जनवरी-२०२० में होने वाली स्वच्छता की इस परीक्षा के लिए पैरामीटर तय है। नपा को तरीके भी पता है कि वह अपने नंबर कैसे बढ़ा सकती है, लेकिन अभी इस पर काम ने गति नहीं पकड़ी है। व्यवसायीक क्षेत्रों में डस्टबीन पहले लगे थे। सालभर में आधे भी नहीं बचे, यहां फिर से डस्टबीन नपा लगाएगी। तो वहीं स्कूल-कॉलेजों से लेकर रैली निकालकर लोगों में स्वच्छता को लेकर जागरुकता के काम भी चल रही है। दफ्तर में बैठकर की गई अपनी तैयारी को नपा को धरातल पर उतारना है।
सर्विस लेवल:-
घर-घर कचरा संग्रहण से लेकर कचरे का निष्पादन व गीले-सूखे कचरे का पृथकीकरण, व्यवसायीक व आबादी क्षेत्र में झाडू से सफाई, शहर में लगे डस्टबीन को खाली करने के अलावा सफाई से जुड़े अन्य बिंदु शामिल है। इन पर किए जाने वाले काम के आधार पर नपा को १५०० में से अंक दिए जाएंगे।
सिटीजन फीटबैक:-
शहर में की जाने वाली सफाई से लेकर सर्विस लेवल में होने वाले कामों पर शहर की जनता का फीटबैक लिया जाएगा। इसमें नपा के कामों पर जनता की फीडबैक जब तक मुहर नहीं लगाएगा तब नपा के अंक नहीं बढ़ेगे। सर्विस लेवल के कामों को जनता ओके कहेगी तो ही इसमें नपा के अंक बढ़ेंगे। इसके अलावा वेस्ट बिल्डिंग मटेरियल व शौचालयों की सफाई भी इसमें शामिल है। इसमें भी १५०० में से अंक मिलेंगे।
स्टार रैटिंग:-
१५०० अंकों की इस स्टार रैटिंग में नपा को सर्विस लेवल व सिटीजन फीडबैक के आधार पर नंबर मिलेंगे। इसमें ओडीएफ प्लस के अंक में शामिल है। ओडीएफ प्लस के लिए नपा ने आवेदन कर दिया और इसके लिए सर्वे हो भी चुका है। पहली दोनों केटेगरी के अलावा ओडीएफ प्लस में मिलने वाले अंक में इस केटेगरी में नपा के अंक तय करेगीं।
डायरेक्ट ऑब्जर्वेशन:-
सर्वेक्षण के लिए आने वाली टीम डायरेक्ट ऑब्जर्वेशन करेगी। इसमें भी १५०० अंक तय है। स्वच्छता के लिए किए जाने वाले कामों और डाक्यूमेेंट के आधार पर नपा द्वारा दिखाए कामों को टीम नपा की जानकारी के बिना सीधे मौके पर पहुंचकर जानकारी जुटाएगी कि सही मायनो में काम हो रहा के नहीं। इसमें कचरा गाडिय़ों से लेकर कचरे का निष्पादन व प्रचार-प्रसार के कामों के अलावा शहर में होने वाली सफाई को देखा जाएगा।
सभी काम चल रहे है
प्रचार-प्रसार से लेकर कचरा संग्रहण व निष्पादन से लेकर स्वच्छता सर्वेक्षण से जुड़े हर पैरामीटर पर नपा का अमला काम कर रहे है। इस बार बेहतर अंक हासिल करने के लिए पूरी कोशिश की जा रही है। अब शहरवासियों से भी इस अभियान में अपनी भूमिका निर्वहन करने की आस है। -केजी उपाध्याय, स्वास्थ्य अधिकारी