न खाने को बचा और न रहने के लिए छत बची
नपा में धरने पर बैठी महिलाओं की सुनवाई नहीं होने पर उन्होंने नपा पहुंचकर विरोध प्रदर्शन किया और धरना दे दिया। यहां उन्होंंने कहा कि बाढ़ के कारण घर में रखा अनाज और सभी राशन सहित अन्य सामान बह गए। घर में खाने को कुछ नहीं बचा। मकान टूट गए। अब छत भी नहीं बची। रहने को छत और खान को अनाज तक और पहनने को कपड़े के साथ घरेलु सामान तक नहीं बचा। हर जगह राहत का आश्वासन दिया जा रहा है, लेकिन उनके क्षेत्र में न तो कोई गेंहू अब तक वितरित किया गया है और न हीं मकानों और घरों में हुए नुकसान के सर्वे के लिए कोई आया है। ऐसे में कई दिनों से परेशान हो रहे है। नपाध्यक्ष ने महिलाओं को मदद का भरोसा दिया। इसके बाद वह यहां से हटी और मामला शांत हुआ।