———————– जबकि २ हजार २३२ प्रकरण बैंक रिकवरी से संबंधित व भारतीय संचार निगम से संबंधित तीन हजार २३२ प्रकरणों में भी समझौता प्रस्ताव खंडपीठों में पेश किए जाएंगे। लोक उपयोगी सेवाओं से संबंधित मसलन बीमा सेवा, बैंकिग एवं वित्तीय संस्थान, शैक्षिक एवं शैक्षिणिक संस्थानों, डाक तार एवं टेलीफोन सेवा, विद्युत प्रकाश या जलप्रदाय संबंधित या वायु सड़क या जल मार्ग द्वारा यात्रियों के माल के वहन के लिए यातायात सेवा संबंधित प्रकरणों का निराकरण भी नेशनल लोक अदालत में हो सकेगा। इस अदालत की विशेषता यह होगी कि निर्णय होने के बाद संबंधित व्यक्ति कही अपील नहीं कर पाएगा। और समझौता करार के आधार पर दिया गया। प्रत्येक अधी निर्णय अंतिम होकर पक्षकारों पर बंधन कारी होगा। लोक उपयोगी बिजली कंपनी व नगर पालिका या नगर परिषद से संबंधित सेवाओं के राजीनामा योग्य प्रकरणों में कईप्रकार की छूट भी मिल सकेगी।