मुक्तिधाम नहीं, ट्रैैक्टर लगाकर, अस्थाई पतरों का टीनशेड बनाकर करना पड़ा अंतिम संस्कार
मुक्तिधाम नहीं, ट्रैैक्टर लगाकर, अस्थाई पतरों का टीनशेड बनाकर करना पड़ा अंतिम संस्कार
मुक्तिधाम नहीं, ट्रैैक्टर लगाकर, अस्थाई पतरों का टीनशेड बनाकर करना पड़ा अंतिम संस्कार
मंदसौर.
जिले के सीतामऊ क्षेत्र के गांव मानपुरा में अस्थाई पतरों का टीनशेड बनाकर फिर अंतिम संस्कार करना पड़ रहा है। किसी के निधन हो जाने पर ग्रामीणों को पहले पतरों का टीनशेड तैयार करना पड़ता है। बारिश के इस दौर में अंतिम संस्कार करने में और भी अधिक मुसीबतों का सामना लोगों को करना पड़ रहा है। पखवाड़े भर पहले भी बारिश के दौर में एक व्यक्ति के निधन पर पतरे लगाकर अंतिम संस्कार करना पड़ा। बुधवार को भी दो लोगों के निधन पर इसी प्रकार से अंतिम संस्कार करना पड़ा। मुक्तिधाम के लिए शेड नहीं है जबकि बाउंड्री यहां बनाई गई है। जबकि यहां विधायक निधि से विधायक हरदीपसिंह डंग ने मुक्तिधाम के लिए ५ लाख की राशि पूर्व में दी थी। विधायक ने बताया कि गांव में मुक्तिधाम के लिए पहले राशि दी गई थी। इस पर बाउंडी बनी हुई है। शेड अब तक नहीं बनाया गया है।
अंतिम संस्कार के पहले यह करना होता है यह इंतजाम
जानकारी के अनुसार गांव के कन्हैयालाल कछावा और राधा नाम की महिला दोनेां का निधन हो गया था। गांव में ही एक ही जगह मुक्तिधाम है। बारिश के दौर में यहां मृतक का अंतिम संस्कार करने के पहले गा्रमीणों को कई संसाधन जुटाना होते है। यहां अस्थाई टीन शेड बनाकर फिर अंतिम संस्कार करना पड़ता है। बारिश के चलते बुधवार को भी ऐसा ही घटनाक्रम हुआ। अंतिम संस्कार करने के लिए मृतक की अंतिम यात्रा जब मुक्तिधाम पहुंची तो साथ में आए ग्रामीण भी अलग बैठकर इंतजार करते रहे और एक ट्रैक्टर यहां लाया गया। इसमें पतरों से लेकर अन्य सामान लाए। ट्रैक्टर पर चढ़कर यहां पतरों को पोल खड़े कर लगाया लगाया और इसके बाद अंतिम संस्कार मृतक का हो सका। यही घटनाक्रम पिछले पखवाड़े भर पहले भी हुआ था। मुक्तिधाम पर जो राशि आई थी उससे बाउंड्री बनी लेकिन शेड बनाना रह गया। इसके बाद भी अब तक इस पर किसी ने संज्ञान नहीं लिया और गा्रमीणजन अब भी इस समस्या से परेशान हो रहे है। यह एक या दो दिन नहीं बल्कि बारिश के दिनों में वर्तमान में हर समय की परेशानी बन गई है।
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