प्रतिदिन जलापूर्ति की जा रही है।मल्हारगढ़ नगर परिषद सीएमओ राजेश गुप्ता ने बताया कि गाडगिल सागर से पानी आता है। वर्तमान में जलसंकट जैसी स्थिति नहीं है। यहां प्रतिदिन जलापूर्ति की जा रही है। भानपुरा नगर मे भी प्रतिदिन पानी सप्लाई किया जा रहा है। यहां भी वर्तमान में जलसंकट जैसी स्थिति नहीं है।
यहां गर्मी से पहले आ गया जलसंकट
जिले की सुवासरा नगर में गर्मी आने से पहले ही जलसंकट आ गया। वर्तमान में यहां चार दिन में सप्लाई की जा रही है। चंबल से पानी की योजना तो बनी लेकिन वह भी सुवासरा की प्यास नहीं बुझा पा रही है। ऐसे में टैंकरों से पानी एकत्रित कर चार दिन में एक बार सप्लाई करने का काम किया जा रहा है। इसी कारण सुवासरा में वर्तमान में जिले में सबसे अधिक जलसंकट गहराया हुआ है। दलोदा जिले की दलोदा ग्राम पंचायत को विधानसभा चुनाव के पहले ही नगर परिषद का दर्जा मिला। लेकिन वहां वर्तमान में जलसंकट अधिक गहराया हुआ है। दूर-दूर से पानी आ रहा है तो लोगों को सप्लाई के लिए ३ से ७ दिनों तक का इंतजार करना पड़ रहा है। शामगढ़ वहीं समीप बसे शामगढ़ में ही जलसंकट के हालात जुदा नहीं है। यहां पर दो दिन छोडक़र सप्लाईका काम किया जा रहा है। ऐसे में शामगढ़ में भी जलसंकट गहराया हुआ है।
15 जून तक का है पानी
वर्तमान स्थिति में एक दिन छोडक़र सप्लाईकी जा रही है। १५ जून तक का पानी वर्तमान में है। इसके बाद पंपिग के माध्यम से पानी को एकत्रित कर सप्लाई किया जाएगा। जलसंकट जैसी स्थिति नहीं है। नपा की पूरी तैयारी है। एक ही क्षेत्रऐसा है जहां टैंकर से पानी भेजा जा रहा है। वह भी वहां खारा पानी होने के कारण। -आरपी मिश्रा, सीएमओ, नपा