स्वास्थ्य, समाज, संस्कृति को सुरक्षित रखने में सहायक योग
मंदसौर•Feb 04, 2019 / 05:57 pm•
Jagdish Vasuniya
स्वास्थ्य, समाज, संस्कृति को सुरक्षित रखने में सहायक योग
मंदसौर । सीतामऊ वर्तमान समय में जहां एक ओर प्रदूषित पर्यावरण, रासायनिक जहरीले उत्प्रेरकों से उत्पादित खाद्यान्न, सब्जियां, फल के सेवन से बीमारियां बढ़ रही है।इससे स्वास्थ्य पूरी तरह जहां गड़बड़ा रहा है वहीं दूसरी ओर सभी क्षेत्रों में वैचारिक प्रदूषण भी बढ़ रहा है। ऐसी स्थिति में समाज, स्वास्थ्य व संस्कृति को सुरक्षित रखने के लिए योग सहायक है। यह बात पतंजलि योग संस्थान हरिद्वार के संस्थापक विजयदेव महाराज ने सीतामऊ में योग प्रचारक प्रकल्प कार्यशाला में कही। स्वामीजी द्वारा सुबह 5.30 से 8 बजे तक योगाभ्यास कराया गया। योगाभ्यास कराने में पतंजली प्रांतीय युवा संगठन प्रभारी प्रेमाराम पुनिया तथा पतंजली योग संगठन जिलाध्यक्ष बंशीलाल टांक भी मौजूद थे। भारत स्वाभिमान जिला प्रचारक महेश कुमावत भी उपस्थित रहे। सीतामऊ के समीपस्थ ग्राम खेड़ा में स्वामीजी द्वारा मोड़ी माताजी मंदिर में मोड़ी माता के दर्शन किए। गांव तितरोद में अंबामाता मंदिर में भी हुए आध्यात्मिक प्रवचन में कहा कि आध्यात्मिक दृष्टि से हम अपना सुधार उद्धार करवाने के लिए भटकते रहते है लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हमारा सुधार हमारे अलावा दूसरा कोई नहीं कर सकता। जीवन का सबसे बड़ा पाप है शरीर को स्वस्थ नहीं रखना। नियमित योग व अच्छे खानपान से तन और मन को स्वस्थ रख सकते है। मन को स्वस्थ रखने के लिये सबके साथ स्नेेह भरा प्रेम पूर्वक व्यवहार और ईश्वर का स्मरण होते रहना चाहिए। शरीर से स्वस्थ रहकर जग की सेवा, भीतर से खुद अपने आत्म स्वरूप की खोज और परमात्मा से प्रीति जीवन में इन तीन सूत्र को सदैव ध्यान में रखना चाहिए। आध्यात्मिक प्रवचन में बड़ी संख्या में महिलाओं, बच्चों सहित ग्रामवासियों ने भाग लिया।
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