इसका कारण पनवाड़ी के रास्ते भी तालाब का नाला पड़ता है जो बह रहा है, वह रास्ता पार करना भी जोखिम भरा है। खेड़ावासी कराडिया आने के लिए लकड़ी और बांस बल्ली के सहारे टूटी हुई पुलिया को पार कर रहे हैं। जो खतरे से खाली नहीं है। जानजोखिम में डालकर ग्रामीण पुलिया पार कर रहे है। वहीं दूसरी ओर वह पनवाड़ी भी जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। यह सड़क मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बनी हुई है। इसकी नोडल एजेंसी प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत है।
पुलिया ने तोड़ा दम, ग्रामीण सहित स्कूली बच्चे भी हो रहे परेशान
नाहरगढ़ थाना क्षेत्र गांव माताजी लोध में तुंबङ नदी में बनी ग्रामीणों के लिए परेशानियों का कारण बन गई है। यहां से ग्रामीण व स्कूली विद्यार्थियों को आवाजाही में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। प्रधानमंत्री सड़क योजना में पुलिया बनी थी। सोमवार को तेज बहाव में अचानक पुलिया पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई। इससे पिछले दो दिनों से कई बच्चे विद्यालय नहीं पहुंच पा रहे है।
नाहरगढ़ थाना क्षेत्र गांव माताजी लोध में तुंबङ नदी में बनी ग्रामीणों के लिए परेशानियों का कारण बन गई है। यहां से ग्रामीण व स्कूली विद्यार्थियों को आवाजाही में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। प्रधानमंत्री सड़क योजना में पुलिया बनी थी। सोमवार को तेज बहाव में अचानक पुलिया पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई। इससे पिछले दो दिनों से कई बच्चे विद्यालय नहीं पहुंच पा रहे है।
वही लोध के कई मजदूर शहर नहीं जा पा रहे है। सरपंच जगदीश कुमावत का कहना है कि पूर्वी नईआबादी लोध ओर लोध माताजी के बीच में तुंबङ नदी है। इसके बीच में आने-जाने के लिए प्रधानमंत्री सड़क योजना के अंतर्गत एक पुलिया के निर्माण किया हुआ था। सोमवार को नदी में ज्यादा पानी आने के कारण पुलिया पूरी तरह से टूट गई। इसमें गांव लोध के बच्चे रठाना पडऩे जाते है और जो नई आबादी से उस लोध में 8वी तक विद्यालय संचालित है। बच्चे उस गांव में भी पढ़ाई के लिए विद्यालय में जाते है। वही पुलिया टूटने से बच्चो सहित दर्जन भर गांवों का आवागमन बंद हो गया है। पुलिया टूटने से ऐसी स्थिति में कई ग्रामीण जान जोखिम में डालकर नदी पार कर रहे है।