जेसीबी व क्रेन की नहीं ली मदद
मंदिर समिति द्वारा पहले लिए गए निर्णय के अनुसार सहस्त्रशिवलिंग को जेसीबी व के्रन की सहायता से हटाया जाना था। लेकिन प्रतिमा की सुरक्षा को देखते हुए इस निर्णय में मंदिर प्रबंध समिति द्वारा परिर्वतन किया गया। बुधवार को समिति ने तकनीकी रुप से पारंगत ऐसे लोगो को बुलाने का निर्णय लिया जो वजनी सामान बिना तोड़- फोड़ किए उठाकर व्यवस्थित जगह पहुंचा दे। ऐसे करीब २० लोगो को बुलवाकर पहले शिवलिंग को जमीन से बाहर निकवाया गया। इसके बाद लोहे की गोल भारी रॉडो पर शिवलिंग को रखकर निर्माण स्थल से दूर सुरक्षित जगह पर स्थापित करवाया गया। उल्लेखनीय है कि सहस्त्रशिवलिंग में अलग- अलग आकृतियों में १००८ छोटे- छोटे शिवलिंग उकेरे हुए है।
मंदिर समिति का जर्जर भवन भी हटेगा
शिवलिंग को अन्यत्र स्थान पर स्थानांतरित करने के बाद अब ठेकेदार द्वारा निर्माण व खुदाई कार्य तेज किया जाएगा। सहस्त्रशिवलिंग परिसर क्षेत्र में स्थित मंदिर समिति के जर्जर भवन को भी तोड़ा जाएगा। करीब २.५ हजार स्क्वेयर फीट क्षेत्र में यह भवन बना हुआ है। इस भवन को पूरा तोडक़र समतल किया जाएगा। इसके बाद यहां मंदिर निर्माण कार्य प्रारंभ होगा।
आज होगी विद्युत पोल हटाने की कार्रवाई
निर्माण व खुदाई कार्य में बाधा बन रहे तीन विद्युत पोलो को हटाने के लिए गुरुवार को कार्रवाई होगी। इसके लिए एक ठेकेदार नियुक्त कर दिया गया है। हालांकि बुधवार से ही बिजली लाइन शिफ्टिंग सहित अन्य कार्य नियुक्त ठेकेदार ने प्रारंभ कर दिए है। बुधवार को जेसीबी की सहायता से खुदाई कर मलबे को ट्रेक्टर- ट्राली में डालकर अन्य स्थान पर डलवाया गया।
इनका कहना…
सहस्त्रशिवलिंग को निर्माण कार्य क्षेत्र से सुरक्षित स्थान पर स्थापित कर दिया गया है। विद्युत पोल हटाने को लेकर संबंधित ठेकेदार गुरुवार को कार्रवाई करेगा।
– एसएल शाक्य, मंदिर समिति सचिव एवं एसडीएम