scriptसांवरिया सेठ को लगाया छप्पन भोग, महिलाओ ने किए भजन कीर्तन | NEws | Patrika News
मंदसौर

सांवरिया सेठ को लगाया छप्पन भोग, महिलाओ ने किए भजन कीर्तन

सांवरिया सेठ को लगाया छप्पन भोग, महिलाओ ने किए भजन कीर्तन

मंदसौरSep 09, 2018 / 02:17 pm

harinath dwivedi

patrika

सांवरिया सेठ को लगाया छप्पन भोग, महिलाओ ने किए भजन कीर्तन

मंदसौर.
भानपुरा के ग्राम भैंसोदा में शनिवार को भादौ माह की शिव चतुर्दशी के उपलक्ष्य में अस्पताल रोड़ स्थित सांवरिया महाराज मंदिर पर सांवलिया सेठ सेवा समिति की महिला मंंडल द्वारा छप्पन भोग का आयोजन किया गया। इसमे सर्वप्रथम पूजारी हरिवल्लभ बैरागी द्वारा भगवान सांवरिया सेठ का आकर्षक एवं मनमोहक श्रंगार किया गया। इसके बाद दोपहर करीब 1 बजे महिलाएं बड़ी संख्या में सज-धज एवं लाल चुनरी वाली साड़ी पहनकर घरो में बनाए गए स्वादिष्ठ व्यंजनों एवं अन्य मिठाइयो और फलो के साथ मंदिर परिसर पहुंची। यहां सांवरिया सेठ के गर्भगृह को स्वादिष्ट व्यंजनों और पकवानो से सजा दिया। पकवानो की खुशबु से मंदिर परिसर महक उठा। महिलाओ ने दिनभर मंदिर परिसर में भजन कीर्तन भी किए और राधा कृष्ण के भक्ति गीतों पर जमकर नृत्य भी किया गया। सांयकाल भगवान सांवरिया सेठ की महाआरती की गई और प्रसाद वितरण किया गया। इस अवसर पर महिला मंडल की सदस्य उषा जोशी, मोना सोनी, मंजू विश्वकर्मा, सावित्री पाटीदार, गायत्री श्रोत्रिय, संतोष श्रोत्रिय, भगवती सोनी, मंजुला सोनी, शीला द्विवेदी, श्यामू बाई पाटीदार, संतोष सोनी, गायत्री पाटीदार, बिंदु शर्मा, मंजू शर्मा, सज्जन बाई वप्ता सहित कई महिलाएं उपस्थित रही।छप्पन भोग के दर्शन ले लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे और धर्मलाभ लिया।


साधारण पुरुष भी मर्यादा में रहकर पुरुषोत्तम बन सकता है
कोई भी पुरुष अपने कर्मो को मर्यादा में रहकर सम्पादित करे तो वह सभी पुरुषों में उत्तम हो जाता है वह पुरुषोत्तम बन जाता है। परमेश्वर होते हुए भी श्रीराम ने अपने सम्पूर्ण जीवन में कभी भी अपनी मर्यादा नहीं लांघी। यह बात पंडित अमन बैरागी ने कहीं। वे गरोठ में आयोजित भागवत कथा में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि मानव जीवन व्यतीत करते हुए उन्होंने जन्म लिया, शिक्षा प्राप्त की, वनवास भोगा, मित्रता निभाई। संतान, भाई, पति- पिता और राजा धर्म निभाया। वे चाहते तो बगैर लीला धरे रावण को नष्ट कर सकते थे परंतु ‘मर्यादा’ में रहकर ही उन्होंने जीवन पर्यन्त सुख की अपेक्षा कष्टदायी राह को अपनाकर मर्यादा की महिमा को रामलीला द्वारा स्पष्ट किया तथा यह सन्देश दिया कि मर्यादा वाला जीवन ही रामराज्य कहलाता है। कथा के उत्तरायण समय में भगवान विष्णु के कृष्ण अवतार में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाया गया। तेज वर्षा के मध्य जब भागवत कथा में कान्हा के जन्मकाल का प्रसंग आया तो श्रोता मंत्रमुग्ध हो गए। रविवार की कथा में श्रीकृष्ण लीला, रुक्मणी मंगल, गोवर्धन पूजा के प्रसंग एवं छप्पन भोग का आयोजन होगा।

Home / Mandsaur / सांवरिया सेठ को लगाया छप्पन भोग, महिलाओ ने किए भजन कीर्तन

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो