खेतों में पानी भरा है7 और सर्वे शुरु नहीं हुआ। इससे किसानों में आक्रोश व्याप्त है। किसानों ने राज्यपाल के नाम ज्ञापन नायब तहसीलदार पंकज जाट को दिया। इसके साथ ही गांधीसागर बांध का लेवल 1305 फीट रखे जाने की मांग की। गांव मोलाखेड़ी बुजुर्ग के बड़ी संख्या में किसान मंगलवार दोपहर एसडीएम कार्यालय पहुंचे जहां पर उन्होंने ज्ञापन दिया है।
ज्ञापन में किसानों ने बताया कि बताया कि बांध का निर्माण हुआ उस समय जलाशय का वाटर लेवल 1312 रखा गया था । इसके बाद सीमा तय की गई थी लेबल से अधिक पानी भरने के बाद किसानों के राजस्व की कृषि भूमि में भी कई बार पानी भर जाता है जिसका मुआवजा शासन द्वारा नहीं दिया जाता है। बारिश होने व प्रशासन की उदासीनता के कारण जलस्तर लेबल से अधिक होने के बाद भी बांध के गेट समय पर नहीं खोले इसकेकारण वाटर लेवल अधिक हुआ और फसलें नष्ट हो गई। मोलाखेड़ी बुजुर्ग में लग रहे मुर्गी फार्मो में करीब 10 से 20 हजार मुर्गियां भी मर चुकी है। इसके साथ पशुधन की हानि भी हुई। फिर भी सर्वे नहीं हुआ।
सात दिन में दे मुआवजा, नहीं तो करेंगे आंदोलन
किसानों ने बताया कि प्रदेश में मानसून हाई अलर्ट होने के बाद भी अधिकारियों द्वारा समय पर गेट नहीं खोलने जाकर गंभीर लापरवाही की गई है जिसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने एक सप्ताह में आंकलन कर मुआवजा देने की मांग की। नहीं तो आंदोलन की चेतावनी दी है। वहीं पावटी गांव के किसानों ने भी पहुंचकर ज्ञापन दिया और सर्वे के बाद मुआवजे की मांग की है।