मंदसौर में सबसे अधिक नगरी में सबसे कम मतदाता
जिले की ११ निकायों में चुनाव होना है। लेकिन अभी आरक्षण प्रक्रिया १० में होगी। मंदसौर जिले की अग्रणी निकाय है। ऐसे में यहां १ लाख २२ हजार २३५ मतदाता है। वहीं शामगढ़ में १९ हजार ३६८, भानपुरा में १८ हजार ७८९, गरोठ में १४ हजार ५५८, पिपलियामंडी में १२ हजार ३२६, भैंसोदा में ११ हजार ९४८, सीतामऊ में ११ हजार २०१, सुवासरा में ११ हजार २५८ नारायणगढ़ में ८ हजार ६१३ मल्हारगढ़ में ६ हजार ७४५ तो नगरी में सबसे कम ५ हजार ६३९ मतदाता है। वहीं अन्य मतदाताओं की संख्या सिर्फ ११ है। वह भी मंदसौर में ६, नगरी में १, पिपलियामंडी में २, सुवासरा-शामगढ़ में १-१ है।
जिले की सभी नगर सरकार वर्तमान में अफसरों के भरोसे
जिले की १० नगर परिषदों सहित मंदसौर नपा वर्तमान में अधिकारियों के भरोसे है। सभी नगर सरकारों में प्रशासक कामकाज संभाल रहे है। जिले की ८ नगर परिषद का कार्यकाल वर्ष २०२० में जनवरी माह के आसपास पूरा हो चुका था तो प्रशासन को चार्ज दिया। वहीं अगस्त में सुवासरा का चार्ज भी पूरा हुआ। तो भैंसोदा नगर परिषद का गठन नया हुआ है। वहीं मंदसौर नगर पालिका का कार्यकाल जनवरी-२१ में पूरा होने के बाद कलेक्टर प्रशासक है। ऐसे में लंबे समय से जिले की निकायों में अफसरशाही हावी है। और अफसरों के हिसाब से ही कामकाज का संचालन हो रहा है। और चुनाव लंबे समय से टलते आ रहे है।
तैयारियां जोरों पर, प्रशासन व दल अपनी तैयारियों में लगे
कोर्ट के फरमान के बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने भी चुनावी तैयारियों के लिए जिला प्रशासन को कहा है और तैयारियों का दौर शुरु हो गया हर दिन बैठको के साथ तैयारियों चल रही है। इसी क्रम में सबसे पहले आरक्षण प्रक्रिया होगी। प्रशासन की अपनी तैयारियों के बीच राजनीतिक दलों और चुनाव लडऩे के इच्छुक दावेदारों की भी अपनी तैयारियों का दौर शुरु हो गया है। दल अपने लोगों के नामों का फिडबैक जुटाने में लग गए है।