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मंदसौर

एक-दूसरे का नाम लिए बिना यहां चले आरोपो के बाण

एक-दूसरे का नाम लिए बिना यहां चले आरोपो के बाण

मंदसौरNov 10, 2018 / 01:12 pm

harinath dwivedi

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एक-दूसरे का नाम लिए बिना यहां चले आरोपो के बाण

मंदसौर.
नाम निर्देशन पत्र जमा करने के अंतिम दिन मंदसौर विधानसभा में दोनों प्रमुख दलों के प्रत्याशियों ने एक-दूसरे पर निशाना साधने की शुरुआत भी कर दी। कांग्रेस के नरेंद्र नाहटा और भाजपा के यशपालसिंह सिसौदिया ने एक-दूसरे का नाम लिए बगैर एक-दूसरे पर निशाना साधते हुए आरोप लगाए। वहीं निर्दलीय दिनेश शर्मा ने भी क्षेत्र के मुद्दों पर आरोप लगाए।


अपनी निजी प्रॉपर्टी की देखरेख करना विकास है
भाजपा प्रत्याशी यशपालसिंह सिसौदिया ने कांग्रेस प्रत्याशी पर सीधे तौर पर आरोप लगाते हुए कहा कि अपनी निजी प्रॉपर्टी की देखरेख करने को ही विकास कहते है। वह व्यक्तिगत विकास है और हम सार्वजनिक विकास है। १० साल तक काबिना मंत्री थे, उन्होंने मंदसौर के लिए क्या किया। शासकीय कॉलेज निजी में कैसे तब्दील हो गया। लॉ कॉलेज भी हथियाया था। ऐसे कौने से दांव-पेच है। सरकारी कॉलेज को कैसे अपने कब्जे में किया। मंदसौर के लिए काम हर मुद्दे पर हमने किया है। जिस कॉलेज में दिनभर निगरानी के लिए जाते है, वहां की चमचमाती सडक़ बनाने का काम हमने किया है। भ्रष्टाचार इनके रग-रग में बसा है। इसलिए इन्हें यहीं याद आता है। पीले बंगले से निकलकर पीले कॉलेज में जाने का काम उन्होंने किया है। दलोदा, नगदी व मंदसौर के लिए फोरलेन सडक़, अंडरब्रिज, ओवरब्रिज, रिंग रोड से लेकर अन्य मुद्दों की उन्होंने प्राथमिकताएं बताई। मेडिकल कॉलेज की इच्छा थी। सीएम से बात हुई थी। अब पीपीपी मोड पर इसके लिए कोशिश करेंगे।


यदि मैं अपराधी तो 15 साल से सरकार आज तक सजा क्यों नहीं दिलवा सकें
कांग्रेस प्रत्याशी नरेंद्र नाहटा ने कहा कि यह चुनाव कोई राजनीतिक दल नहीं लड़ रहा है। जनता स्वयं ये चुनाव लड़ रही है। भाजपा के सांसद-विधायक ने मुझ पर १ हजार करोड़ के घोटाले का आरोप लगाया था। यदि है तो १५ सालों से सरकार है। यदि मैंने अपराध किया तो सजा क्यों नहीं दिला पाए। ये जनता समझ चुकी है। भाजपा के नेताओं की चरित्रहीनता का चेहरा, यही उनका स्वभाव है। जब कोई दूसरे मुद्दें नहीं बचते तो वह ऐसे आरोप लगाते है। १५ सालों से सरकार है। शिवना आज भी प्रदूषित है। पशुपतिनाथ को अंतराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने की बात थी, वह आज भी वहीं है। शिक्षा के क्षेत्र में मंदसौर की अपेक्षा थी। मेडिकल कॉलेज की मांग अब भी अधूरी है। मांग उठी थी, सत्तारुढ दल के जनप्रतिनिधियों ने भी आवाज उठाई, यह कहा गया कि सीएम से बात हुई, लेकिन मेडिकल कॉलेज रतलाम में बना। अब ऐसी स्थिति बन गई कि बहुत मुश्किल हो गया है। मेडिकल कॉलेज के नाम पर मंदसौर ठगा गया है।


बुझदिलों के खिलाफ है शंखनाद
निर्दलीय प्रत्याशी दिनेश शर्मा ने कहा कि तैलिया तालाब और जनता की संपत्तियां लूटकर धुरधर नहीं बना जाता है। बुझदिलों के खिलाफ शंखनाद किया है। हमने जनता की आवाज उठाई है। सामने कोई भी हो, हमें नहीं पता, जिसने जनता का काम किया, जनता उसके साथ रहेगी। दलोदा, नगदी व क्षेत्र की जनता की आवाज उठाई है। इसलिए जनता हमारे साथ है। लड़ाई जारी है। इसलिए चुनाव लड़ रहे है। किसानों से लेकर किसान गोलीकांड व तैलिया तालाब से लेकर अन्य मामलों में हर छोटी बड़ी मुद्दों पर लड़ाई लड़ी है।

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