फसल में दाना नहीं बना तो इस दवाई का करें छिडक़ाव
उप संचालक कृषि अजित सिंह राठौर ने बताया कि वैज्ञानिको द्वारा किसानों को सलाह दी गई कि अगर फलियों में दाना बन गया है तथा फसल पकने की स्थिति में हो तो अब दवाई का स्प्रे करने से कोई फायदा नहीं है तथा जिन किसानों की सोयाबीन की फसल में फलियों में दाना अभी नहीं बना है तथा फसल हरी खड़ी है उसमें थायोफिनाईट मिथाईल 1.5 ग्राम प्रति लीटर अथवा टेबुकोनाजोल 625 मिली प्रति हैक्टेयर सल्फर 1 लीटर को 500 लीटर पानी में मिलाकर छिडकाव करें तथा किसानों को बताया गया कि जेएस- 9560 किस्म के स्थान पर जेएस- 2034, जेएस- 2069 तथा जेएस- 2098 किस्मो का उपयोग करें।
अपनी ही राशि के लिए 4-5 माह से भटक रहा किसान
प्रदेश सरकार ने किसानों की खेती को लाभ का धंधा बनाने की अनेक तरह की योजनाएं चलाई है लेकिन सरकारी अधिकारी- कर्मचारी इस योजनाओं को पलीता लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। ऐसा ही एक मामला अरनिया निजामुद्दीन के किसान ईस्माइल फखरुद्दीन अजमेरी का सामने आया है, वर्ष-2017 की गेहूं की बोनस राशि जिसका भुगतान 16 अप्रेल 2018 को हुआ था। यह राशि डिगांव माली की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता विद्याबाई ठाकुर के नाम से वह राशि डाल दी गई, इस बात की जानकारी किसान इस्माइल अजमेरी को लगी तो उन्होंने गुर्जरबर्डिया सोसायटी व कृषि विभाग को अवगत कराया। इस पर सोसायटी प्रबंधक ने कहा कि कृषि विभाग की गलती है। वहीं कृषि विभाग ने कहा कि सोसायटी की गलती है। किसान को अपनी ही राशि लेने के लिए विभागों के चक्कर लगाने पड़ रहे है। करीब 4 से 5 महीने हो गए है, लेकिन किसान को राशि नहीं मिली है। इस संबंध में किसान इस्माइल अजमेरी ने 1 अगस्त को सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत की, 4 अगस्त को मंदसौर कलेक्टर को शिकायत की फिर भी आज तक कोई निराकरण नहीं हुआ। कृषि उपसंचालक अजीत सिंह राठौर से इस संबंध में बात की तो कोई संतोषपूर्ण उत्तर नहीं मिला। सोसायटी प्रबंधक रायसिंह धनगर ने कहा कि यह गलती कृषि विभाग की है, इसमें हम क्या करें। विद्या बाई ठाकुर से बोला भी है तो उनका कहना था कि पेमेंट तो मेरे पास खर्चा हो गया है मेरे पास जब आएगा जब देखूंगी।