वहीं अब जिले के जनप्रतिनिधियों ने भी इसमें एक कदम बढ़ाया है। विधायक-सांसद एक माह का वेतन बाढ़ प्रभावितों की मदद के लिए देंगे। इसकी घोषणा पूर्व सीएम शिवराजसिंह चौहान की मौजूदगी में की है।
सांसद-विधायक देेंगे बाढ़ प्रभावितों को एक माह का वेतन पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने भोपाल में ही रविवार को मंदसौर बाढ़ प्रभावितों का एक माह का वेतन देने की घोषणा की थी। इसके बाद सोमवार को मंदसौर विधायक यशपालसिंह सिसौदिया, मल्हारगढ़ विधायक जगदीश देवड़ा के साथ ही सांसद सुधीर गुप्ता, गरोठ विधायक देवीलाल धाकड़ ने भी एक-एक माह का वेतन बाढ़ प्रभावितों की मदद के लिए देने की बात कही है।
दरअसल, जिले में बारिश ने पिछले कई सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। 75 सालों के इतिहास में इस बार की बारिश सबसे ज्यादा हुई है। चंबल-शिवना, तुंबड़ नदियों की बाढ़ ने कई गांवों में डूबों दिया है। तो कई घर भी जलमग्न हो गए है। अनेक लोगों के कच्चे मकान टूट गए है। जिले में नदियों ने भी इस बार रौद्र रुप दिखाया। जिले में गरोठ में अब तक की ९० इंच तक बारिश हुई। तो वहीं मंदसौर-सीतामऊ में ८० इंच के करीब बारिश हो गई। जिले में मुसलाधार बारिश ने पानी ही पानी कर दिया है।
बारिश थमने के तीन दिनों बाद भी अब तक हालात सामान्य नहीं हुए है और अनेक जगहों पर जलजमाव के हालात बन गए है। बारिश थमने के बाद रविवार को जलजमाव के कारण लोगों की परेशानियां बढ़ गई। जिले के ११० सालों के रिकॉर्ड में २४ घंटे में औसत १५ इंच बारिश पहली बार हुई। संजीत, धुधड़का में १५-१५ इंच से अधिक तो सीतामऊ में ११ और मंदसौर में ८ इंच, मल्हारगढ़ में ७ इंच से अधिक बारिश हुई। वही गरोठ-भानपुरा, सुवासरा में ४-४ इंच से अधिक बारिश हुई। जिले में अब तक की औसत बारिश भी ७८ इंच हो गई। जो रिकॉर्ड है।