पुराना भवन, डे्रनेज सिस्टम और टंकियों का लीकेज सबसे बड़े माइनस पाइंट
एक्सर्टनल एसेसर सय्यद फरीद उद्दीन और शरवरी वाले ने जिला अस्पताल का निरीक्षण ऑटो से शुरु किया। यहां पर करीब डेढ़ से दो घंटे तक निरीक्षण किया। जिसमें वहां की व्यवस्थाओं सहित रिकार्ड कैसे मेंटेन किया जाता है। वह देखा। निरीक्षण में अधिकारियों के सामने आया डे्रनेज सिस्टम जिला अस्पताल का बहुत खराब है। इसके अलावा छत पर पानी की टंकियों में से लीकेज हो रहा है। जिसको लेकर उन्होंने सिनटेक्स की टंकियों को रखने की बात सिविल सर्जन डॉ अधीर मिश्रा से कही। वहीं जिला अस्पताल का भवन काफी पुराना है। इन तीनों जिला अस्पताल की सबसे बड़ी कमियां है।
हेंडहाइजिन को लेकर जवाब नहीं दे पाया स्टाफ
टीम ने मेटरनिटी विंग में एक स्टाफ नर्स से हेंडहाइजिन को लेकर प्रश्र पूछा तो स्टाफ नर्स जवाब नहीं दे पाई। उन्होंने फिर स्टाफ नर्स से कहा कि यह छह स्टेप में होता है और संक्रमण को कंट्रोल करता है। टीम ने मेटरनिटी विंग में देखा कि टेबल पास-पास रखी हुई है। वॉश एरिया में जगह की कमी है। इसके सहित अन्य कमियां मेटरनिटी विंग में सामने आई है।
18 विभागों को किया अलग-अलग
नेशनल क्वालिटी एसोरेंश स्टेंडर्ड के तहत जिला अस्पताल के 18 विभागोंं को अलग-अलग किया गया। प्रत्येक विभाग के लिए 600 नंबर तय किए गए है। इन सभी का अलग-अलग निरीक्षण किया जाएगा। तय मापदंड के आधार पर विभागों का निरीक्षण कर नंबर दिए जाएंगे। और उसकी एक रिपेार्ट तैयार की जाएगी। उसके आधार पर जिला अस्पताल की रेङ्क्षकग तय होगी।
इनका कहना…
क्वालिटी कंट्रोल टीम के एक्सर्टनल एसेसर सय्यद फरीद उद्दीन ने कहा कि दो दिनों तक निरीक्षण किया जाएगा। उसकी रिपोर्ट आलाअधिकारियों को सौंपी जाएगी। कुछ कमियों सामने आई जिनको सुधारने के लिए अधिकारियों को कहा है। पुराना भवन, ड्रेनेज सिस्टम और सीपेज बड़ी समस्या है।